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    Uttarakhand: अब उत्तराखंड के मदरसों में पढ़ाई जाएगी संस्कृत, लागू होगा NCERT का कोर्स; मिलेंगी हाईटेक सुविधाएं

    By kedar duttEdited By: Prince Sharma
    Updated: Wed, 13 Sep 2023 05:00 AM (IST)

    Uttarakhand News उत्तराखंड में संचालित मदरसों में आने वाले दिनों में बच्चे अरबी के साथ-साथ संस्कृत का भी अध्ययन करेंगे। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड इसकी पहल ...और पढ़ें

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    Uttarakhand: अब उत्तराखंड के मदरसों में पढ़ाई जाएगी संस्कृत, लागू होगा NCERT का कोर्स

    देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में संचालित मदरसों में आने वाले दिनों में बच्चे अरबी के साथ संस्कृत भी पढ़ेंगे। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड इसकी पहल करने जा रहा है। इसके लिए बोर्ड के अंतर्गत आने वाले 117 मदरसों को मॉडर्न बनाकर वहां एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा। इसमें संस्कृत विषय भी शामिल है।

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    मदरसों में होगा ड्रेस कोड

    बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने बताया कि इसकी कार्ययोजना को अंतिम रूप दे दिया गया है। उन्होंने बताया कि माडर्न मदरसों में बच्चों के लिए ड्रेस कोड भी लागू होगा। अमेरिका में रहने वाली फैशन डिजाइनर ने ड्रेस का डिजाइन करने की इच्छा जताई है।

    वक्फ बोर्ड ने कुछ समय पहले बोर्ड के अंतर्गत आने वाले मदरसों के आधुनिकीकरण का निर्णय लिया था। अब वह इस दिशा में आगे बढ़ रहा है।

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    वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स के अनुसार प्रथम चरण में चार मदरसों को मॉडर्न बनाया जा रहा है। इनमें देहरादून में मुस्लिम कॉलोनी, रुड़की में रहमानिया, रामनगर में जामा मस्जिद और खटीमा में रहमानिया मदरसा शामिल हैं।

    हाईटेक होंगे मदरसे

    इनमें प्रबंध प्रशासक नियुक्त कर दिए गए हैं। इन चारों मदरसों के भवनों को दुरुस्त करने के साथ ही वहां स्मार्ट कक्षाओं के संचालन को एलईडी स्क्रीन, फर्नीचर आदि की व्यवस्था की जा रही है। इनमें एनसीईआरटी का पाठ्यक्रम लागू किया जा रहा है। वहां पढने वाले बच्चों के लिए ड्रेस कोड भी होगा।

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    शम्स ने बताया कि मॉडर्न मदरसों में बालक व बालिका दोनों के लिए सेक्शन शुरू किए जाएंगे। दिन में मदरसे सामान्य स्कूलों की तरह चलेंगे। बच्चे न केवल संस्कृत, बल्कि अंग्रेजी, विज्ञान समेत अन्य विषय भी पढ़ेंगे। शाम को इनमें अरबी की पढ़ाई होगी। इसी तरह धीरे-धीरे बोर्ड के अधीन अन्य मदरसों को भी माडर्न बनाया जाएगा। इस पहल के पीछे मंशा यही है कि मुस्लिम समुदाय के बच्चे भी डॉक्टर, इंजीनियर आदि बन सकें।