Updated: Fri, 08 Aug 2025 09:35 PM (IST)
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में लगातार बढ़ रही आपदाओं के कारणों का पता लगाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) अध्ययन करेगा। हिमाचल में यह अध्ययन पहले ही हो चुका है। उत्तराखंड में आपदा राहत के बाद विशेषज्ञ दल आएगा। पुनर्निर्माण के लिए वित्त आयोग से विशेष प्रावधानों की सिफारिश की जाएगी। हरिद्वार ऊधमसिंह नगर और औली में डॉप्लर राडार लगाए जाएंगे।
राज्य ब्यूरो, जागरण, देहरादून। उत्तराखंड व हिमाचल में लगातार भूस्खलन, बादल फटना व ग्लेशियरों में ओवर फ्लो जैसी घटनाएं लगातार बढ़ रही है। इसे देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) इस बात का अध्ययन करेगा कि दोनों प्रदेशों में इस प्रकार की घटनाएं क्यों घट रही हैं। हिमाचल में इस प्रकार का अध्ययन हो चुका है ।
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उत्तराखंड में भी आपदा राहत कार्यों के तुरंत बाद विशेषज्ञों के एक दल अध्ययन के लिए यहां आएगा। हिमालयी राज्यों में प्राकृतिक आपदा आना कोई नई बात नहीं है लेकिन बीते कुछ वर्षों में उत्तराखंड और हिमाचल में बादल फटने अथवा गलेश्यिर टूटने के कारण आने वाली आपदाओं की संख्या में वृद्धि हुई है। हाल ही में उत्तराखंड में धराली और पौड़ी जिले के थलीसैंण में आई आपदा में जानमाल की काफी हानि हुई है। इस तरह की घटनाओं को एनडीएमए ने गंभीरता से लिया है।
अब एनडीएमए इसका विस्तृत अध्ययन कराने की तैयारी कर रहा है कि आखिर दोनों राज्यों में ऐसा क्यों हो रहा है। यही कारण है कि एनडीएमए अब हिमाचल के बाद उत्तराखंड में भी एक विशेषज्ञ दल भेज रहा है। उम्मीद जताई जा रही है कि इन दोनों राज्यों की रिपोर्ट के आधार पर इन घटनाओं के होने के कारणों पर काफी हद तक परदा हटाया जा सकेगा।
पुनर्निर्माण के लिए वित्त आयोग से खास प्रविधानों की सिफारिश प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर आई आपदा के बाद यहां पुनर्निर्माण कार्य होने हैं। एनडीएमए ने साफ किया है कि वह आपदा की इस घड़ी में राज्य के साथ खड़ा है और वह अपने स्तर पर भी वित्त आयोग से उत्तराखंड के लिए विशेष प्रविधानों की सिफारिश करेगा।
प्रदेश में लगातार आपदाओं को देखते हुए एनडीएमए ने हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और औली में जल्द ही एक-एक डाप्लर राडार लगाने का निर्णय लिया है। इसके लिए मौसम का पूर्वानुमान लगाने में बड़ी मदद मिलेगी। एनडीएमए ने मौसम विज्ञान विभाग को इस संबंध में उत्तराखंड के लिए प्राथमिकता तय करते हुए इन्हें जल्द स्थापित करने को कहा है। इसके साथ ही मिशन मौसम के अंतर्गत राज्य के अन्य स्थानों पर भी डाप्लर राडार लगाए जाएंगे।
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