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दून अस्पताल पर कम होगा 'बूढ़ी' मशीनों का बोझ, जल्द मिलेगी राहत

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर बूढ़ी मशीनों का बोझ कुछ हद तक कम होता दिख रहा है। अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग को जल्द ही नई एक्स-रे व सीटी स्कैन मशीन मिल जाएंगी।

By Edited By: Published: Fri, 15 Mar 2019 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 15 Mar 2019 03:35 PM (IST)
दून अस्पताल पर कम होगा 'बूढ़ी' मशीनों का बोझ, जल्द मिलेगी राहत
दून अस्पताल पर कम होगा 'बूढ़ी' मशीनों का बोझ, जल्द मिलेगी राहत

देहरादून, जेएनएन। दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल पर 'बूढ़ी' मशीनों का बोझ कुछ हद तक कम होता दिख रहा है। अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग को जल्द ही नई एक्स-रे व सीटी स्कैन मशीन मिल जाएंगी। इससे न केवल अस्पताल प्रशासन का सिरदर्द दूर होगा बल्कि मरीजों को भी राहत मिलेगी। 

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मुंबई में अस्पताल के रेडियोलॉजी विभाग की विशेषज्ञ टीम ने मशीनों का डेमो लिया। इसमें वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट डॉ. मनोज शर्मा, एमआरआइ इंचार्ज महेंद्र भंडारी व तकनीशियन अभय नेगी शामिल रहे। 

यदि सब ठीक रहा तो अगले कुछ वक्त में यह मशीनें अस्पताल को मिल जाएंगी। ये मशीनें मिलेंगी तीन पोर्टेबल एक्स-रे मशीन यह मशीनें इमरजेंसी, आइसीयू व ट्रॉमा वार्ड में स्थापित कराई जाएंगी। इसके अलावा वार्ड में भर्ती जो मरीज बीमारी के चलते नहीं चल पाने की स्थिति में होंगे एक्स-रे मशीन उनके बेड तक पहुंचाई जाएगी। उनका एक्स-रे वहीं हो जाएगा। 

64 स्लाइस की सीटी स्कैन मशीन 

इससे न्यूरो, हार्ट, ऑर्थो, कैंसर समेत तमाम मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। नई मशीन पर कोरोनरी एंजियोग्राफी (हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज की जांच) की भी सुविधा मिलेगी। इसके अलावा ब्रोंकोस्कॉपी, कोलोनोस्कोपी, अस्थि का बारीक से बारीक फैक्चर व कैंसर की सूक्ष्म गाठ का आसानी से डायग्नोस किया जा सकेगा। 

तीन सामान्य एक्स-रे मशीन 

अस्पताल के पास अभी दो सामान्य एक्स-रे मशीन हैं। यह दोनों ही मशीन करीब 20 साल पुरानी हैं। इनमें जब-तब खराबी आ जाती है। ऐसे में अस्पताल तीन सामान्य एक्स-रे मशीन की खरीद कर रहा है। अस्पताल में मरीजों के अत्याधिक दबाव व एमसीआइ के मानकों के तहत इसकी आवश्यकता भी है। 

दो सीआर (कंप्यूटर रेडियोग्राफी) मशीन कंप्यूटर रेडियोग्राफी, डिजीटल व सामान्य एक्स-रे के बीच की तकनीक है। इस मशीन में मरीजों के एक्स-रे सामान्य एक्स-रे मशीन की तुलना में 60 प्रतिशत कम समय में हो जाते हैं। इसमें कैसेट पर इमेट लेकर बाद में इसका प्रिंट निकाला जाता है। 

मरीजों को मिलेगा फायदा 

दून मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. आशुतोष सयाना के अनुसार अस्पताल में एमसीआइ के मानकों के अनुसार आवश्यक संसाधन जुटाए जा रहे हैं। इसके अलावा सुविधाओं में भी लगातार इजाफा किया जा रहा है। जिसका फायदा मरीजों को मिलेगा। 

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