अयोध्या जाएगी चारधाम की माटी और गंगा-यमुना का जल, राम मंदिर निर्माण में होगा इस्तेमाल
उत्तराखंड से भी चारधाम बदरीनाथ केदारनाथ गंगोत्री और यमुनोत्री समेत अन्य मठ-मंदिरों की माटी और गंगा-यमुना जैसी सभी नदियों का पवित्र जल अयोध्या भेजा जाएगा।
देहरादून, केदार दत्त। देश के अन्य हिस्सों की भांति देवभूमि उत्तराखंड से भी चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री समेत अन्य मठ-मंदिरों की माटी और गंगा-यमुना जैसी सभी नदियों का पवित्र जल अयोध्या भेजा जाएगा। इसका इस्तेमाल वहां श्रीराम मंदिर निर्माण में होगा। विश्व हिंदू परिषद ने देवभूमि से माटी और नदियों का जल भेजने का बीड़ा उठाया है। कोरोना संकट को देखते हुए कोई बड़ा आयोजन करने की बजाए विहिप कार्यकर्ता अपने-अपने क्षेत्रों से कोरियर या डाक से माटी और नदियों का जल अयोध्या भेजेंगे।
अयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त होने के बाद देशभर के प्रमुख स्थलों से मिट्टी व नदियों का पानी अयोध्या भेजा जा रहा है। इस कड़ी में विश्व हिंदू परिषद उत्तराखंड से भी यह पहल करने जा रही है। विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री (पश्चिमी उप्र और उत्तराखंड) मनोज वर्मा के मुताबिक देवभूमि से विहिप की सभी 20 सांगठनिक जिला इकाइयों के अलावा 139 प्रखंड और 1400 खंड इकाइयां अपने-अपने क्षेत्र के सभी प्रमुख धार्मिक स्थलों और नदियों का जल कोरियर या डाक से अयोध्या भेजेंगी। सभी कार्यकर्ता तैयारियों में जुटे हैं। तीन अगस्त तक माटी और जल अयोध्या पहुंच जाएगा।
वर्मा के अनुसार कोरोना संकट को देखते हुए तय किया गया है कि विहिप का जो कार्यकर्ता जहां है, वहीं से प्रमुख स्थलों की माटी और जल भेजेगा। इसके निर्देश दिए जा चुके हैं। मसलन, चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी, टिहरी जिलों के कार्यकर्ता वहां से चारधाम समेत अन्य मंदिरों से माटी और गंगा-यमुना समेत अन्य नदियों का जल भेजेंगे। इसी तरह का उपक्रम हरिद्वार समेत राज्य के अन्य जिलों से भी चलेगा। कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित करने के लिए उनसे वीडियो कान्फ्रेंसिंग, फोन आदि के जरिये निरंतर संवाद किया जा रहा है।
दून से भी भेजेंगे माटी
विहिप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री वर्मा बताते हैं कि देहरादून से लक्ष्मण सिद्ध, मानक सिद्ध, माणू सिद्ध और कालू सिद्ध मंदिरों से भी माटी अयोध्या भेजी जाएगी। मान्यता है कि ये चारों सिद्ध देहरादून की रक्षा करते हैं। इसी प्रकार जिले के अन्य प्रमुख मठ- मंदिरों से भी माटी भेजने की तैयारियां चल रही हैं।
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