मसूरी विंटरलाइन कार्निवाल में बिखरी दक्षिण भारतीय संस्कृति की छटा
मसूरी विंटरलाइन कार्निवाल में मुख्य आयोजन स्थल शहीद स्थल पर उत्तराखंडी व दक्षिण भारतीय संस्कृति की छटा बिखरी।
मसूरी, जेएनएन। मसूरी विंटरलाइन कार्निवाल के पांचवें दिन शनिवार को मुख्य आयोजन स्थल शहीद स्थल पर उत्तराखंडी व दक्षिण भारतीय संस्कृति की छटा बिखरी। दून के लोक कलाकारों ने दक्षिण भारतीय शास्त्रीय संगीत व नृत्य से दर्शकों का मन मोहा। वहीं, एमपीजी कॉलेज मसूरी के छात्र-छात्राओं ने यमुना घाटी की समृद्ध संस्कृति से सराबोर तांदी, धुमसू, झेंता नृत्यों से समा बांधा। गढ़वाल सभा मसूरी की महिलाओं ने प्रमिला नेगी के संयोजन में गढ़वाली झुमैलों नृत्य प्रस्तुत किया गया।
लंढौर कैंटोनमेंट क्षेत्र के चार दुकान में शनिवार को लंढौर मेला शुरू हुआ, जिसका विधिवत उद्घाटन पालिकाध्यक्ष अनुज गुप्ता ने किया। मेले में उत्तराखंड के स्थानीय उत्पादों जैसे राजमा, कुलथ, झंगोरा, कोदा आदि के स्टॉल लगाए गए। चकराता से आए लोक कलाकारों के दल ने चार दुकान में तांदी नृत्य और मसूरी गल्र्स इंटर कॉलेज की छात्राओं ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां दीं।
मालरोड पर कठपुतली नृत्य को पर्यटकों ने खूब सराहा। दिनभर माल रोड पर उत्तराखंडी फूड फेस्टिवल दूसरे दिन भी जारी रहा। जिसमें पर्यटकों ने उत्तराखंडी रेसिपी का खूब आनंद लिया। देर शाम को शहीद स्थल पर उत्तरकाशी से आए अंघा माउंटेन एसोसिएशन के लोक कलाकारों द्वारा भैलू नूत्य प्रस्तुत किया गय।
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