Move to Jagran APP

Naag Panchami: नागदेवता का पूजन कर आज मनाई गई नाग पंचमी

Naag Panchami सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर हस्त नक्षत्र के संयोग में आज नाग पंचमी मनाई जा रही है। श्रद्धालु नागदेवता की पूजा कर दुग्धाभिषेक कर रहे हैं।

By Edited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 10:01 AM (IST)
Naag Panchami: नागदेवता का पूजन कर आज मनाई गई नाग पंचमी
Naag Panchami: नागदेवता का पूजन कर आज मनाई गई नाग पंचमी

देहरादून, जेएनएन। Naag Panchami  सावन माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को आज नाग पंचमी मनाई जा रही है। पूजा के शुभमुहूर्त अनुसार सुबह व्रत लेकर कई श्रद्धालुओं ने घर पर ही गोबर व मिट्टी का नाग देवता बनाकर पूजा की। वहीं, डाकरा के नारदेश्वर महादेव मंदिर और नाग मंदिर कौलागढ़ में नाग देवता का दुग्धाभिषेक व धूप, दीप कर पूजा की। शहर के पृथ्वीनाथ महादेव मंदिर, टपकेश्वर महादेव मंदिर, आदर्श मन्दिर, प्राचीन शिव मंदिर में भी श्रद्धालुओं ने दूध से शिवलिंग का अभिषेक किया। ज्योतिषचार्य सुशांत राज के अनुसार इस दिन शेषनाग, तक्षक नाग और वासुकी नाग की पूजा करने का विधान है। कुछ लोग कालसर्प दोष निवारण के लिए भी पूजा करते हैं। राशि के अनुसार भी इस दिन विशेष पूजा की जाती है।

loksabha election banner

हिंदू धर्म में देवी-देवताओं के समान उनके प्रतीकों और वाहनों की भी पूजा-अर्चना की जाती है। इसको भी एक परंपरा की भाति निभाया जाता है। इसमें जानवर, पक्षी, सरीसृप, फूल और वृक्ष शामिल हैं। नाग पंचमी भी इसी तरह का त्योहार है। इस दिन मुख्य रूप से सांप या फिर नाग की देवता की भाति पूजा-अर्चना की जाती है। नाग पंचमी के मौके पर लोग दिन भर व्रत रखते हैं और सापों की पूजा करते हैं और उन्हें दूध पिलाते हैं।

कौलागढ़ में नाग मंदिर के पंडित गोविंद प्रसाद पंथी ने बताया कि कालसर्प दोष में श्रद्धालु इस दिन चांदी के नाग नागिन का जोड़ा बनाकर मंदिर में चढ़ाते हैं या फिर बहते पानी में प्रवाहित करते हैं, लेकिन इस बार कोरोना के चलते मंदिर में पूजा करने को सीमित श्रद्धालुओं से अपील की गई है। लोग घर पर पूजा कर पुण्य कमा सकते हैं।

वहीं, डाकरा स्थित नर्देश्वर महादेव मंदिर के महंत विश्वनाथ ने बताया कि जिस तरह की परिस्थिति है, उसे देखते हुए घर पर की गई पूजा शुभ मानी जाएगी। उनकी मानें तो सावन के महीने में हमेशा जमकर बारिश होती है और इस वजह से नाग जमीन से निकलकर बाहर आ जाते हैं। माना जाता है कि नाग देवता को दूध पिलाया जाए और उनकी पूजा की जाए तो वो किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते। इतना ही नही कुंडली दोष दूर करने के लिए भी नाग पंचमी का महत्व बढ़ जाता है। 

यह भी पढ़ें: अयोध्या जाएगी चारधाम की माटी और गंगा-यमुना का जल, राम मंदिर निर्माण में होगा इस्तेमाल

इस तरह घर पर करें पूजा 

सुबह स्नान करने के बाद घर के दरवाजे पर पूजा के स्थान पर गोबर से नाग बनाएं या घर में पूजास्थल पर नाग का पोस्टर लगा दें। मन में व्रत का संकल्प लें। कृतिम नागदेवता पर जल, पुष्प और चंदन का अर्घ्‍य दें। उन्हें दूध, दही, घी, शहद और चीनी का पंचामृत बनाकर स्नान कराएं। चंदन, चूर्ण, कुमकुम, सिंदूर, बेलपत्र चढ़ाने के बाद आरती करें। मान्यता है कि नाग देवता को सुगंध अति प्रिय है ऐसे में पुष्प और चंदन से उनकी पूजा करें। फलाहार कर व्रत तोड़ दें।

यह भी पढ़ें: Guru Purnima 2020: गुरु पूर्णिमा पर घरों में हुई गुरु की वंदना


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.