अब मेडिकल कॉलेज में पढ़ाएंगे निजी क्षेत्र के डॉक्टर, पहले नहीं थी अनुमति
एमसीआइ के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (एमसीआइबीओजी) ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में विजिटिंग फैकल्टी के नियमों में बदलाव किया है।
By Edited By: Published: Sat, 04 Jan 2020 02:59 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jan 2020 05:16 PM (IST)
देहरादून, जेएनएन। मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी को देखते हुए एक सकारात्मक पहल की गयी है। एमसीआइ के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स (एमसीआइबीओजी) ने सरकारी मेडिकल कॉलेजों में विजिटिंग फैकल्टी के नियमों में बदलाव किया है। इसके तहत अब 70 वर्ष की उम्र तक के निजी चिकित्सक मेडिकल कॉलेजों में पार्ट टाइम सेवाएं दे सकेंगे।
देश-विदेश में प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टर विजिटिंग फैकल्टी के तौर पर कॉलेज में पढ़ा पाएंगे। पहले निजी डॉक्टरों की पढ़ाने की अनुमति नहीं थी। देशभर के मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की बहुत कमी है। प्रदेश में भी एमसीआइ मानक के अनुसार फैकल्टी की व्यवस्था कर पाना सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है। इस बीच एक सुझाव यह आया था कि मेडिकल छात्र-छात्राओं को पढ़ाने के लिए अपने विषय में महारथ रखने वाले देश-विदेश में प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों को विजिटिंग फैकल्टी के तौर पर बुलाया जाए।
पुराने नियम के मुताबिक प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सक राजकीय मेडिकल कॉलेजों में नहीं पढ़ा सकते थे। पर अब एमसीआइ ने इसकी स्वीकृति दे दी है। इसकी अधिसूचना भी दे दी गई है। जिसमें कहा गया है कि न्यूनतम आठ वर्ष की प्रैक्टिस और स्नातकोत्तर की डिग्री वाले विदेशी और प्राइवेट प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों को अंशकालिक आधार पर काम दिया जा सकता है। उनकी उम्र 70 वर्ष से अधिक न हो। संबंधित कॉलेज में 50 फीसद से अधिक विजिटिंग फैकल्टी नहीं होनी चाहिए। विजिटिंग फैकल्टी का चयन प्राचार्य/निदेशक की अध्यक्षता वाली चार सदस्यीय कमेटी करेगी। अन्य सदस्य में संबंधित विभागाध्यक्ष, एक बाहरी विषय विशेषज्ञ और राष्ट्रीय महत्व के संस्थान के विशेषज्ञ शामिल होंगे।
दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना का कहना है कि एमसीआइ के इस संशोधन से मेडिकल कॉलेजों में शिक्षा की गुणवत्ता सुधरेगी। देश-विदेश के विषय विशेषज्ञ अपने अनुभव एवं ज्ञान से छात्र-छात्राओं के साथ बांट सकेंगे। नए नियम की जानकारी है पर इसका विस्तृत ब्यौरा अभी नहीं आया है। पूरा ड्राफ्ट आने के बाद ही इस पर विस्तार से कुछ कहा जा सकता है।
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