उत्तराखंड के सरकारी अस्पतालों में अब नहीं होगा दवा का संकट, जानिए
अब सरकारी अस्पतालों में दवा का संकट नहीं रहेगा। केंद्र सरकार ने इसे लेकर दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।
देहरादून, जेएनएन। प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में दवा आपूर्ति का संकट टल गया है। केंद्र सरकार ने इसे लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। बता दें, केंद्र की दवा क्रय नीति के तहत 103 दवाएं सार्वजनिक उपक्रम से खरीदी जाती हैं। पर यह नीति दस दिसंबर तक ही प्रभावी थी। खरीद कैसे हो, इसे लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। दवा की आपूर्ति पर संकट आन पड़ा था।
दरअसल, 103 दवाएं ऐसी हैं, जिनकी खरीद टेंडर के बिना भी की जा सकती है। केंद्र सरकार की चिह्नित पांच दवा निर्माता पीएसयू से इन्हें कभी भी खरीदा जा सकता है। इनकी खरीद की दरें तय हैं। नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी यह दर तय करती है। इसके तहत बाजार मूल्य से तकरीबन 16 फीसद तक सस्ती दवाएं पीएसयू उपलब्ध कराती रही हैं।
केंद्र की यह नीति सभी राज्यों में लागू थी। पर इसकी अवधि खत्म हो गई थी। दस दिसम्बर 2013 को इसे लेकर जारी शासनादेश में स्पष्ट उल्लेख था कि नीति पांच वर्ष तक ही प्रभावी थी। ऐसे में बीती दस दिसम्बर को यह निष्प्रभावी हो गई। इस कारण विभाग के सामने दिक्कत आ गई थी।
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. टीसी पंत ने बताया कि केंद्र की पॉलिसी के तहत ही 103 दवाओं की खरीद की जाती है। केंद्र ने अब निर्देश दिए हैं कि नई नीति अमल में आने तक पुरानी नीति के तहत ही दवा खरीदी जा सकती है। विभाग के पास दवा का करीब तीन से चार माह का स्टॉक है। उन्होंने कहा कि शासन के निर्देश मिलते ही दवा खरीद की कार्रवाई की जाएगी। कहा कि दवा की आपूर्ति प्रभावित नहीं होने दी जाएगी।
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