जेईई मेंस में अभ्यर्थियों की संख्या घटी
सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की ओर से आयोजित किए जाने वाले ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) को लेकर अभ्यार्थियों का रुझान कम होता दिखा रहा है।
देहरादून, [जेएनएन]: सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की ओर से आयोजित किए जाने वाले ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) को लेकर अभ्यार्थियों का रुझान कम होता दिखा रहा है। यह हम नहीं बोर्ड के आंकड़े इसकी तस्दीक कर रहे हैं। आंकड़ों की बात करें तो बीते साल से इस साल जेईई में आवेदन करने वालों की संख्या में तकरीबन 50 हजार अभ्यार्थी कम हैं।
इंजीनियरिंग क्षेत्र को युवा अपने भविष्य के लिए सबसे ज्यादा मुफीद मानते हैं। यही कारण है कि इंजीनियरिंग की परीक्षाओं को लेकर युवाओं का उत्साह भी खास देखने को मिलता है। लेकिन बीते कुछ वक्त में इस उत्साह में कमी देखने को मिल रही है। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (आइआइटी), नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और अन्य प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों में दाखिले के लिए आयोजित होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में सबसे अधिक मांग वाली संयुक्त परीक्षा प्रवेश परीक्षा (जेईई-मेन) की होती है। परीक्षा को लेकर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया एक जनवरी को समाप्त हो चुकी है। प्राप्त आवेदनों के आंकड़ों के मुताबिक इस बार आवेदनों में भारी गिरावट पाई गई है।
बीते साल की तुलना में इस साल आवेदकों की संख्या में कमी होना इसकी पुष्टि भी करता है। बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों को देखा जाए तो जहां पिछले साल आंकड़ा करीब 11.99 लाख था, वहीं इस साल घटकर तकरीबन साढ़े 11 लाख रह गया है। यानि संख्या में करीब 50 हजार की गिरावट। जानकारों की मानें तो इस घटते रुझान का सबसे बड़ा कारण इंजीनियरिंग क्षेत्र में रोजगार की कमी है। इसके अलावा कम पैकेज और सरकारी नौकरियों का भारी टोटा भी बड़ी वजह है। अविरल क्लासेज के एमडी डीके मिश्रा के अनुसार बीते चार सालों में घटती संख्या पर गौर किया जाए तो आवेदकों की संख्या में करीब 15 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
ऑनलाइन आवेदकों की संख्या बढ़ी
एक ओर जहां कुल आवेदकों की संख्या में गिरावट आ रही है, वहीं, दूसरी ओर ऑनलाइन परीक्षा यानी कंप्यूटर बेस्ड एग्जाम देने वाले छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। साल 2017 में ऑनलाइन माध्यम से परीक्षा देने वालों की संख्या पर गौर करें तो छात्रों की संख्या एक लाख अस्सी हजार थी, वहीं, इस साल यह संख्या सवा दो लाख है। जबकि पेन पेपर माध्यम यानि ऑफलाइन माध्यम से परीक्षा देने वाले बीते वर्ष 10.2 लाख थे, जो इस बार 9.25 लाख रह गए हैं। बलूनी क्लासेज के एमडी विपिन बलूनी का कहना है कि ऑनलाइन माध्यम को लेकर छात्रों का रुझान बढ़ने का सबसे बड़ा कारण शुल्क का कम होना है। इसके अलावा ऑनलाइन माध्यम में बच्चों को न सिर्फ समय की बचत होती है, बल्कि उन्हें परीक्षा देने में भी आसानी होती है।
जेईई मेंस में मिला करेक्शन का मौका
अगर आपने ज्वाइंट एंट्रेंस एग्जाम (जेईई) मेंस के लिए आवेदन किया है, तो अपना आवेदन एक बार जांच लें। आवेदन के वक्त अगर आपसे कोई जानकारी देने में भूल हुई है तो उसे सुधारने का मौका है। देशभर की आइआइआइटी, एनआइटी, जीएफआइटी और इंजीनियरिंग कॉलेजों में दाखिले के लिए आयोजित होने वाले जेईई मेंस एग्जाम के लिए आवेदन प्रक्रिया खत्म हो चुकी है। हालांकि, आवेदन में हुई गलती को सुधारने का मौका अभ्यर्थियों को दिया गया है। बोर्ड के मुताबिक, अभ्यर्थी नौ से 22 जनवरी तक आवेदन में हुई गलतियां सही कर सकेंगे।
बोर्ड द्वारा जारी सर्कुलर के मुताबिक अभ्यर्थी केवल अपने द्वारा दी गई जानकारी में ही बदलाव कर सकेंगे। अभ्यर्थी को एग्जाम मोड यानी कंप्यूटर बेस्ड और पेन पेपर मोड में दोबारा चुनाव का मौका नहीं मिलेगा। अभ्यर्थी जो मोड पहले चुन चुके हैं उन्हें उसी मोड में एग्जाम देना होगा। वीआर क्लासेज के एमडी वैभव राय के अनुसार, अभ्यर्थी ध्यानपूर्वक अपने आवेदन जांच लें। यदि गलती है, तो सावधानी के साथ सभी जानकारियां दुरुस्त कर लें।
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