Move to Jagran APP

ऑनलाइन बिजली बिल भुगतान पर नहीं लगेगा अतिरिक्त शुल्क

बिजली बिल का डिजिटल भुगतान करने पर उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त शुल्क का भार नहीं पड़ेगा। अब यूपीसीएल ऐसे उपभोक्ताओं को प्रोत्साहन के लिए रिबेट देने की तैयारी कर रहा है।

By BhanuEdited By: Published: Tue, 06 Mar 2018 12:10 PM (IST)Updated: Tue, 06 Mar 2018 12:10 PM (IST)
ऑनलाइन बिजली बिल भुगतान पर नहीं लगेगा अतिरिक्त शुल्क
ऑनलाइन बिजली बिल भुगतान पर नहीं लगेगा अतिरिक्त शुल्क

देहरादून, [जेएनएन]: बिजली बिल का डिजिटल भुगतान करने पर उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त शुल्क का भार नहीं पड़ेगा। बल्कि, डिजिटल भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए रिबेट देने की तैयारी है। सचिव ऊर्जा राधिका झा ने उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) के अधिकारियों को इसके लिए जल्द अलग नीति बनाने के निर्देश दिए हैं। 

loksabha election banner

यह जानकारी उन्होंने उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) में वर्ष 2018-19 के टैरिफ (बिजली दरों) को लेकर हुई राज्य सलाहकार समिति की बैठक में दी। समिति के सदस्यों ने इस मुद्दे को बैठक में प्रमुखता से उठाया था। 

सचिव ऊर्जा राधिका झा ने बताया कि उत्तराखंड में ऑनलाइन बिजली भुगतान की प्रगति कम है। इसका बड़ा कारण ये है कि ऑन लाइन बिजली बिल जमा करने पर बैंकों द्वारा अतिरिक्त शुल्क काटा जाता है। केंद्र सरकार का फोकस ऑनलाइन भुगतान को बढ़ावा देने पर है। जल्द यह व्यवस्था लागू कर दी जाएगी कि उपभोक्ता पर अतिरिक्त भार नहीं पड़ेगा। जितना बिल होगा, उतनी धनराशि ही खाते से कटेगी। साथ ही रिबेट यानी छूट देने की भी योजना है। 

सूत्रों के मुताबिक, ऑनलाइन भुगतान को प्रोत्साहित करने के लिए बैंकों द्वारा लिए जाने वाले शुल्क को वार्षिक राजस्व रिपोर्ट में शामिल किया जा सकता है। इससे किसी एक उपभोक्ता पर भार नहीं पड़ेगा, बल्कि इस रकम को बिजली बिल के रूप में सभी उपभोक्ताओं से लिया लिया जाएगा। 

बैठक में पद्मश्री डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं करने की बात कही। समिति के अन्य सदस्यों ने बिजली आपूर्ति की गुणवत्ता को सुधारने और बिजली क्रय-विक्रय का ऑडिट कराने का सुझाव दिया। यूईआरसी के अध्यक्ष सुभाष कुमार ने कहा कि सभी सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा। 

इस दौरान यूईआरसी सचिव नीरज सती, निदेशक वित्त दीपक पांडे, निदेशक तकनीकी प्रभात डिमरी, निदेशक रजनीश माथुर, यूपीसीएल के प्रबंध निदेशक बीसीके मिश्रा, यूजेवीएनएल के प्रबंध निदेशक एसएन वर्मा, पिटकुल के निदेशक वित्त अमिताभ मैत्रा आदि मौजूद रहे। 

रिटर्न ऑफ इक्विटी की मांग का विरोध 

यूईआरसी की राज्य सलाहकार समिति की बैठक में उद्यमियों ने उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) के पावर डेवलेपमेंट फंड (पीडीएफ) पर रिटर्न ऑफ इक्विटी की मांग का विरोध किया। इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ऑफ उत्तराखंड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने कहा कि पहले ही इसका भार उपभोक्ताओं पर पड़ रहा है। अगर रिटर्न ऑफ इक्विटी यूजेवीएनएल को मिली तो बिजली दरों में और वृद्धि होगी। 

दरअसल, मनेरी भाली-द्वितीय (304 मेगावाट) परियोजना निर्माण के लिए राज्य सरकार से पावर डेवलेपमेंट फंड (पीडीएफ) से करीब 350 करोड़ रुपये दिए थे। परियोजना से वर्ष 2007-08 से बिजली उत्पादन शुरू हुआ। पीडीएफ के नियमानुसार, 10 साल से पुरानी और ऐसी परियोजना जिनका टैरिफ यानी बिजली दरें 80 पैसे कम हैं, उन पर 30 पैसे प्रति यूनिट की दर से पीडीएफ सेस लगना शुरू हुआ। 

यूपीसीएल इस सेस को उपभोक्ताओं से वसूल करता है। वहीं, यूजेवीएनएल पीडीएफ पर प्रतिवर्ष 16 फीसद के हिसाब से रिटर्न ऑफ इक्विटी मांग रहा है। ब्याज समेत यह रकम करीब एक हजार करोड़ रुपये हो गई है। यूईआरसी यूजेवीएनएल की मांग को खारिज कर चुका है और अब मामला एपेलेट ट्रिब्यूनल फॉर इलेक्ट्रिसिटी (एप्टेल) में चल रहा है।

यह भी पढ़ें: अप्रैल से महंगी होगी बिजली, जल्द तय होगीं नई दरें

यह भी पढ़ें: उत्तराखंड में ढाई लाख घरों को 'सौभाग्य' से मिलेगी बिजली

यह भी पढ़ें: चौथी बार बिजली उपभोक्ताओं को झटका, फ्यूल चार्ज का भार


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.