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    अब उपनल कर्मियों को विनियमितीकरण का इतंजार, दो माह में फैसला लेगी उप समिति

    Updated: Thu, 13 Nov 2025 02:04 PM (IST)

    उत्तराखंड में 22 हजार उपनल कर्मियों के भविष्य पर जल्द फैसला होने की उम्मीद है। कैबिनेट ने एक उप समिति गठित की है, जो दो महीने में रिपोर्ट देगी। हाईकोर्ट ने सरकार को जल्द निर्णय लेने का आदेश दिया था। अब विदेश में रहने वाले पूर्व सैनिकों को भी उपनल के माध्यम से रोजगार मिल सकेगा। कैबिनेट ने उपनल के भंग होने पर उसकी संपत्ति सैनिक कल्याण एजेंसी को देने का भी निर्णय लिया है।

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    मुख्यमंत्री जल्द ही उप समिति के सदस्यों पर लेंगे निर्णय। आर्काइव

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। प्रदेश के 22 हजार उपनल कर्मियों के संबंध में अब जल्द निर्णय होने की उम्मीद है। कैबिनेट ने इसके लिए एक मंत्रिमंडलीय उप समिति गठित करने पर सहमति दी है। यह समिति दो माह के भीतर अपनी रिपोर्ट कैबिनेट के समक्ष रखेगी।

    प्रदेश में इस समय 22 हजार से अधिक उपनलकर्मी विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हाईकोर्ट कुछ समय पूर्व प्रदेश सरकार को इनके संबंध में जल्द निर्णय लेने का आदेश दे चुकी है। इस क्रम में सोमवार को कैबिनेट के समक्ष इस संबंध में चर्चा हुई। इस दौरान यह निर्णय लिया गया कि उपनल कार्मिकों की संख्या को देखते हुए इसके लिए कट आफ डेट तय की जानी आवश्यक है। साथ ही हाईकोर्ट के निर्णय का समयबद्ध तरीके से अनुपालन किया जाना है। ऐसे में एक उप समिति का गठन कर लिया जाए जो इस पर सभी हित धारकों, विभागीय अधिकारियों व विधि विशेषज्ञों से राय लेकर अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। यह रिपोर्ट कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी। इस उपसमिति में कौन कौन रहेगा इसके लिए कैबिनेट ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को इसके लिए अधिकृत किया है।

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    विदेश में रहने वाले पूर्व सैनिकों को विदेश में ही मिल सकेगा रोजगार

    विदेश में रहने वाले पूर्व सैनिकों को अब विदेश में ही रोजगार मिल सकेगा। उपनल विदेश में भी कार्य कर सके, इसके लिए उपनल के मैमोरेंडम आफ एसोसिएशन तथा आर्टिकल आफ एसोसिएशन में आवश्यक संशोधन किए जाने का प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष लाया गया। जिस पर कैबिनेट ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है। इस समय विदेशों में भी बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक कार्यरत हैं। ये विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से यहां रोजगार के लिए जाते हैं। विदेश में पूर्व सैनिकों की काफी मांग रहती है। उपनल विदेश में कार्य कर सके, इसके लिए सैनिक कल्याण विभाग इससे संबंधित प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष लाया था।

    कैबिनेट ने इसे मंजूरी प्रदान कर दी है। विदेश में रहने वाले पूर्व सैनिकों व उनके आश्रितों को उपनल के तहत कार्य करने के लिए संबंधित भारतीय दूतावासों के सहयोग से सेवायोजित कराया जाएगा। सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने इसके लिए प्रदेश सरकार का आभार प्रकट किया है।

    उपनल भंग होने पर सैनिक कल्याण से संबंधित एजेंसी को ही मिलेगी संपत्ति

    कैबिनेट ने एक अहम निर्णय यह भी लिया है कि भविष्य में यदि उपनल को भंग किया जाएगा तो उसकी संपत्ति का इस्तेमाल सैनिक कल्याण के लिए गठित होने वाली एजेंसी ही कर सकेगी। इसका अन्यत्र कहीं इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा।