कोरोना के बाद एलबीएसएनएए में पहला फाउंडेशन कोर्स शुरू
सिविल सेवाओं के संस्थापक सरदार वल्लभ भाई पटेल की बात को 74 साल बाद मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (एलबीएसएनएए) में दोहराया ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, देहरादून: सिविल सेवाओं के संस्थापक सरदार वल्लभ भाई पटेल की बात को 74 साल बाद मसूरी स्थित लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासनिक अकादमी (एलबीएसएनएए) में दोहराया गया। इसे दोहराते हुए अकादमी निदेशक श्रीनिवास आर कटिकिथाला ने कहा 'अब आपको इस बात की संतुष्टि होगी कि आप जो भी कार्य करेंगे, वह अपने साथी देशवासियों के आदेशों पर करेंगे'। मौका था 19 अखिल भारतीय सेवाओं के वर्ष 2021 बैच के 485 प्रशिक्षु अधिकारियों के 96वें संयुक्त फाउंडेशन कोर्स के उद्घाटन का।
मंगलवार को फाउंडेशन कोर्स का उद्घाटन करते हुए अकादमी के निदेशक कटिकिथाला ने कहा कि इस कोर्स में आइएएस, आइपीएस समेत विभिन्न अखिल भारतीय सेवाओं के अधिकारी एक साथ प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे। यह प्रशिक्षण इसलिए भी खास है, क्योंकि यह कोरोनाकाल के बाद का पहला आफलाइन प्रशिक्षण है। उन्होंने कहा कि आजादी के 75वें साल में प्रशिक्षु अधिकारियों को देश की सेवा का सुअवसर मिला है। लोक सेवा का हिस्सा बनना दुर्लभ व्यक्तियों की किस्मत में होता है। लिहाजा, राष्ट्र जो आप पर अगाध भरोसा करता है, उस पर खरा उतरना सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।
निदेशक ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सिविल सेवकों के परिपेक्ष्य में 2017 में कही गई बात को भी दोहराया। तब प्रधानमंत्री ने कहा था कि 'आप रोजगार के लिए प्रयासरत व्यक्ति नहीं, बल्कि सिविल सेवा का हिस्सा हैं। इस सेवा को व्यक्तिगत स्वामित्व न समझा जाए। यह बहुत बड़ी जिम्मेदारी है, क्योंकि भारतीय नागरिकों की सेवा करने का आपको सम्मान मिला है और नागरिकों की अपेक्षा पर खरा उतरना ही सिविल सेवकों का परम धर्म है।' सिविल सेवकों का यह प्रशिक्षण मार्च 2022 तक चलेगा।

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