Lockdown Effect: जल्द शुरू होंगे नमामि गंगे के बंद पड़े काम, जानें परियोजना के बारे में सबकुछ
नमामि गंगे परियोजना के बंद पड़े कार्य जल्द शुरू हो सकेंगे। निर्देश दिए कि परियोजना की जिन साइट्स पर श्रमिकों की उपलब्धता है वहां अनुमति लेकर कार्य काम किए जा सकते हैं।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड में लॉकडाउन के कारण नमामि गंगे परियोजना के बंद पड़े कार्य जल्द शुरू हो सकेंगे। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने निर्देश दिए हैं कि परियोजना की जिन साइट्स पर श्रमिकों की उपलब्धता है, वहां प्रशासन से अनुमति लेकर कार्य प्रारंभ कराए जा सकते हैं। अलबत्ता, इसमें लॉकडाउन के नियमों और शारीरिक दूरी के मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करना होगा। इस क्रम में प्रदेश में बदरीनाथ, गंगोत्री, ऋषिकेश और रामनगर में एसटीपी से जुड़े कार्य पूरा कराने के मद्देनजर प्रशासन से अनुमति ली जा रही है।
राष्ट्रीय नदी गंगा की स्वच्छता और निर्मलता के मद्देनजर उत्तराखंड में गंगा के उद्गम स्थल गोमुख से लेकर हरिद्वार तक के 15 नगरों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) और नालों की टैपिंग निर्माणाधीन हैं। राज्य परियोजना प्रबंधन समूह (नमामि गंगे) के आंकड़ों पर गौर करें तो 34 एसटीपी में से 26 तैयार हो चुके हैं। तीन का निर्माण जुलाई तक प्रस्तावित है, जबकि शेष पांच के इस साल के आखिर तक। इसी प्रकार 65 नालों में से 51 टैप किए जा चुके हैं। इस बीच कोरोना संक्रमण के मद्देनजर घोषित लॉकडाउन के बाद नमामि गंगे परियोजना के तहत एसटीपी व नालों की टैपिंग से संबंधित कार्य भी बंद हो गए। अब इन्हें फिर से शुरू कराने की कवायद शुरू हुई है।
लॉकडाउन के द्वितीय चरण में नमामि गंगे के कार्यों को सशर्त अनुमति मिलने के मद्देनजर राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन सक्रिय हुआ है। एक रोज पहले केंद्रीय जलशक्ति मंत्री की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में यह निर्देश दिए गए थे कि परियोजना की जिन साइट पर श्रमिकों की उपलब्धता है वहां प्रशासन से इजाजत लेकर कार्य शुरू कराए जा सकते हैं। इसी कड़ी में उत्तराखंड में एसपीएमजी ने पहल की है।
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अपर सचिव एवं राज्य में नमामि गंगे के कार्यक्रम निदेशक उदयराज सिंह के अनुसार बदरीनाथ, गंगोत्री, रामनगर व ऋषिकेश (लक्कड़घाट) में एसटीपी तो बन चुके हैं, लेकिन परिसर विकास समेत अन्य कार्य होने हैं। चारों स्थानों पर श्रमिकों की उपलब्धता के दृष्टिगत ठेकेदारों ने कार्य शुरू कराने का अनुरोध किया है। इसे देखते हुए संबंधित जिला प्रशासन से अनुमति ली जा रही है। गंगोत्री में कार्य शुरू करने की इजाजत मिल चुकी है, जबकि शेष के लिए कवायद शुरू की गई है।
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