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    Dehradun: नेपाल में अपनों की चिंता नहीं हो रही कम, फोन और मैसेज आते मिल रहा सुकून

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 07:38 PM (IST)

    नेपाल में इंटरनेट मीडिया बैन के खिलाफ हिंसा के बाद देहरादून में लोग अपने रिश्तेदारों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। फोन न लगने पर उनकी चिंता और बढ़ जाती है। विभिन्न सामाजिक संगठनों ने सरकार से वहां फंसे लोगों को वापस लाने की गुजारिश की है। लोग मंदिरों में पूजा-पाठ कर रहे हैं और नेपाल भारत मैत्री बस सेवा का इंतजार कर रहे हैं।

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    सरकार से संगठनों की गुजारिश नेपाल में यहां के लोगों को शीघ्र सुरक्षित भेजा जाए. File

    जागरण संवाददाता, देहरादून। पड़ोसी देश नेपाल में इंटरनेट मीडिया बैन के खिलाफ भड़की हिंसा के बाद दून में रह रहे लोगों को रिश्तेदारों की चिंता सता रही है। कभी फोन आता है और सूचना मिलती है कि यहां सभी शांत है तो उन्हें भी सुकून मिल जाता है। लेकिन यदि कभी फोन नहीं उठाते और मैसेज का देरी से जवाब आता है तो चिंता फिर से बढ़ने लग जाती है।

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    हर कोई यही आस लगाए बैठा है कि उनके रिश्तेदार जहां भी हों सुरक्षित रहे। इसके लिए मंदिरों में पूजा पाठ और हवन तक कराए जा रहे हैं। वहीं विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी सरकार से गुजारिश की है कि वहां जो भी लोग फंसे हो उन्हें जल्द ही अपने राज्यों की ओर भेजा जाए।

    बहन ने बताया स्थिति अब ठीक

    गल्जवाड़ी निवासी दुर्गा घाले ने बताया कि काठमांडू में उनकी बहन उमा का विवाह हुआ। जो परिवार के साथ वहीं रहती है। बहन ने दशहरा पर घर आने का प्लान बनाया था। इस बीच वहां हिंसा हो गई तो हम भी परेशान हो गए। एक दिन के बाद फोन लगा तो उन्होंने बताया कि यहां सभी सामान्य हैं। स्थिति धीरे धीरे बेहतर हो रही है। इसलिए दशहरा पर वे दून आएंगी। आज यहां नींबूवाला से दशहरा के बाद बहन की वापसी की टिकट बुक कराई है।

    फोन नहीं उठाया तो बढ़ने लगी थी चिंता

    वीरभ्रद कल्याण समिति के उपाध्यक्ष सूर्य विक्रम शाही ने बताया कि उनके जीजा नीरज हमाल के अलावा रिश्तेदार सुजेंद्र देउपा, रामेश्वर थापा काठमांडू में रहते हैं। शुरू में जब वहां की घटना की सूचना मिली तो हम सभी परेशान हो गए। फोन लगा रहे थे लेकिन कोई नहीं उठा रहा था तो चिंता और बढ़ने लगी। हालांकि बाद में सभी से संपर्क हो गया है और सभी वहां सुरक्षित हैं। उनका कहना है वहां स्थिति भले ही शांतिपूर्ण हो लेकिन भय का माहौल अभी भी बना हुआ है। एक दो दिन के बाद स्थिति पूरी तरह ठीक हो जाएगी।

    गोर्खाली सुधार सभा में भी बजते रहे फोन

    गढ़ी कैंट स्थित गोर्खाली सुधार सभा में सभा के अध्यक्ष पदम सिंह थापा के पास नेपाल में हिंसा और वहां के लोगों की वापसी को लेकर दिनभर लोगाें के फोन आते रहे। उन्होंने बताया कि बीते तीन चार दिनों ने लोग यही जानने की कोशिश कर रहे हैं कि जो भी वहां लोग हैं वह सुरक्षित रहे। विभिन्न संगठनों के भी फोन आ रहे हैं।

    उन्होंने नेपाल की हिंसा को कहा कि युवाओं में तालमेल बिठाने में नेपाल सरकार असफल रही। हालांकि आगजनी, मारपीट होना अशोभनीय है। वर्तमान में 14 लाख गोर्खा समाज उत्तरखंड में रहता है। हमारी सरकार से मांग है कि जो भी यहां तीर्थाटन, पढ़ाई अथवा अपने व्यापार कर रहे हैं उन्हें किसी भी तरह की परेशानी न हो। जो भी वहां हैं वह भी शीघ्र वापस लौटे इसकी भी मांग कर हरे हैं।बताया कि सभा की लोगों की मदद के लिए आगे आएगी।

    मैत्री बस सेवा की जानकारी को नींबूवाला पहुंच रहे लोग

    नेपालगंज, कोहलपुर, लमाही, भालूबांग, गोरुसिगे, बुटवल, नारायणघाट, पोखरा, काठमांडू के लिए प्रतिदिन नींबूवाला से जाने वाली खलंगा एंड सुपा देउराली टूर एंड ट्रेवल्स की नेपाल भारत मैत्री बस सेवा बीते छह सितंबर को गई थी। लेकिन इसके बाद बार्डर पर ही उन्हें रोका गया है। ट्रैवल्स के संचालक टेकू थापा ने बताया कि हर दिन यहां काउंटर पर 10-15 लोग पूछते हैं कि बस कब आएगी। लेकिन उन्हें यही आश्वासन दिया जा रहा है कि स्थिति बेहतर होने के बाद जल्द बस आएगी। बताया कि यहां से हर दिन 30-35 लोगों की हर दिन बुकिंग होती है। यहां से दोपहर दो बजे बस रवाना होती है।

    हिंसा के बाद ससुराल अर्घाखांची में लगातार कर रहे फोन

    नयागांव निवासी महादेव ने बताया कि उनका ससुराल नेपाल के अर्घाखांची जिले में है। पहले हम एक दो दिन बाद ही फोन करते थे लेकिन जब से नेपाल में हिंसा हुई जब से हमें भी चिंता होने लगी। इसलिए लगातार ही उनसे संपर्क कर वहां की स्थित जानने की कोशिश और उनके सुरक्षित के बारे में पूछ रहे हैं। हालांकि ससुराल वालों का कहना है कि काठमांडू में स्थिति ज्यादा खराब है यहां सब सामान्य है।