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देहरादून में नदियों में खनन से आपदा को खुला न्योता

देहरादून जिले की नदियों में अवैध खनन का कार्य तेज हो गया है। खनन कार्य में जुटे लोग नदियों को खोदकर आपदा को खुला न्योता दे रहे हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Tue, 07 Nov 2017 04:53 PM (IST)Updated: Tue, 07 Nov 2017 10:51 PM (IST)
देहरादून में नदियों में खनन से आपदा को खुला न्योता

देहरादून, [जेएनएन]: बारिश थमने के बाद देहरादून जिले की नदियों में अवैध खनन का कार्य तेज हो गया है। खनन कार्य में जुटे लोग नदियों को खोदकर आपदा को खुला न्योता दे रहे हैं, जबकि अवैध खनन से सरकारी राजस्व को भी बड़ा नुकसान पहुंचाया जा रहा है। 

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राजधानी और आस-पास निकलने वाली प्रमुख नदियों और नालों पर इन दिनों जमकर अवैध खनन चल रहा है। टौंस, सौंग, नून, रिस्पना, बिंदाल, तमसा आदि नदियों में चोरी-छिपे ट्रैक्टर ट्रॉली, खच्चरों, यूटिलिटी, डंपरों से रेत, बजरी का अवैध कारोबार चल रहा है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति टौंस नदी की है। यहां पौंधा से लेकर सेलाकुई तक दो सौ से ज्याद स्थानों पर खनन कार्य चल रहा है। नदियों के बीच में बड़े गड्ढे बनाकर खनन कार्य में जुटे लोग आपदा को न्योता दे रहे हैं।

खनन कार्य से नदी का स्वरूप बिगड़ने के साथ ही नदी तटों की आबादी को भी खतरा बना हुआ है। नंदा की चौकी, ठाकुरपुर आदि इलाकों में सुबह चार बजे से खनन कार्य चल रहा है। इसे लेकर लोगों ने पुलिस-प्रशासन से भी शिकायत की गई। मगर, इस दिशा में नियंत्रण को लेकर ठोस कदम नहीं उठाए गए। उप खनिज के दोहन से यहां बनाए गए गड्ढे नदी से आवाजाही करने वालों के लिए भी खतरा बने हुए हैं। जबकि बरसात में नदी का प्रवाह क्षेत्र बदलने से आपदा को न्योता दिया जा रहा है।

 कार्रवाई पर उठ रहीं उंगली

प्रेमनगर क्षेत्र से अक्सर विकासनगर आवाजाही करने वाले अफसर गुजरते हैं। मगर, उन्हें यहां खनन कार्य नजर नहीं आता। खनन कार्य के अलावा नदी और सड़क किनारों पर खनन सामग्री का भंडारण किया गया है। इससे अफसरों की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लाजमी है। 

देहरादून डीएम एसए मुरूगेशन का कहना है कि अवैध खनन पर प्रभावी कार्रवाई को लेकर पहले ही सर्कुलर जारी किया गया है। एसडीएम, तहसीलदार और पुलिस को निर्देश दिए गए हैं। जहां अवैध खनन पाया जाएगा, संबंधित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। 

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