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    उत्‍तराखंड में नए सेशन में स्कूलों में इतने दिन चलेंगी क्‍लास, एग्‍जाम के लिए 20 दिन

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 02:36 PM (IST)

    उत्तराखंड में अब स्कूलों में 240 दिन कक्षाएं लगेंगी। शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में यह फैसला लिया गया जिसमें परीक्षा के लिए 20 दिन तय किए गए हैं। नई शिक्षा नीति के तहत यह बदलाव किया गया है जिससे छात्रों का सम्पूर्ण विकास हो सके। सह-शैक्षणिक गतिविधियों के लिए भी समय निर्धारित किया गया है। नीचे विस्‍तार से पढ़ें खबर।

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    शिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में विद्यालयी शिक्षा पाठ्यचर्या की रूपरेखा पारित। जागरण

    राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। राज्य पाठ्यचर्या को टास्क फोर्स ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया है। इसके तहत अब प्रदेशभर के विद्यालयों में 240 दिन अनिवार्य रूप से कक्षाओं का संचालन किया जाएगा। साथ ही परीक्षा एवं मूल्यांकन कार्य के लिए 20 दिन, सह शैक्षणिक गतिविधियों और बस्ता रहित दिवसों के लिए 10-10 दिन आवंटित किए गए हैं। इसके अलावा प्रत्येक सप्ताह 32 घंटे का शैक्षणिक दिवस भी सुनिश्चित किया गया है।

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    यह परिवर्तन राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) के प्रविधानों के तहत किया गया है। सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री एवं राज्य स्तरीय टास्क फोर्स के अध्यक्ष डा. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में सचिवालय स्थित सभागार में आयोजित बैठक में इस रूपरेखा को हरी झंडी दी गई। डा.रावत ने बताया कि एनईपी-2020 की सिफारिशों के तहत कुल 297 टास्क निर्धारित हैं, जिनमें से 202 टास्क राज्यों की ओर से लागू किए जाने हैं।

    राज्य पाठ्यचर्या की संरचना को पांच प्रमुख भागों में बांटा गया है। पहले भाग में विद्यालयी शिक्षा के व्यापक उद्देश्यों और लक्ष्यों की स्पष्टता, अपेक्षित मूल्य, स्वभाव, दक्षता, कौशल और ज्ञान को शामिल किया गया है। दूसरे भाग में विषयों, मूल्य आधारित शिक्षा, पर्यावरणीय संवेदनशीलता, समावेशिता, मार्गदर्शन, परामर्श और शैक्षणिक प्रौद्योगिकी को स्थान मिला है। तीसरे भाग में शिक्षण मानक, विषयवस्तु का चयन, शिक्षा शास्त्र और मूल्यांकन के दिशा-निर्देशों का उल्लेख है।

    चौथे भाग में विद्यालयी संस्कृति, गतिविधियां, शैक्षणिक एवं पर्यावरणीय वातावरण और सामाजिक मूल्यों के विकास पर जोर दिया गया है। वहीं पांचवें भाग में विद्यालयी शिक्षा की पारिस्थितिकी तंत्र, सेवा-शर्तें, भौतिक ढांचा और परिवार एवं समुदाय की भूमिका को रेखांकित किया गया है।

    शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि नई पाठ्यचर्या के अंतर्गत कक्षा संचालन, परीक्षा, सह शैक्षणिक गतिविधियों और बस्ता रहित दिवसों का संतुलित निर्धारण विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। बैठक में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन, सचिव शिक्षा रविनाथ रामन, सचिव संस्कृति युगल किशोर पंत, अपर सचिव उच्च शिक्षा मनुज गोयल, निदेशक एससीईआरटी बंदना गर्ब्याल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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