अभिनेत्री शिवांगी बोली, नायरा की तरह मेरा भी पहला प्यार है परिवार
सीरियल 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' कि नायरा हो या फिर असल जिंदगी की शिवांगी, दोनों की ही जिंदगी में उनका परिवार खासी अहमियत रखता है।
देहरादून, [हिमांशु जोशी]: सीरियल 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' कि नायरा हो या फिर असल जिंदगी की शिवांगी, दोनों की ही जिंदगी में उनका परिवार खासी अहमियत रखता है। घर से दूर रहने पर मैं भी मुंबई में अपनी फैमिली को काफी मिस करती हूं। इसीलिए जब भी मुझे मौका मिलता है, अपने परिवार से मिलने आ जाती हूं। मुंबई में मम्मी तो मेरे साथ है, लेकिन दादू, पापा, भाई-बहन की बहुत याद आती है।
धारावाहिक 'ये रिश्ता क्या कहलाता है' की शूटिंग के बाद मुंबई लौटते समय जागरण से बातचीत में अभिनेत्री शिवांगी जोशी ने कहा कि एक एक्टर के लिए हर किरदार खास होता है। मेरे साथ भी बस ऐसा ही है। हर किरदार की अपनी खूबी है। 'बैगुसराय' की पूनम जहां शांत है, वहीं 'ये रिश्ता क्या कहलाता है ' कि नायरा आज की लड़की है। वह चुलबुली है। वह गलत नहीं देख सकती है।
उससे अन्याय बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं होता है। उसे रिश्ते संभालना आता है। फिर चाहे वह माता-पिता का रिश्ता हो भाई का रिश्ता हो या फिर पति के साथ उसका रिलेशन हो। वह हर रिश्ते को अहमियत देती है। नायरा सबका ध्यान रखती है। इसी लिए शायद लोग नायरा को देखना पसंद कर रहे हैं।
एक सवाल के जवाब में शिवांगी कहती हैं कि मुंबई में फेमिली को तो मिस करती ही हूं, इसके अलावा दून की हरियाली वहां देखने को नहीं मिलती है। हालांकि पहले की अपेक्षा हरियाली कम होती जा रही है, कंक्रीट के जंगल बनते जा रहे हैं। हमें इस ओर ध्यान देने की भी आवश्यकता है।
भविष्य की योजनाओं के बारे में शिवांगी का कहना था कि फिलहाल अभी इस बारे में न तो कुछ सोचा है और न ही कुछ योजनाएं बनाई हैं। अभी मैं केवल प्रेजेंट को इंज्वाय कर रही हूं।
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