देहरादून : भू-कानून की मांग को लेकर बीएसएनएल के टावर पर चढ़ा आंदोलनकारी छह घंटे बाद उतरा
सुरेंद्र को टावर से नीचे उतारने के लिए पुलिस-प्रशासन को करीब छह घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी। सुरेंद्र को आश्वासन दिया कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, देहरादून : उत्तराखंड में सशक्त भू-कानून के लिए आंदोलनरत समाजसेवी सुरेंद्र सिंह रावत अपनी मांग मनवाने को मोबाइल टावर पर चढ़ गए। सुरेंद्र को टावर से नीचे उतारने के लिए पुलिस-प्रशासन को करीब छह घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी। सिटी मजिस्ट्रेट की ओर से इस मसले पर मुख्यमंत्री से बात किए जाने का आश्वासन मिलने पर सुरेंद्र टावर से उतरे। तब जाकर पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों की सांस में सांस आई।
घटनाक्रम के अनुसार पिछले कुछ दिनों से गांधी पार्क के बाहर सशक्त भू-कानून लागू करने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे सुरेंद्र सोमवार सुबह करीब सात बजे पटेलनगर स्थित बीएसएनएल कार्यालय के परिसर में पहुंचे और वहां लगे मोबाइल टावर पर चढ़ गए। इसके बाद उन्होंने अपनी मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। स्थानीय निवासियों और राहगीरों ने यह देखा तो पुलिस को सूचना दी। कुछ ही देर में पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंच गई।
अधिकारियों ने टावर से उतरने के लिए सुरेंद्र की काफी मान-मनौव्वल की, मगर वह नहीं माने। सुरेंद्र अपनी मांग को तत्काल मनवाने की बात पर अड़े थे। इस बीच सिटी मजिस्ट्रेट कुश्म चौहान भी मौके पर पहुंच गईं। उन्होंने सुरेंद्र को समझाने का प्रयास करते हुए बताया कि अभी चम्पावत उपचुनाव के चलते वहां आचार संहिता लगी हुई है। मुख्यमंत्री उपचुनाव में व्यस्त हैं।
उन्होंने सुरेंद्र को आश्वासन दिया कि वह मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और सरकार तक उनकी बात पहुंचाएंगी। तब जाकर सुरेंद्र माने और दोपहर एक बजे टावर से नीचे उतर आए। इसके बाद सुरेंद्र ने कहा कि राज्य में सशक्त भू-कानून लागू करने की मांग को लेकर राजनीतिक व सामाजिक संगठन लंबे समय से आंदोलनरत हैं और सरकार प्रदेशवासियों को छलने का काम कर रही है।
इस मसले पर 15 मई से गांधी पार्क के बाहर धरना-प्रदर्शन किया जा रहा है, लेकिन सरकार का कोई प्रतिनिधि सुध लेने नहीं आया। प्रशासन से भी कोई अधिकारी वार्ता के लिए नहीं पहुंचा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से वार्ता के लिए पांच जून का समय मांगा है। वार्ता सफल नहीं होने पर आगे की रणनीति बनाई जाएगी।
ऐसा करने पर क्या हो सकती है कार्रवाई
इस तरह के प्रदर्शन पर कार्रवाई भी की जाती है। जिसके तहत प्रदर्शनकारी पर कई धाराओं में कार्रवाई की जा सकती है। इसके तहत उपद्रव मचाना, भय व्याप्त करना और सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश आदि में कार्रवाई की जा सकती है। वहीं कार्रवाई के वक्त यह भी देखा जाता है कि प्रदर्शनकारी पहली बार ऐसा कर रहा है या पहले भी ऐसा कर चुका है। इसे ध्यान में रखकर पर भी कार्रवाई की जाती है।

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