बालिका निकेतन प्रकरण में कटघरे में अफसर-कर्मचारी
राजधानी देहरादून स्थित बालिका निकेतन से बालिकाओं के भागने की घटनाओं को लेकर अब अफसर कर्मचारी भी कटघरे में आ गए हैं।
देहरादून, [गौरव ममगाईं]: अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण डॉ. रणवीर सिंह की जांच रिपोर्ट में बालिका निकेतन प्रकरण में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। जांच में पाया गया है कि बालिका निकेतन से बालिकाओं के भागने की घटनाओं में रसोइया, केयर टेकर व अनुसेविका की भूमिका संदिग्ध रही है। इतना ही नहीं, 16 दिसंबर के प्रकरण में भी दोनों अधीक्षिकाओं, केयर टेकर, होमगार्ड की लापरवाही की बात सामने आई है। इस प्रकरण में सुनियोजित साजिश की आशंका से भी इंकार नहीं किया गया है।
दरअसल, उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र खंडूड़ी ने 18 दिसंबर 2017 को अपर मुख्य सचिव डॉ. रणवीर सिंह को बालिका निकेतन प्रकरण में तीन बिंदुओं पर जांच के आदेश दिए थे। इस पर समाज कल्याण निदेशक मेजर योगेंद्र यादव ने अपर मुख्य सचिव की जांच रिपोर्ट आयोग को सौंप दी है। जांच में अपर मुख्य सचिव ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।
इसमें कहा है कि 16 दिसंबर की रात पांच बालिकाओं के भागने के प्रकरण में बालिका निकेतन की तत्कालीन अधीक्षिका मीना सिंह, शिशु निकेतन की अधीक्षिका सुनीता सिंह, केयर टेकर आरती, होमगार्ड वीला देवी को दोषी माना है। उक्त घटना में इन सभी ने अपनी जिम्मेदारियां भली-भांति नहीं निभाई हैं। जांच में सामने आया कि बालिकाओं के भागते समय रात नौ बजे भी मुख्य गेट पर ताला नहीं लगाया गया और न ही कोई गार्ड तैनात था।
जांच रिपोर्ट में बालिका निकेतन के अभी तक के प्रकरणों में भी कई कर्मचारियों की भूमिका को संदिग्ध बताया गया है। इनमें रसोइया लक्ष्मी चौटाला, केयर टेकर बीना, अनुसेविका मानेश्वरी शामिल हैं। बालिका निकेतन में मूक एवं बधिर केयर टेकर की तैनाती पर भी सवाल खड़े किए गए हैं। जांच में बालिका निकेतन में कई अन्य बड़े खुलासे होने की भी संभावना जताई गई है।
ये उठाए गए कदम
-मुख्य गेट पर गार्ड रूम की स्थापना।
-एक अतिरिक्त महिला होमगार्ड की तैनाती।
-परिसर की चहारदीवारी पर फेंसिंग।
जांच के तीन बिंदु
-16 दिसंबर 2017 की रात को पांच बालिकाओं के भागने संबंधी प्रकरण में अधिकारी व कर्मचारियों की भूमिका।
-अभी तक के प्रकरणों के कारणों की जांच।
-संवासिनियों की सुरक्षा में अब तक उठाए गए कदम।
बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष योगेंद्र खंडूड़ी का कहना है कि अपर मुख्य सचिव समाज कल्याण ने आयोग में जांच रिपोर्ट सौंप दी है। अभी संबंधित प्रकरण में आयोग की सदस्य शारदा त्रिपाठी की रिपोर्ट का अध्ययन नहीं किया गया है। दोनों रिपोर्ट का संज्ञान लेने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
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