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उत्तराखंड: वन मुख्यालय में भी अब ऑनलाइन होगा काम, सीएम ने ये भी की घोषणा

सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राजपुर रोड स्थित उत्तराखंड वन विभाग मुख्यालय में ई-ऑफिस कार्यप्रणाली का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की है कि चमोली और पिथौरागढ़ में भालुओं के लिए एक-एक रेस्क्यू सेंटर बनाया जाएगा।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 03:09 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 03:09 PM (IST)
वन मुख्यालय में भी अब ऑनलाइन होगा काम।

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड वन विभाग मुख्यालय में भी अब काम ऑनलाइन होगा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राजपुर रोड स्थित मुख्यालय में ई-ऑफिस कार्यप्रणाली का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने घोषणा की कि चमोली और पिथौरागढ़ में भालुओं के लिए एक-एक रेस्क्यू सेंटर बनाया जाएगा। बंदरों के लिए चार रेस्क्यू सेंटर बनाने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। झाझरा में 'आनंद वन' सिटी फॉरेस्ट को विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री ने साधना जयराज को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।

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मुख्यमंत्री रावत ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया कि ई-ऑफिस प्रणाली को जल्द ही जिला और क्षेत्रीय कार्यालयों में भी विस्तारित किया जाए। पीएम नरेंद्र मोदी ने कार्यों में तेजी और पारदर्शिता लाने के लिए डिजिटल इंडिया की जो शुरुआत की उसके बेहतर परिणाम आज सबके सामने हैं। राज्य में ई-कैबिनेट की शुरूआत की गई। ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण को ई-विधानसभा बनाया जा रहा है। 37 ऑफिस, ई-ऑफिस प्रणाली से जुड़ चुके हैं। डिजिटल कार्यप्रणाली की ओर हम जितने तेजी से बढ़ेंगे, उतनी ही तेजी से जन समस्याओं का निदान होगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि अगले वर्ष हरेला पर्व पर एक करोड़ फलदार वृक्ष लगाये जाएंगे। इसके लिए वन विभाग ने अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। ये फलदार वृक्ष जंगलों में भी लगाए जाएंगे, जिससे जंगली जानवर आबादी वाले क्षेत्रों में कम आयेंगे। जंगली जानवरों को आहार की उपलब्धता जंगलों में पूरी हो सके। राज्य में पिरूल पर जो कार्य हो रहा है, इसे और विस्तार देने की जरूरत है। पिरूल एकत्रीकरण पर राज्य सरकार द्वारा 02 रूपये प्रति किग्रा और विकासकर्ता द्वारा 1.5 रुपये प्रति किग्रा एकत्रकर्ता को दिया जा रहा है। इसका उपयोग ऊर्जा के लिए तो किया ही जाएगा, लेकिन इसका सबसे फायदा वन विभाग को होगा। वनाग्नि और जंगली जानवरों की क्षति को रोकने में यह नीति बहुत कारगर साबित होगी। स्थानीय स्तर पर गरीबों के लिए स्वरोजगार के लिए पिरूल एकत्रीकरण का कार्य एक अच्छा माध्यम बन रहा है।

मुख्य वन संरक्षक जयराज ने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली गुड-गवर्नेंस की दिशा में एक अच्छी पहल है। वन विभाग ने इस प्रणाली को जिला, क्षेत्रीय कार्यालयों और वन पंचायतों तक विस्तारित किया जाएगा। कॉर्बेट नेशनल पार्क में ऑनलाइन बुकिंग शुरू की गई है, जिसके अच्छे परिणाम मिले हैं। वन विभाग द्वारा रिजॉर्ट्स में भी ऑनलाइन बुकिंग की प्रक्रिया शुरू करने के लिए प्रयास किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री के आइटी सलाहकार रविंद्र दत्त ने कहा कि ई-ऑफिस प्रणाली से फाइलों की ट्रैकिंग में आसानी के साथ ही लोगों की समस्याओं का तुरंत समाधान हो रहा है। सचिवालय के 37 ऑफिस, देहरादून और ऊधमसिंह नगर के कलक्ट्रेट, शहरी विकास विभाग और वन विभाग, उत्तराखंड इस प्रणाली से जुड़ चुके हैं। अन्य विभागों को भी ई-ऑफिस प्रणाली से जोड़ने के लिए कार्यवाही गतिमान है।

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इस अवसर पर वन विभाग के सलाहकार और ग्रामीण विकास एवं पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. एसएस नेगी, अध्यक्ष वन पंचायत सलाहकार समिति वीरेंद्र सिंह बिष्ट, पीसीसीएफ रंजना काला, विनोद कुमार सिंघल, मुख्य वन संरक्षक आइटी नरेश कुमार और वन विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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