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Uttarakhand Cabinet Meet: उत्तराखंड में यूपी से भी सस्ती हुई शराब, नई आबकारी नीति पर मुहर

कैबिनेट बैठक में नई आबकारी नीति पर मुहर लग गई है जिसके तहत उत्तराखंड में शराब की दर उत्तर प्रदेश से कम की गई है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 04:28 PM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 08:21 PM (IST)
Uttarakhand Cabinet Meet: उत्तराखंड में यूपी से भी सस्ती हुई शराब, नई आबकारी नीति पर मुहर
Uttarakhand Cabinet Meet: उत्तराखंड में यूपी से भी सस्ती हुई शराब, नई आबकारी नीति पर मुहर

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में आगामी एक अप्रैल से शराब सस्ती करने पर मंत्रिमंडल ने मुहर लगा दी। चालू वित्तीय वर्ष में आबकारी राजस्व में आई गिरावट और सौ से ज्यादा शराब की दुकानों का आवंटन नहीं होने से सरकार को अपनी आबकारी नीति में संशोधन करने को मजबूर होना पड़ा है। इस संशोधित नीति के तहत शराब की दुकानों के आवंटन की पात्रता शर्तों का सरलीकरण किया गया है। दुकानों के आवंटन का पहला विकल्प मौजूदा लाइसेंसधारकों को दिया गया है। उनके लाइसेंस नवीनीकृत किए जाएंगे। शेष दुकानों का आवंटन अब नीलामी के बजाए लॉटरी से होगा।

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राज्य में शराब की कीमतें करीब 20 फीसदी कम की गई हैं। उत्तरप्रदेश की तुलना में शराब के दाम करीब 10 फीसद कम किए गए हैं। बार का लाइसेंस अब जिलाधिकारी जारी करेंगे। लाइसेंस की अवधि एक वर्ष से बढ़ाकर तीन वर्ष की गई है। नई नीति से सरकार को राजस्व बढ़ने की उम्मीद है। इसके चलते वर्ष 2020-21 के लिए आबकारी से राजस्व का लक्ष्य बढ़ाकर 3600 करोड़ किया गया है। मंत्रिमंडल ने अन्य महत्वपूर्ण फैसले में प्रदेश में रक्षा क्षेत्र में पूंजी निवेश का रास्ता खोल दिया। इसके लिए उत्तराखंड एयरोस्पेस और रक्षा औद्योगिक नीति को हरी झंडी दिखाई दी। 

त्रिवेंद्र सिंह रावत मंत्रिमंडल की सचिवालय में शनिवार को बैठक में कुल 13 बिंदुओं पर मंथन के बाद 12 पर फैसले लिए गए। एक बिंदु पेयजल निगम और जल संस्थान के एकीकरण पर विचार कर खाका तैयार करने को काबीना मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडलीय उपसमिति गठित की गई है। विधानसभा सत्र आहूत होने की वजह से मंत्रिमंडल के फैसलों की ब्रीफिंग नहीं हुई। सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल ने संशोधित आबकारी नीति को मंजूरी दी। 

चालू वित्तीय वर्ष 2019-20 में आबकारी से आमदनी का लक्ष्य 3180 करोड़ रखा गया था, लेकिन माना जा रहा है कि इस वर्ष के अंत तक राजस्व वसूली करीब 2800 करोड़ तक सीमित रखने के आसार हैं। शराब की दुकानों के आवंटन की शर्तों को सरल किया गया है। देशी व विदेशी शराब का लाइसेंस शुल्क एक फीसद रखा गया है। आवेदक की हैसियत में 10 फीसद कमी की गई है। उसे पहले दुकान के कुल राजस्व का 20 फीसद बतौर हैसियत जमा करना पड़ता था। अब शराब की एक दुकान को एक के साथ ही दो कारोबारी मिलकर भी चला सकेंगे।

दुकानों के आवंटन की तीन स्तरीय प्रक्रिया होगी। पहला आवंटन नवीनीकरण के जरिए होगा। इसमें लाइसेंसी को 15 फीसद नवीनीकरण शुल्क और पांच फीसद अतिरिक्त नवीनीकरण शुल्क देना होगा। नवीनीकरण नहीं होने वाली दुकानों और बंद पड़ी 131 शराब की दुकानों का आवंटन लॉटरी के जरिए होगा। इसके अतिरिक्त बड़ी दुकानें और लॉटरी से आवंटित नहीं होने की स्थिति में उन्हें तोड़कर दो भागों में विभाजित किया जा सकेगा। यानी एक के बजाए दो दुकानें संचालित होंगी, लेकिन शर्त ये है कि दोनों दुकानें आसपास होनी चाहिए। इन दोनों ही दुकानों को एक मूल इकाई के तौर पर ही माना जाएगा। इस वजह से दुकानों की कुल संख्या में इजाफा नहीं माना जाएगा।

शराब की दुकानों के लिए मिनिमम गारंटी डिपोजिट (एमजीडी) में 25 फीसद की कमी की गई है। इससे शराब की कीमत कम होने का रास्ता साफ हो गया है। चालू वर्ष में शराब की कुल 624 दुकानों का राजस्व 2135 करोड़ तय किया गया था, अगले वित्तीय वर्ष के लिए यही लक्ष्य रखा गया है। एफएलटू की नीति में आंशिक संशोधन किया गया है। इसके तहत स्थानीय शराब निर्माताओं के लिए प्रति पेटी शुल्क में कोई इजाफा नहीं किया गया है। अलबत्ता, बाहर से आने वाली बॉंडेड शराब की प्रति पेटी पर 10 रुपये की जगह 20 रुपये लिए जाएंगे। शराब के दुकानों के आवंटन की प्रक्रिया हर हाल में 31 मार्च से पहले पूरी की जाएगी। 

मंत्रिमंडल ने केंद्र सरकार की तर्ज पर मेक इन इंडिया के तहत उत्तराखंड एयरोस्पेस और रक्षा औद्योगिक नीति को मंजूरी दी है। इससे राज्य में सिडकुल व अन्य क्षेत्रों में रक्षा उपकरणों व एयरोस्पेस में स्वदेशी डिजाइन विकसित करने और निर्माण में नए स्टार्ट अप और उद्यम खुल सकेंगे। राज्य में सार्वजनिक क्षेत्र की आयुध व रक्षा से जुड़ी उपकरणों के निर्माण से जुड़ी नौ इकाइयां हैं। इस वजह से उत्तराखंड में इस क्षेत्र में उद्यमिता के लिए माहौल है। रक्षा उद्योग क्षेत्र में नए पूंजी निवेश से राज्य में रोजगार के मौके बढ़ेंगे। 

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कैबिनेट के अन्य फैसले 

-आबकारी नीति में संशोधन को मंजूरी, वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए राजस्व लक्ष्य 3600 करोड़

-आगामी एक अप्रैल से शराब की मौजूदा कीमतों में 20 फीसद आएगी कमी

-आवंटित 131 नहीं हुई दुकानों का लॉटरी से होगा उठान

-एक दुकान को दो लोग मिलकर चला सकेंगे, बार का लाइसेंस देने को डीएम अधिकृत

-मेक इन इंडिया के तहत उत्तराखंड एयरोस्पेस और रक्षा औद्योगिक नीति को हरी झंडी

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