उत्तराखंड से पलायन रोकने के लिए अब अलग से बजट, पढ़िए पूरी खबर
पलायन को थामने की कवायद में जुटी प्रदेश सरकार अब एक अहम कदम उठाने जा रही है। पलायन रोकने के लिए अलग से बजट की व्यवस्था की जाएगी।
देहरादून, केदार दत्त। गांवों से निरंतर हो रहे पलायन को थामने की कवायद में जुटी प्रदेश सरकार अब एक अहम कदम उठाने जा रही है। पलायन रोकने के लिए अलग से बजट की व्यवस्था की जाएगी। ग्राम्य विकास विभाग को इसका प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं। शासन स्तर पर परीक्षण के बाद नए साल में ये व्यवस्था अमल में आएगी। इससे पलायन रोकने को चलने वाली तमाम योजनाओं के लिए विभागवार धन मुहैया कराया जाएगा, जिससे ये कार्य तेजी से हो सकें।
उत्तराखंड में पलायन बड़ी समस्या के रूप में उभरा है। खासकर, पर्वतीय क्षेत्र के गांव पलायन से निरंतर खाली हो रहे हैं। गुजरे 19 वर्षों में 1702 गांव निर्जन होना इसकी तस्दीक करता है। सैकड़ों गांवों में जनसंख्या अंगुलियों में गिनने लायक रह गई है। इसे देखते हुए पलायन आयोग ने अगले पांच साल गांवों पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया है।
हालांकि, पलायन रोकने को सरकार कवायद में जुटी है। प्रभावित गांवों के लिए अब विभागवार कार्ययोजनाएं तैयार हो रही हैं। उच्च स्तर पर इसे लेकर मंथन का दौर जारी है। नीति आयोग ने भी पलायन रोकने के उपायों को लेकर विशेष रुचि ली है। इस बीच हाल में मुख्य सचिव स्तर पर हुई बैठक में पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ.एसएस नेगी ने पलायन रोकने को अलग से बजट की व्यवस्था का सुझाव रखा। बजट प्रविधान होने से पलायन रोकने को चलने वाली गतिविधियों को धन की दिक्कत नहीं रहेगी।
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उधर, इसे लेकर शासन स्तर पर गहनता से मंथन चल रहा है। उम्मीद है नए साल में ये व्यवस्था अमल में आ जाएगी। सचिव वित्त अमित नेगी का कहना है कि पलायन को गंभीरता से लिया गया है। पलायन रोकने को अलग से बजट की व्यवस्था के मद्देनजर ग्राम्य विकास विभाग इसका प्रस्ताव देगा। परीक्षण के बाद इस व्यवस्था को अमल में लाया जाएगा।
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