जमाती सामने न आए तो दर्ज होगा गैर इरादतन हत्या का मुकदमा
राज्य के पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने अभी तक छिपकर रहने वाले जमातियों को सोमवार शाम तक सामने आकर अपनी पहचान जाहिर करने का मौका दिया है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में जमातियों के कारण कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ रहे मामलों को लेकर सरकार ने अब सख्त रुख अपना लिया है। राज्य के पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने अभी तक छिपकर रहने वाले जमातियों को सोमवार शाम तक सामने आकर अपनी पहचान जाहिर करने का मौका दिया है। इसके बाद पुलिस द्वारा पकड़े गए जमातियों पर आपदा प्रबंधन कानून की धाराओं के साथ ही गैर इरादतन हत्या का मुकदमा भी चलाया जाएगा। यदि पुलिस द्वारा पकड़े गए जमाती के गांव में किसी की कोराना के कारण मृत्यु होती है तो फिर उस पर हत्या का मुकदमा भी दर्ज होगा। वहीं, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कोरोना वायरस के संक्रमण की स्थिति के संबंध में रविवार को वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने अधिकारियों को जांच से छिपने वाले तब्लीगी जमातियों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए।
प्रदेश में बीते तीन दिनों में कोराना संक्रमण के मामलों में तेजी से उछाल आया है। बीते चार दिनों में जितने भी कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं वे सभी जमाती हैं। इनमें भी सबसे अधिक वे हैं जिन्होंने निजामुद्दीन मरकज में शिरकत की थी। इन जमातों से शामिल होकर आए सभी जमाती अभी भी स्वास्थ्य जांच को सामने नहीं आए हैं। इसे देखते हुए रविवार को डीजीपी अनिल कुमार रतूड़ी ने सख्त चेतावनी जारी की है। जनता के नाम जारी वीडियो संदेश में डीजीपी ने कहा कि प्रदेश में दिल्ली से आई जमात के लोगों में कोराना संक्रमण के मामले मिले हैं। पुलिस, शासन व प्रशासन सभी जमातियों का पता लगाने का प्रयास कर रही है।
विशेषकर उनका जो निजामुद्दीन गए थे और उसके बाद वापस आए हैं। ऐसा हो सकता है कि उनमें से किसी को कोराना संक्रमण हो । इससे न केवल उनकी जान को खतरा है, बल्कि प्रदेश में भी संक्रमण की संभावना बढ़ सकती है। ऐसी सभी जमातियों से अनुरोध है कि वे सोमवार तक पुलिस व प्रशासन के सामने आएं। जरूरत पड़ने पर उनकी जांच की जाएगी और उन्हें क्वारंटाइन किया जाएगा। उनकी पूरी मदद की जाएगी। यदि कोई जानबूझ कर यह जानकारी छिपाता है और छह अप्रैल के बाद यह जानकारी सामने आती है कि वह जानबूझ कर छिपा रहे थे और उन्होंने संक्रमण फैलाया तो उनके खिलाफ हत्या के प्रयास का मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
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उन्होंने कहा कि ऐसे सभी जमातियों से अनुरोध है कि वे सामने आएं। जो छह अप्रैल तक सामने आते हैं उन पर कोई कार्रवाई नहीं होगी, उनका चिकित्सा परीक्षण शासन व प्रशासन द्वारा किया जाएगा। पुलिस को प्राप्त अभी तक की जानकारी के अनुसार एक मार्च के बाद प्रदेश से 36 जमातों में 383 लोग बाहर गए थे, इनमें से 357 वापस आ गए हैं, जबकि 26 वापस नहीं आए हैं।
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