देहरादून में बदलेगा इंदिरा मार्केट का पता, अगले साल तक होगा कायाकल्प; लागत 450 करोड़ रुपये
देहरादून के इंदिरा मार्केट का 450 करोड़ रुपये की लागत से नवीनीकरण किया जाएगा। अगले साल तक यह मार्केट पूरी तरह से बदल जाएगा और आधुनिक सुविधाओं से लैस ह ...और पढ़ें

एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने की 450 करोड़ रुपये की परियोजना के कार्यों की समीक्षा. Concept Photo
अंकुर अग्रवाल, देहरादून! शहर के दिल घंटाघर और सबसे प्रमुख क्षेत्र राजपुर रोड पर स्थित बेहद संकरी व अव्यवस्थित इंदिरा मार्केट को व्यवस्थित रूप देने के लिए मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने तैयारी तेज कर दी है।
निर्माण कंपनी सामग कंस्ट्रक्शन की ओर से किए जा रहे निर्माण कार्य के संबंध में एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने शुक्रवार को समीक्षा की। उन्होंने कंपनी को काम में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। दावा किया जा रहा कि यह परियोजना अगले वर्ष पूरी कर ली जाएगी। अब तक परियोजना का 65 प्रतिशत से अधिक काम पूरा हो चुका है। यहां नए कांप्लेक्स व पार्किंग का निर्माण कार्य गतिमान है।
इंदिरा मार्केट रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट का शिलान्यास मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिसंबर-2022 में किया था। शुरुआत में परियोजना की प्रगति बेहद धीमी रही। दरअसल, इसके पीछे की वजह कंपनी की सुस्त चाल समेत परियोजना की डीपीआर (डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट) में संशोधन का इंतजार भी था। सभी औपचारिकताओं की शीघ्र पूरा करने को लेकर अप्रैल-2024 में एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने निर्माण एजेंसी सामग कंस्ट्रक्शन को अंतिम चेतावनी भी जारी की थी।
पिछले वर्ष अक्टूबर में डीपीआर में किए गए संशोधन को एमडीडीए उपाध्यक्ष से हरी झंडी मिल जाने के बाद धरातल पर भी काम की रफ्तार बढ़ा दी गई। परियोजना की जिम्मेदारी देख रहे एमडीडीए के अधिशासी अभियंता सुनील कुमार को अब उपाध्यक्ष तिवारी ने निर्माण कार्य की गति बढ़ाने का निर्देश दिया है, ताकि परियोजना का निर्माण समय पर पूरा कर अस्थाई दुकानों को काम्प्लेक्स में शिफ्ट किया जा सके।
पीपीपी मोड में बन रही परियोजना
इंदिरा मार्केट रीडेवलपमेंट प्रोजेक्ट का निर्माण पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड में किया जा रहा है। करीब 450 करोड़ रुपए की परियोजना में बजट निर्माण एजेंसी को स्वयं के संसाधनों से जुटाना है। इसके लिए ऋण की औपचारिकता में भी कंपनी को अच्छा खासा समय लग गया। शिलान्यास के दौरान परियोजना को पूरा करने का लक्ष्य 14 माह तय किया गया था, लेकिन अब इसे बढ़ाकर वर्ष-2026 किया गया है।
इसलिए जरूरी है परियोजना
इंदिरा मार्केट का एक सिरा लैंसडौन चौक पर है तो दूसरा सिरा राजपुर रोड पर। यहां दुकानें बेहद संकरी सड़क पर दोनों तरफ सटकर बनी हैं। ऐसे में यहां से दोपहिया वाहन तक निकालना भी मुश्किल हो जाता है। चौपहिया वाहन यहां प्रवेश नहीं कर सकते हैं और बाजार में आसपास पार्किंग सुविधा का भी अभाव है। प्लान के तहत 1050 वाहनों की पार्किंग का निर्माण किए जाने के बाद नागरिकों को बाजार में भ्रमण व खरीदारी करने में दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ेगा। इस लिहाज से भी देखा जाए तो परियोजना के निर्माण उच्च क्षमता के साथ पूरा करने की जरूरत है।
परियोजना पर एक नजर
- कुल क्षेत्रफल: 16,558 वर्गमीटर
- लीज क्षेत्रफल: 9,929 वर्गमीटर
- कुल लागत: 450 करोड़ रुपये
- शिफ्ट किए जाने वाले व्यापारी: 406 व्यापारियों के साथ अब तक अनुबंध
- प्रस्तावित दुकानें: 581 व 56 कियोस्क
- आकर्षण: लिफ्ट, आधुनिक शौचालय, हरित क्षेत्र आदि का विकास
- निर्माण कंपनी: सामग एमडीडीए रियलिटी प्रा. लि.
2015 से इस तरह हुए परियोजना पर प्रयास
- शासन स्तर से कार्रवाई व्यय वित्त समिति बनी: 23 मार्च 2015
- इंपावर्ड कमेटी आफ इंफ्रास्ट्रक्चर का गठन: 29 सितंबर 2015
- प्रथम इंपावर्ड ग्रुप आफ मिनिस्टर्स: 08 फरवरी 2016
- प्रथम पुनर्वास नीति बनी: 09 मार्च 2016
- द्वितीय इंपावर्ड ग्रुप आफ मिनिस्टर्स: 19 जुलाई 2016
- आटो मैकेनिक के लिए पुनरीक्षित पुनर्वास नीति बनी: 25 नवंबर 2016
- अन्य कार्रवाई अनुबंध: 18 नवंबर 2016
- कांसेप्ट प्लान स्वीकृत: 19 दिसंबर 2016
- लीज डीड तिथि: 21 दिसंबर 2016
- लीज अवधि: 90 वर्ष
वर्ष 2000 के सर्किल रेट पर की गई नजूल भूमि फ्रीहोल्ड
इंदिरा मार्केट नजूल भूमि पर संचालित होता आ रहा था। रीडेवलपमेंट प्लान पर आगे बढ़ने के लिए नजूल भूमि को व्यापारियों के पक्ष में वर्ष 2000 के सर्किल रेट पर फ्रीहोल्ड किया गया है।

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