मेडिकल कॉलेजों पर एमसीआइ ने कसा शिकंजा
अब अगर मेडिकल कॉलेज की फैकल्टीज बायोमेट्रिक से उपस्थिति दर्ज नहीं कराते हैं तो उनकी उपस्थिति दर्ज नहीं होगी। क्योंकि मेनुअल उपस्थिति अब एमसीआइ में मान्य नहीं होगी।
श्रीनगर गढ़वाल, [जेएनएन]: देश के किसी भी मेडिकल कॉलेज की फैकल्टीज की उपस्थिति बायोमेट्रिक ही मान्य होगी। किसी भी प्रकार की मेनुअल उपस्थिति अब एमसीआइ में मान्य नहीं होगी। यह व्यवस्था आगामी एक दिसंबर से लागू होने जा रही है। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को एमसीआइ से इस संबंध में सोमवार को आदेश प्राप्त हो गए हैं। इस नई व्यवस्था में मेडिकल कॉलेज के सीनियर रेजीडेंट और जूनियर रेजीडेंट को छूट मिली हुई है। असिस्टेंट प्रोफेसर से लेकर प्रोफेसर तक सभी फैकल्टीज अब अनिवार्य रूप से बायोमेट्रिक हाजिरी ही लगाएंगे और यह मशीनें सीधे एमसीआइ से लिंक भी हैं। इससे श्रीनगर मेडिकल कॉलेज की हर फैकल्टी की उपस्थिति और अनुपस्थिति प्रतिदिन सीधे एमसीआइ को भी मिलेगी।
इस व्यवस्था को प्रभावी बनाने को लेकर एमसीआइ ने अपनी ओर से बायोमेट्रिक मशीनें भी मेडिकल कॉलेज में लगायी जा रही हैं। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज और बेस अस्पताल में तीन-तीन बायोमेट्रिक मशीनें एमसीआइ लगा चुकी है। हालांकि अभी इसे एक्टीवेट नहीं किया गया है।
सोमवार को एमसीआइ से यह निर्देश मिलते ही श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के एमसीआइ डिजिटल प्रोग्राम के नोडल ऑफीसर और कम्युनिटी मेडिसन विभाग के अध्यक्ष प्रो. अमित कुमार सिंह ने तुरंत एमसीआइ दिल्ली से संपर्क कर मशीन एक्टीवेट न होने की जानकारी दी।इसपर सोमवार को दिल्ली एमसीआइ से बताया गया कि मशीनें जल्द ही एक्टीवेट हो जाएंगी। एमसीआइ डिजीटल प्रोग्राम के नोडल ऑफिसर प्रो. अमित सिंह ने कहा कि इन मशीनों के रखरखाव की जिम्मेदारी मेडिकल कॉलेज की ही होगी।
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