दिल्ली में हुए धमाके के बाद देहरादून में अलर्ट, पुराने वाहनों का कारोबार करने वालों का रिकार्ड तलब
दिल्ली में धमाके के बाद देहरादून में पुराने वाहनों के कारोबारियों पर परिवहन विभाग ने शिकंजा कसा। 80 प्रतिशत से अधिक कारोबारी बिना पंजीकरण के कारोबार कर रहे हैं। आरटीओ ने रिकॉर्ड तलब किया है और पंजीकरण न कराने वालों के वाहनों को ब्लाक करने की तैयारी है। डीलरों को प्राधिकार प्रमाणपत्र लेने को कहा गया है, जिससे धोखाधड़ी कम होगी।

देहरादून के पटेलनगर क्षेत्र में सजा कार बाजार। जागरण
जागरण संवाददाता, देहरादून: दिल्ली लालकिले के समीप हुए बम धमाके के बाद अब परिवहन विभाग ने दून शहर में पुराने वाहनों (दुपहिया, कार या अन्य) को खरीदने-बेचने का कारोबार करने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
दरअसल, इन कारोबारियों को परिवहन विभाग में अनिवार्य तौर पर पंजीकरण कराना होता है, लेकिन दून में 80 प्रतिशत से अधिक कारोबारी बिना पंजीकरण बेधड़क वाहनों की खरीद-फरोख्त कर रहे।
आरटीओ (प्रशासन) संदीप सैनी ने अब इसका रिकार्ड तलब किया है। जो पंजीकरण करा चुके हैं, उनकी जांच भी की जाएगी, जबकि जिन्होंने पंजीकरण नहीं कराया है, उनके परिसर में खड़े सभी वाहनों के नंबर साफ्टवेयर में ब्लाक कर दिए जाएंगे। आरटीओ ने सभी कारोबारियों को प्राधिकार प्रमाण-पत्र लेने को कहा है।
केंद्र सरकार की ओर से पिछले तीन वर्षों में दो बार इसकी अधिसूचना जारी की जा चुकी है और सभी राज्यों से व्यवस्था का अनुपालन कराने को कहा गया था। दिसंबर-2022 और सितंबर-2023 में उत्तराखंड में भी परिवहन मुख्यालय से जारी हुए आदेश पर देहरादून आरटीओ ने दून शहर समेत संभाग के सभी शहरों में इसका पालन कराने के आदेश दिए थे, लेकिन कारोबारी पंजीकरण कराने को तैयार नहीं हैं।
अधिसूचना में पंजीकृत वाहन स्वामी एवं वाहन डीलर के मध्य वाहन की डिलीवरी की सूचना देने की प्रक्रिया समेत डीलर की जिम्मेदारियों को विस्तृत तौर पर स्पष्ट किया गया है। बता दें कि, देहरादून शहर, हरिद्वार, रुड़की, ऋषिकेश, विकासनगर आदि में पुरानी बाइक-स्कूटी व कार की बिक्री व खरीद का बाजार पांव जमा चुका है। मुख्य सड़कों से लेकर गलियों तक कार बाजार सजे हुए हैं। पुराने वाहनों की खरीद व बिक्री करने वाले आनलाइन बाजार भी मौजूद हैं।
अधिसूचना के मुताबिक, वाहन डीलरों को अपने कब्जे वाले वाहनों के पंजीयन प्रमाण-पत्र का नवीकरण कराने, फिटनेस प्रमाण-पत्र के नवीकरण, डुप्लीकेट पंजीयन प्रमाण-पत्र बनाने, एनओसी व स्वामित्व के हस्तांतरण का आवेदन करने के अधिकार दिए गए हैं।
वाहन स्वामी को संबंधित डीलर को वाहन देने के बाद फार्म-29 (ग) जिसमें वाहन स्वामी व डीलर के हस्ताक्षर होंगे। यह फार्म पोर्टल के माध्यम से वाहन पंजीयन अधिकारी दफ्तर को भेजना होगा। वाहन लेने व बेचने के बाद डीलर को इसकी जानकारी परिवहन विभाग को देनी होगी।
ऐसे मिलता है प्राधिकार प्रमाण-पत्र
आरटीओ ने बताया कि वाहन डीलर को प्राधिकार प्रमाण-पत्र लेने के लिए परिवहन विभाग से जुड़े वाहन पोर्टल पर प्रारूप-29 (क) में आवेदन करना होगा। इसमें डीलर को अपना नाम, पता, कारोबार का स्थान, मोबाइल व पैन नंबर, जीएसटी नंबर और ईमेल-आइडी उपलब्ध करानी होगी। इसमें 25 हजार रुपये का शुल्क आनलाइन जमा होगा।
प्राधिकार प्रमाण-पत्र से पंजीकृत वाहनों के डीलरों एवं मध्यस्थों की पहचान करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा ऐसे वाहनों की खरीद-बिक्री में धोखाधड़ी की आशंका भी कम होगी।
यह भी पढ़ें- गुरुग्राम में पुराने वाहनों का बाजार, नियमों की अनदेखी से अपराध का खतरा
यह भी पढ़ें- दिल्ली-एनसीआर में पुराने वाहनों की एंट्री बंद, 4 जिलों में 10 और 15 साल पुराने वाहनों पर 2026 से प्रतिबंध

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।