नीति आयोग के समक्ष रखेंगे पलायन रोकने की कार्ययोजना
मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सीमांत ब्लाकों के गांवों से पलायन रोकने के लिए ठोस कार्ययोजना नीति आयोग के समक्ष रखने के निर्देश दिए।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों से हो रहे पलायन को थामने के मद्देनजर इस माह होने वाली नीति आयोग की सदस्य की बैठक को लेकर शासन सक्रिय हो गया है। इस कड़ी में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने सचिवालय में आयोजित बैठक में विभिन्न विभागों के अधिकारियों से मंथन किया। उन्होंने सीमांत ब्लाकों के गांवों से पलायन रोकने के लिए ठोस कार्ययोजना नीति आयोग के समक्ष रखने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने पलायन रोकने के प्रयासों और भविष्य की कार्ययोजना के दृष्टिगत स्वास्थ्, वन, शिक्षा, ग्राम्य विकास, लोनिवि, पेयजल, सिंचाई, लघु सिंचाई, कृषि, खाद्य, पर्यटन, उद्योग व कौशल विकास से जुड़े अधिकारियों से मंथन किया। इस मौके पर विभागों की ओर से प्रस्तुतीकरण भी दिए गए। बैठक में मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सीमांत विकासखंडों के 50 फीसद से ज्यादा पलायन वाले चिह्नित 284 गांवों में रोजगारपक व आर्थिक संसाधन बढ़ाने की कार्ययोजना को शामिल किया जाए। उन्होंने पलायन आयोग की संस्तुतियों को कार्ययोजना बनाते वक्त ध्यान में रखने के निर्देश दिए।
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बैठक में पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डॉ.एसएस नेगी ने ग्रामीण क्षेत्रों में औद्योगिक इकाइयां, आजीविका व रोजगार सृजन की योजनाओं पर जोर दिया। वित्त सचिव अमित नेगी ने कहा कि नीति आयोग के समक्ष ठोस कार्ययोजना प्रस्तुत की जाए। प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास मनीषा पंवार, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, निदेशक उद्योग सुधीर नौटियाल ने विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी। बैठक में अपर मुख्य सचिव ओमप्रकाश, प्रमुख सचिव वन आनंद वर्धन, सचिव आर.मीनाक्षी सुंदरम आदि मौजूद थे।
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