Updated: Sun, 14 Sep 2025 08:27 AM (IST)
वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय में नेशनल विजनिंग कांफ्रेंस का आयोजन हुआ। शिक्षाविदों ने उच्च शिक्षा में नवाचार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और वैश्विक मानकों को अपनाने पर जोर दिया। शैक्षणिक स्वतंत्रता गुणवत्ता संस्कृति अंतर्राष्ट्रीय सहयोग जैसे विषयों पर चर्चा हुई। वक्ताओं ने शिक्षा को रोजगारोन्मुखी बनाने की आवश्यकता बताई और भविष्य के लिए योजना बनाने पर सहमति बनी।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। वीर माधो सिंह भंडारी उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय (यूटीयू) के कुलपति प्रो. ओंकार सिंह ने कहा कि उच्च शिक्षा संस्थानों को बदलाव को अपनाने के साथ ही वैश्विक मानकों को आत्मसात करना होगा। साथ ही नवाचार व आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) आधारित पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूती देनी होगी।
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इसी दृष्टि के साथ यूटीयू में एमआइटी गोवा के सहयोग से नेशनल विजनिंग कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। कान्फ्रेंस में शिक्षाविदों, पूर्व छात्रों, नीति-निर्माताओं और विशेषज्ञों ने भाग लेकर उच्च शिक्षा और नवाचार के भविष्य की दिशा पर विचार साझा किए।
स्वागत संबोधन एमआईटी के प्रोफेसर डॉ. रश्मि फालनीकर और डॉ. विनोद शास्त्री ने दिया। महिला प्रौद्योगिकी संस्थान के निदेशक डॉ. मनोज कुमार पांडा ने भी विचार रखे। पैनल विमर्श चार मुख्य विषयों शैक्षणिक स्वायत्तता, गुणवत्ता संस्कृति, अंतरराष्ट्रीय सहयोग और अनुसंधान-आधारित प्रगति पर केंद्रित रहा।
वक्ताओं ने परंपरा और परिवर्तन में संतुलन बनाने एवं शिक्षा को वैश्विक नागरिकता और रोजगारोन्मुखी दृष्टिकोण से जोड़ने की आवश्यकता बताई। डॉ. शीतल गिरासे के नेतृत्व में हुए इंटरएक्टिव सत्रों में प्रतिभागियों ने अनुभव और श्रेष्ठ शोधों साझा किये।
समापन सत्र में नवाचार, समावेशिता और वैश्विक सहयोग को बढ़ावा देने के लिए सामूहिक रणनीतिक रोडमैप बनाने पर सहमति बनी। सम्मेलन ने उच्च शिक्षा के लिए भविष्य-उन्मुख, छात्र-केंद्रित और लचीली दिशा तय करने का संदेश दिया।
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