JEE Paper Leak मामले में एनसयूआइ का नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और केंद्र पर हमला, दी ये चेतावनी
JEE Paper Leak एनएसयूआइ के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा जेईई पेपर लीक मामले के आरोपितों पर जल्द से जल्द कार्रवाई नहीं की जाती है तो प्रदर्शन किया जाएगा।
जागरण संवाददाता, देहरादून। JEE Paper Leak एनएसयूआइ ने जेईई मेंस के पेपर लीक मामले को लेकर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया। प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने उन्होंने कहा कि इस साल 16 से 18 मार्च तक जेईई मेंस की परीक्षाएं देश 792 सेंटरों पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित की गई थी, जिसमें 6 लाख 19 हजार 638 छात्रों ने परीक्षा दी थी। पर, परीक्षा के तुरंत बाद ही पेपर लीक होने के मामले सामने आने शुरू हुए हो गए थे। ऐसे में सीबीआइ ने इसमें जांच शुरू की थी, अब पेपर लीक मामले की पुष्टि सीबीआइ ने की है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर पेपर लीक करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं होती तो एनएसयूआइ आने वाले दिनों में पूरे प्रदेशभर में इसके खिलाफ प्रदर्शन करेगी।
भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआइ) ने कांग्रेस भवन देहरादून में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया। इस दौरान एनएसयूआइ प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने कहा कि सीबीआइ ने 20 से अधिक सेंटरों पर छापेमारी की और बताया कि लीक हुए प्रश्न पत्र सही है। सीबीआइ ने दिल्ली एनसीआर, पुणे,जमशेदपुर, इंदौर, बंगलुरु के विभिन्न सेंटरों पर छापेमारी की और बताया कि छात्र-छात्राओं से प्रवेश के लिए 12 से 15 लाख रुपए लिए जा रहे थे और उनसे आइडी पासवर्ड, 10वीं और 12वीं की मार्कशीट, पोस्ट डेटेड चेक भी लिए गए थे।
एनएसयूआइ ने यह भी चिंता जताई है कि अगर इस मामले को जल्द नहीं सुलझाया गया और आरोपितों को सजा नहीं दी गई तो यह छात्र वर्ग में असंतोष की भावना पैदा करेगा। साथ ही यह भी कहा कि पेपर लीक की इस घटना के बाद नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के जरिए करवाई गईं बाकी परीक्षाएं भी शक के घेरे में है। एनएसयूआइ अध्यक्ष नीरज कुंदन ने अपने बयान में कहा कि, सीबीआइ द्वारा दर्ज हुई शिकायत में जिनके नाम हैं उनके खिलाफ जल्द कार्रवाई होनी चाहिए।
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जेईई जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा में ऐसी घटना होना आज हर उस छात्र के लिए चिंता का विषय बन गया है, जो प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी जो कि देश में कई महत्वपूर्ण परीक्षा करवाने की जिम्मेदार है वो आज शक के घेरे में है। केंद्र सरकार की नाक के नीचे ऐसी घटना का होना मोदी सरकार की एक और नाकामी का सबूत है।
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मोहन भंडारी ने आगे कहा कि, देश के लाखों छात्र कठिन परिश्रम करके इस परीक्षा की तैयारी कर सुनहरे भविष्य का सपना देखते हैं, लेकिन सरकार निष्पक्ष परीक्षा करवाने में नाकाम है। इस परीक्षा का आयोजन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी और शिक्षा मंत्रालय करता है, तो ऐसे में जालसाजी के लिए उन्हें क्यों ना जवाब दे ठहराया जाए। वार्ता में महानगर अध्यक्ष अभिषेक डोबरियाल, उदित थपलियाल, वाशु शर्मा, नमन शर्मा, सागर मन्यारी, भव्या सिंह, सावंत राणा मौजूद रहे।
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