नेपाली श्रमिक ने पहले खाया जहर, नहीं हुई मौत तो फिर फंदा लगाकर दी जान
त्यूणी के सैंज गांव में एक नेपाली श्रमिक ने आत्महत्या कर ली। मानसिक रूप से परेशान विशाल थापा ने पहले जहर खाकर जान देने की कोशिश की थी लेकिन बच गया था। बाद में उसने पत्नी को कमरे में बंद करके फांसी लगा ली। पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर परिवार को सौंप दिया है। वह गैराणू छानी में दिहाड़ी मजदूरी करता था।

संवाद सूत्र जागरण, त्यूणी। मानसिक रूप से परेशान नेपाली मूल के एक श्रमिक ने चार दिन पहले जहर खाकर जान देने का प्रयास किया था। किसी तरह जान बचने से बुधवार को उसने कमरे के अंदर फंदा लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी। घटना त्यूणी के सैंज गांव की है। पुलिस ने पंचनामा भर शव स्वजन को सौंप दिया।
जानकारी के अनुसार नेपाली मूल का विशाल थापा पिछले कुछ समय से त्यूणी के पास गैराणू छानी में किसी ग्रामीण के यहां नर्सरी में दिहाडी मजदूरी का काम करता था। मानसिक रूप से परेशान बताए जा रहे विशाल ने चार दिन पहले जहर खाकर जान देने का प्रयास किया था।
तबीयत बिगड़ने पर परिजन उसे उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र त्यूणी लाए। अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उसे हायर सेंटर रोहडू-हिमाचल रेफर किया गया था। किसी तरह उसकी जान बच गई। मंगलवार शाम को वह गैराणू छानी से पत्नी के साथ सैंज गांव में एक परिचित के यहां ठहरा था।
बुधवार सुबह उसने कमरे के अंदर पत्नी को बंद कर घर के अंदर फंदे से लटक कर जान दे दी। पत्नी के शोर मचाने पर स्थानीय ग्रामीण व आस पड़ोस के लोग मदद के लिए मौके पर पहुंचे और अचेत अवस्था में उसे उपचार के लिए राजकीय अस्पताल त्यूणी लाए जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित किया।
थानाध्यक्ष विनय मित्तल ने कहा स्वजन के आग्रह पर पुलिस प्रशासन ने बिना पोस्टमार्टम के पंचनामा भर शव सौंप दिया।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।