उत्तराखंड में नए Smart Meter लगाने पर रोक नहीं, खराब पड़े 20000 मीटरों के स्थान पर लगाए जाएंगे नए
उत्तराखंड पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने स्पष्ट किया कि राज्य में स्मार्ट मीटर लगाने पर कोई रोक नहीं है। खराब या गलत रीडिंग देने वाले 20,000 मीटरों को प्राथमिकता से बदलकर नए स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड पावर कारपेारेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने राज्य में स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक को लेकर स्थिति साफ करते हुए कहा कि ऐसी कोई पाबंदी नहीं लगाई गई है। खराब-फुंके व गलत रीडिंग दे रहे मीटरों को प्राथमिकता से बदलने के आदेश दिए गए हैं। यूपीसीएल के अनुसार प्रदेश में वर्तमान में 20 हजार विद्युत मीटर खराब पड़े हैं, जिन्हें बदलकर नए स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं।
यूपीसीएल के एमडी अनिल यादव ने कहा कि नए विद्युत कनेक्शन में स्मार्ट मीटर लगाने पर रोक नहीं लगाई गई है, बल्कि खराब मीटरों का प्रतिस्थापन कर स्मार्ट मीटर लगाने को प्राथमिकता देने के लिए निर्देशित किया गया है । वर्तमान में बदले जा रहे स्मार्ट मीटर के साथ पुराने खराब मीटरों के रिप्लेसमेंट को प्राथमिकता दी जाए, ताकि उपभोक्ताओं की समस्याओं का समय पर निस्तारण किया जा सके।
उन्होंने बताया कि क्षतिग्रस्त मीटरों को बदलकर स्मार्ट मीटर लगाने का काम तीन दिनों में पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद पूरी तरह से नए कनेक्शनों में स्मार्ट मीटर लगाने का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा, दोषपूर्ण मीटरों के स्थान पर नए स्मार्ट मीटर की स्थापना से बिलिंग प्रक्रिया सटीक होगी। तकनीकी घाटे कम होंगे व उपभोक्ताओं को निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित की जा सकेगी।
परफारमेंस के खेल में मात खा रहे थे पुराने खराब मीटर
दरअसल, प्रदेश में करीब 20 हजार उपभोक्ताओं के मीटर खराब पड़े हैं। इसमें जले फुंके मीटरों के अलावा रीडिंग दोष व मीटर में अन्य तरह की कमियां भी शामिल हैं। लगातार कहा जा रहा था कि पहले खराब हो चुके मीटरों को बदलकर उनकी जगह स्मार्ट मीटर लगा दिए जाएं, ताकि सटीक रीडिंग उपभोक्ताओं को मिलने लगे, लेकिन अधिकारी नए कनेक्शन व अन्य उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर देकर अपनी परफारमेंस सुधारने में लगे थे। इसके बाद यूपीसीएल को आदेश जारी कर कहना पड़ा कि खराब मीटरों को हटाकर प्राथमिकता से उनकी जगह स्मार्ट मीटर लगाए जाएं।
विशिष्ट शिविर लगाकर तेज की गई रफ्तार
क्षतिग्रस्त हो चुके मीटरों को बदलकर नए स्मार्ट मीटर लगाने के लिए यूपीसीएल ने विशिष्ट शिविरों का आयोजन शुरू कर दिया है। सभी जोन, सर्किल और डिविजन स्तर पर टीमों को सक्रिय कर शिविर लगाए जा रहे हैं, ताकि प्रत्येक क्षेत्र में कार्यों की सतत प्रगति बनी रहे। फील्ड अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे उपभोक्ताओं के साथ समन्वय स्थापित करते हुए मीटर इंस्टालेशन, तकनीकी सुधार और अन्य गतिविधियों को बिना देरी के पूरा करें। यूपीसीएल प्रदेश में सभी नए कनेक्शन स्मार्ट मीटर के साथ ही जारी कर रहा है। इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को शुरूआत से डिजिटल एवं उन्नत मीटरिंग प्रणाली उपलब्ध कराना है।
स्मार्ट मीटर के लाभ
- -सटीक बिलिंग-मीटर रीडिंग आटोमैटिक होने से अनुमानित बिल की आवश्यकता नहीं होती।
- -रियल-टाइम मानिटरिंग-उपभोक्ता मोबाइल ऐप या पोर्टल पर अपनी बिजली खपत रियल-टाइम देख सकते हैं।
- -प्रीपेड विकल्प-स्मार्ट मीटर में प्रीपेड सुविधा होती है, जिसमें आप पहले रिचार्ज करते हैं और फिर बिजली उपयोग करते हैं।
- -मोबाइल ऐप से रिचार्ज- घर या उद्योग में कितनी बिजली कहां खर्च हो रही है, इसका विश्लेषण व मोबाइल से रिचार्ज किया जा सकता है।
- -ओवरलोड की पहचान- वोल्टेज में कमी या बढ़त जैसी समस्याओं की पहचान जल्दी हो जाती है, मीटर रीडर की आवश्यकता नहीं है।

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