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    Coronavirus: अब केवल गंभीर मरीज ही ऋषिकेश एम्स में होंगे भर्ती

    By Bhanu Prakash SharmaEdited By: Bhanu Prakash Sharma
    Updated: Thu, 30 Apr 2020 11:42 AM (IST)

    एम्स में कोरोना संक्रमण के चार मामले सामने आने के बाद पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। डीआइजी ने बताया कि अब केवल गंभीर मरीजों को ही एम्स में दाखिल होने दिया जाएगा।

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    देहरादून, जेएनएन। एम्स में कोरोना संक्रमण के चार मामले सामने आने के बाद पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। डीआइजी ने बताया कि अब केवल गंभीर मरीजों को ही एम्स में दाखिल होने दिया जाएगा। एम्स में अनावश्यक आवाजाही पर भी रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही पुलिस यह पता करने में जुटी है कि जो मरीज कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, उन तक संक्रमण पहुंचा कैसे। 

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    मौजूदा समय में एम्स में 265 मरीज भर्ती हैं। इसके अलावा सैकड़ों की संख्या में स्टाफ भी यहां रोज आता-जाता है। सडीआइजी अरुण मोहन जोशी ने मंगलवार रात ही एसपी देहात परमिंदर डोभाल को व्यवस्था बनाने के लिए एम्स भेज दिया था। 

    डीआइजी ने बताया, पुलिस यह भी देख रही है कि कितने स्टाफ से एम्स में काम चलाया जा सकता है। जल्द ही बाहर से आने वाले कुछ स्टाफ को होम क्वारंटाइन किया जा सकता है। जो कर्मचारी एम्स परिसर में ही रहते हैं, उन्हें भी बाहर नहीं जाने दिया जाएगा। डीआइजी ने बताया कि जल्द ही एम्स को लेकर एक एसओपी बनाई जाएगी।

    इसमें एम्स के स्टाफ के अलावा मरीजों को किस तरह सुरक्षित रखा जाना है, इस पर योजना बनाई जा रही है। जिस तरह मरीज सामने आए हैं, उससे यहां भर्ती अन्य मरीजों के साथ ही बीते दिनों एम्स आए लोगों और स्टाफ के भी संक्रमित होने की आशंका है। इसके चलते कुछ क्षेत्रों को पाबंद भी किया जा रहा है।

    ढाई लाख के सर्विलांस पर एक भी संदिग्ध नहीं

    कोरोना संक्रमण की रोकथाम व संदिग्धों की पहचान के लिए किए जा रहे कम्युनिटी सर्विलांस के दूसरे चरण में बुधवार को 2.69 लाख लोगों का सर्वे किया गया। इस दौरान एक भी कोरोना संदिग्ध व्यक्ति नहीं मिला। इसके अलावा प्रशासन की टीम ने बड़ी संख्या में कार्मिकों को सुरक्षा संसाधन भी मुहैया कराए। इसमें मास्क, पीपीई किट, सेनिटाइजर आदि दिए गए। 

    हॉट स्पॉट में वितरित की जाएगी आर्सेनिक एल्बम

    राज्य कैबिनेट की मंजूरी के बाद होम्योपैथी विभाग ने आर्सेनिक एल्बम-30 के वितरण को कमर कस ली है। पहले चरण में ये दवा प्रदेश के हॉट स्पॉट एवं क्वारंटाइन सेंटरों में बांटी जाएगी।

    होम्योपैथिक दवा आर्सेनिक एल्बम-30 को कोरोना में कारगर माना जा रहा है। यह दवा व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करती है। कोविड-19 के शुरुआती दिनों में आयुष मंत्रालय ने इसे मंजूरी दी थी, लेकिन बाद में रोलबैक कर लिया था। जिस कारण इस दवा को लेकर कुछ संशय पैदा हो गया था। लेकिन बाद में फिर केंद्रीय आयुष मंत्रलय ने इसे मंजूरी दे दी। 

    उत्तराखंड में भी होम्योपैथी महकमा इस दवा के वितरण को लेकर अंदरखाने तैयारियों में जुटा था। अब राज्य कैबिनेट ने इस दवा के वितरण को हरी झंडी दे दी है। होम्योपैथी निदेशक डॉ. राजेंद्र सिंह ने सरकार के फैसले पर खुशी जताते हुए कहा कि पहले चरण में हॉट स्पॉट वाले इलाकों एवं क्वारंटाइन सेंटर में ये दवा दी जाएगी। 

    विभाग के पास अस्पतालों में जो दवा उपलब्ध है, पहले वही बांटी जाएगी। इसके लिए समस्त जिला होम्योपैथी अधिकारियों को निर्देशित किया जा रहा है। यह दवा तमाम पुलिस कर्मियों, स्वास्थ्य कíमयों आदि को भी दी जाएगी। बताया कि दवा का तीन दिन तक नियमित रूप से सेवन किया जाना चाहिए। हर पंद्रह दिन में इसे रिपीट किया जाए।

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    बाजार में नहीं है यह दवा

    आर्सेनिक एल्बम-30 दवा बाजार से गायब हो चुकी हैं। असल में इस दवा का उत्पादन बेहद सीमित है। ऐसे में बाजार में जो स्टॉक था वो पहले ही खत्म हो चुका है। आमजन को ये दवा कैसे उपलब्ध होगी ये बड़ा सवाल है।

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