न्यूज बुलेटिनः शाम छह बजे तक की उत्तराखंड की पांच बड़ी खबरें
शाम छह बजे तक की उत्तराखंड की पांच बड़ी खबरें। जिसमें आपको हर वो बड़ी खबर मिलेगी, जो आपसे सरोकार रखती है।
केदारनाथ आपदा पीड़ितों का 58.25 लाख मुआवजा बाकी
जेएनएन, देहरादून। केदारनाथ आपदा को करीब साढ़े चार साल की अवधि बीत गई, लेकिन पीड़ितों के जख्मों पर मरहम लगाने का काम सरकार अब तक पूरा नहीं कर पाई है। आपदा पीड़ितों के मुआवजे के अभी तक 58.25 लाख रुपये जारी किए जाने बाकी हैं। यह जानकारी अपर आयुक्त गढ़वाल ने मानवाधिकार आयोग को दी है। आयोग अब इस मामले में आठ नवंबर को सुनवाई करेगा।
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2. मेडिकल कॉलेजों पर एमसीआइ ने कसा शिकंजा
जेएनएन, श्रीनगर गढ़वाल। देश के किसी भी मेडिकल कॉलेज की फैकल्टीज की उपस्थिति बायोमेट्रिक ही मान्य होगी। किसी भी प्रकार की मेनुअल उपस्थिति अब एमसीआइ में मान्य नहीं होगी। यह व्यवस्था आगामी एक दिसंबर से लागू होने जा रही है। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को एमसीआइ से इस संबंध में सोमवार को आदेश प्राप्त हो गए हैं। इस नई व्यवस्था में मेडिकल कॉलेज के सीनियर रेजीडेंट और जूनियर रेजीडेंट को छूट मिली हुई है। असिस्टेंट प्रोफेसर से लेकर प्रोफेसर तक सभी फैकल्टीज अब अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक हाजिरी ही लगाएंगे और यह मशीनें सीधे एमसीआइ से लिंक भी हैं। इससे श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की हर फैकल्टी की उपस्थिति और अनुपस्थिति प्रतिदिन सीधे एमसीआइ को भी मिलेगी।
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3. 80 फीसद स्कूली वाहनों में बच्चों की सुरक्षा ताक पर
जेएनएन, देहरादून। उत्तराखंड में 80 फीसद निजी स्कूलों के वाहनों में बच्चों की सुरक्षा को ताक पर रखा जा रहा है। ये स्कूली वाहन न सिर्फ बच्चों की जान जोखिम में डाल रहे हैं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का भी उल्लंघन कर रहे हैं। बाल आयोग की रिपोर्ट में ये चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं।
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4. देहरादून में नदियों में खनन से आपदा को खुला न्योता
जेएनएन, देहरादून। बारिश थमने के बाद देहरादून जिले की नदियों में अवैध खनन का कार्य तेज हो गया है। खनन कार्य में जुटे लोग नदियों को खोदकर आपदा को खुला न्योता दे रहे हैं, जबकि अवैध खनन से सरकारी राजस्व को भी बड़ा नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
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5. भरत ने राम को चुना, तानिया ने भरत को
रणजीत सिंह रावत, जोशीमठ(चमोली)। चमोली जिले में चीन सीमा से लगे जोशीमठ विकासखंड का पैनी गांव। तकरीबन 700 की आबादी वाले इस गांव में इन दिनों रामलीला का मंचन चल रहा है। वैसे रामलीला का मंचन तो इस गांव में पिछले 36 साल से हो रहा है, लेकिन पहली बार कोई नवयुवती इसमें अभिनय कर रही है। वह भी किसी महिला पात्र का नहीं, बल्कि भरत का। इसलिए नहीं कि उसे अभिनय का शौक है, बल्कि इसलिए कि
वह भरत का अपना आदर्श मानती है। 16 वर्षीय इस नवयुवती का नाम है तानिया बिष्ट।