Uttarakand News : अब ओला व उबर विधिवत रूप से कर सकेंगी सेवाओं का संचालन, मिला लाइसेंस
अब टैक्सी के रूप में पंजीकृत वाहनों को ओला व उबर के साथ जुड़ने में भी किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। राज्य परिवहन प्राधिकरण ने इन्हें एग्रीगेटर के रूप में पंजीकृत करते हुए वाहनों के संचालन के लिए लाइसेंस देने का निर्णय ले लिया है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून : प्रदेश में अब ओला व उबर विधिवत रूप से सेवाओं का संचालन कर सकेंगी। राज्य परिवहन प्राधिकरण ने इन्हें एग्रीगेटर (सेवा प्रदाता) के रूप में पंजीकृत करते हुए वाहनों के संचालन के लिए लाइसेंस देने का निर्णय ले लिया है। अब टैक्सी के रूप में पंजीकृत वाहनों को ओला व उबर के साथ जुड़ने में भी किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। प्रदेश में ये सेवाएं संचालित तो हो रही हैं, लेकिन लाइसेंस न होने के कारण परिवहन विभाग समय-समय पर इनके खिलाफ कार्रवाई भी कर रहा था।
प्रदेश में इस समय आनलाइन टैक्सी सर्विस की खासी मांग है। आनलाइन सर्च करते ही तमाम ऐसी सेवा प्रदाता कंपनियों के नाम आते हैं, जो बेहद किफायती दरों पर सेवाएं प्रदान करने का दावा करती हैं। ग्राहक इन सेवाओं का इस्तेमाल भी कर रहे हैं। वर्ष 2019 में परिवहन विभाग ने एक आदेश जारी कर इनका संचालन अवैध करार दिया। इसका कारण आनलाइन सेवा प्रदान करने वाली इन कंपनियों का परिवहन विभाग में पंजीकरण न होना बताया गया। इसके साथ ही प्रदेश से परमिट लेने वाली टैक्सी संचालकों को भी यह साफ किया गया कि वाहन का संचालन अपंजीकृत एजेंसी के साथ नहीं किया जा सकता।
ऐसा होने की स्थिति में वाहन का परमिट निरस्त किया जा सकता है। एसटीए द्वारा लगाई गई रोक के कारण टैक्सी स्वामी आनलाइन सेवा देने वाली कंपनियों के साथ जुड़ने में परेशानी महसूस कर रहे थे। इसे देखते हुए वर्ष 2019 में ओला व उबर समेत अन्य सेवा प्रदाता कंपनियों ने एसटीए में अपना प्रतिवेदन दिया, जिस पर एसटीए ने नियमावली बनाने का निर्णय लिया।
इसकी नियमावली बनाकर इसे कैबिनेट से मंजूर कराया गया। इस बीच स्थानीय टैक्सी यूनियनों ने इनका विरोध शुरू कर दिया, जिसके चलते न तो इन कंपनियों का पंजीकरण हुआ और न ही इनके लिए नियमावली जारी हो पाई। अब दो वर्ष के बाद एसटीए ने इस पर फैसला लिया है। सचिव एसटीए व संयुक्त आयुक्त परिवहन एसके सिंह ने बताया कि ओला व उबर समेत अन्य सेवा प्रदाता कंपनियों को लाइसेंस देने का विषय आया था, जिस पर एसटीए ने मंजूरी प्रदान कर दी है।
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