Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    देहरादून नगर निगम स्वच्छता समिति घाेटाला, 31 वार्ड में 99 फर्जी कर्मचारी दर्शाकर डकारे गए करोड़ाें,

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 04:47 PM (IST)

    देहरादून नगर निगम में स्वच्छता समिति के वेतन घोटाले का खुलासा हुआ है। 31 वार्डों में 99 फर्जी कर्मचारियों के नाम पर करोड़ों रुपये निकाले गए। पुलिस जांच में समिति के तत्कालीन पदाधिकारियों से पूछताछ कर रही है। पहले वेतन सीधे खातों में जाता था पर नियम बदलकर समिति को देने से फर्जीवाड़ा हुआ। 31 वार्डों में यह घोटाला सामने आया है।

    Hero Image
    नगर निगम में स्वच्छता समिति वेतन फर्जीवाड़े की जांच में बड़ा खुलासा. File

    जागरण संवाददाता, देहरादून। देहरादून नगर निगम में बहुचर्चित स्वच्छता समिति वेतन फर्जीवाड़े में बड़ा खुलासा हुआ है। शहर के 100 में से 3 वार्ड में सालाें तक खेल चलता रहा। इन 31 वार्ड में 99 फर्जी कर्मचारियों के नाम पर करोड़ों रुपये वेतन के रूप में डकार लिए गए। अब पुलिस जांच में वार्डों की पुष्टि होने के बाद हड़कंप मचा हुआ है। पुलिस स्वच्छता समिति के तत्कालीन अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष आदि से पूछताछ कर रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    करीब डेढ़ वर्ष पूर्व उजागर हुए स्वच्छता समिति फर्जीवाड़े में जांच पुलिस के पास आने के बाद एक के बाद एक परत खुलने लगी है। सफाई कर्मियों के वेतन फर्जीवाड़े में पुलिस ने स्वच्छता समितियों की कुंडली खंगालने के साथ ही संदिग्ध वार्डों की जांच कर गड़बड़ी की पुष्टि की है।

    प्रशासन की जांच में मिले 99 फर्जी कर्मचारियों से संबंधित वार्डों का पता लगाने के लिए पुलिस ने सभी 100 वार्डों की स्वच्छता समितियों की जांच की। जिसमें समिति के अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्ष से पूछताछ के करीब एक माह से ही जा रही थी। साथ ही उनकी ओर से कर्मचारियों के वेतन के नाम पर आहरित धनराशि का भी हिसाब लगाया जा रहा है। इन 31 वार्ड में ज्यादातर नए वार्ड शामिल हैं और कुछ वार्ड ऐसे हैं जहां भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज पार्षद काबिज थे, जिससे मामला और गंभीर हो गया है।

    करीब तीन माह पूर्व नगर निगम ने दी पुलिस को शिकायत

    उप नगर आयुक्त (विधि) गौरव भसीन की ओर से करीब तीन माह पूर्व शहर कोतवाली में दी गई तहरीर में कहा गया कि पिछले वर्ष किए गए भौतिक सत्यापन में नगर निगम देहरादून में गठित मोहल्ला स्वच्छता समिति में तैनात स्वच्छकों में से 99 स्वच्छक अनुपस्थित पाए गए, जिस कारण उनके भुगतान की स्थिति संदेहास्पद प्रतीत होती है।

    वार्डों में उक्त कर्मचारियों के भुगतान के लिए संबंधित वार्ड की समिति के सचिव/अध्यक्ष/कोषाध्यक्ष सत्यापन करते थे, जिसके आधार पर नगर निगम की ओर से समिति के खाते में धनराशि हस्तांतरित कर दी जाती थी। संबंधित वार्ड के सचिव/कोषाध्यक्ष के हस्ताक्षर से ही संबंधित सफाई कर्मी को भुगतान किया जाता था।

    कर्मचारियों को सीधे क्यों नहीं दिया गया वेतन

    सरकारी प्रक्रिया के अनुसार सफाई कर्मचारियों को मासिक वेतन का संपूर्ण भुगतान डीबीटी (प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण) के माध्यम से उनके संबंधित बैंक खातों में किया जाना था, लेकिन जून 2019 में इन नियमों को बदल दिया गया और स्वच्छता समिति को सभी सफाई कर्मचारियों का वेतन एकमुश्त देने की व्यवस्था की गई।

    समिति की ओर से नियुक्त कर्मचारियों की सूची उपलब्ध कराई जाती और निगम की ओर से वेतन भुगतान कर दिया जाता। इसमें भी क्रास वेरिफिकेशन नहीं हुआ और समिति की ओर से कर्मचारियों को वेतन दिया गया या नहीं इसकी भी निगरानी नहीं हुई। अधिवक्ता विकेश नेगी की ओर से कोर्ट याचिका दायर करने के बाद नगर निगम ने पुलिस को शिकायत दी। जबकि, करीब फर्जीवाड़े का खुलासा डेढ़ साल पहले हो चुका था।

    31 वार्ड में हुआ वेतन का फर्जीवाड़ा, नए वार्ड अधिक

    वार्ड एक-मालसी, छह-दून विहार, 11-विजय कालोनी, 35-श्रीदेव सुमन, 37-वसंत विहार, 38-पंडितवाड़ी, 39-इंद्रा नगर, 42-कांवली, 50-राजीव नगर, 63-लाडपुर, 64-नेहरूग्राम, 66-रायपुर, 67-मोहकमपुर, 68-चक तुनवाला-मियांवाला, 75-लोहिया नगर, 77-माजरा, 79-भारूवाला ग्रांट, 84-बंजारावाला, 85-मोथरोवाला, 87-पित्थूवाला, 88-मेहूंवाला-1, 89-मेहूंवाला-2, 92-आरकेडिया-1, 93-आरकेडिया-2, 94-नत्थनपुर-1, 95-नत्थनपुर-2, 96-नवादा, 97-हर्रावाला, 98-बालावाला, 99-नकरौंदा, 100-नथुवावाला।