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    ...तो क्‍या मसूरी के लिए बनेंगे चार नये रोपवे! डीपीआर तैयार करने के लिए हुई बैठक

    मसूरी में यातायात की समस्या को कम करने के लिए यूकेएमआरसी ने रोपवे परियोजना का प्रस्ताव रखा है। इस परियोजना के तहत मसूरी के कई पर्यटक स्थलों को रोपवे से जोड़ा जाएगा। बैठक में अधिकारियों और स्थानीय व्यवसायियों ने अपने सुझाव दिए। कंपनी का कहना है कि यह परियोजना मसूरी में पर्यटन को बढ़ावा देगी और यातायात की समस्या को कम करेगी।

    By Surat singh rawat Edited By: Nirmala Bohra Updated: Thu, 28 Aug 2025 07:53 PM (IST)
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    मसूरी के लिए चार नये रोपवे प्रोजेक्ट पर मंथन किया गया। प्रतीकात्‍मक

    जागरण कार्यालय, मसूरी। मसूरी की लगातार विकराल होती यातायात व्यवस्था व जाम से छुटकारा पाने के लिए यूकेएमआरसी (उत्तराखण्ड मैट्रो रेल कंस्ट्रक्शन कंपनी) कंपनी द्वारा मसूरी के विभिन्न स्थानों को रोपवे से जोड़ने के लिए डीपीआर तैयार करने के लिए बैठक आयोजित की गयी।

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    बैठक में कंपनी की ओर से प्रोजेक्ट के बारे में विस्तार से अवगत कराया गया। बैठक में प्रदेश के काबीना मंत्री गणेश जोशी, पालिकाध्यक्ष मीरा सकलानी सहित विभिन्न विभागों व पर्यटन से जुडे व्यवसायियों ने प्रतिभाग किया और अपनी रायशुमारी दी।

    यूकेएमआरसी कंपनी की ओर से अवगत कराया गया कि कंपनी ने मसूरी के पर्यटक स्थलों को सीधे रोपवे से जोड़ने का प्रोजेक्ट बनाया है जिसमें लाइब्रेरी बाजार के गांधी चौक से जार्ज एवरेस्ट तक के लिए 3.710 किमी, गांधी चौक से लाल टिब्बा तक के लिए 2.830 किमी, कैमल बैक रोड़ से कैंपटी फॉल तक के लिए 4.670 किमी, किंक्रेग पार्किग से चिक चाकलेट कुलड़ी बाजार तक के लिए 2.30 किमी के रापवे मुख्य है।

    जार्ज एवरेस्ट से दुधली भद्राज मंदिर तक भी प्रोजेक्‍ट

    कंपनी द्वारा जार्ज एवरेस्ट से दुधली भद्राज मंदिर तक 7.440 किमी. को भी प्रोजेक्ट में रखा है लेकिन अभी इसको फाइनल नहीं किया है। इस संबंध में बैठक में मौजूद विभागीय अधिकारियों व पर्यटन से जुडे संस्थानों से सुझाव लिए गये ताकि अगर इसमें कोई बदलाव किया जाना है तो वह समय रहते हो सके।

    इस मौके पर प्रदेश के काबीना मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि अभी प्रोजेक्ट के बारे में बताया गया है, लेकिन जब तक इसमें सभी चीजों की जानकारी नहीं होगी व उसमें सभी समस्याओं को ध्यान में रख कर प्रोजेक्ट को बनाने का निर्णय लिया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट मेट्रो ने बनाया है इसमें कई समस्यायें आयेगी, इसमें भूमि अधिग्रहण, एनजीटी, वन विभाग, जल संस्थान, विद्युत, एमडीडीए, छावनी भूमि व प्राइवेट भूमि अधिग्रहण मुख्य हैं।

    उन्होंने कहा कि पुरूकुल रोपवे में उक्त प्रकार की सभी समस्यायें देखी गयी व उन्हें सुलझाने में लंबा समय लगा है, इसलिए इस प्रोजेक्ट को तभी शुरू करें जब सभी की अनापत्ति मिल जाए। जिस तरह से प्रदेश में आपदा आ रही है और यहां भी कोई बड़ी घटना कभी भी घट सकती है, इसलिए इस पर पूरा परीक्षण करना होगा।

    पालिकाध्यक्ष मीरा सकलानी ने कहा कि इसमें सबसे पहले जो क्षेत्र प्रभावित होने वाले है उनसे वार्ता करना भी जरूरी है जिसमें लंढौर व कैमलबैक रोड प्रमुख है ताकि उनके व्यापार पर कोई प्रभाव न पड़े व वह इसे चाहते भी हैं या नही। उन्होंने यह भी कहा कि रोपवे के लिए पार्किंग का होना जरूरी है जहां पर्यटक वाहन खड़ा करेंगे। ऐसे में जिन स्थानों का चयन किया गया वहां पर पार्किग बनायी जानी जरूरी है, ऐसे में जहां पर पालिका की भूमि होगी वह पूरा सहयोग करेंगी।

    कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्ट उत्तराखंड मेट्रो रेल बृजेश कुमार मिश्रा ने कहा कि मसूरी के लिए रोपवे का प्रोजेक्ट बनाया जा रहा है जिसके लिए स्थानीय लोगों व विभागों से वार्ता की जा रही है। मसूरी में चार स्थानों पर रोपवे बनाये जाना है, इससे पूर्व स्थानीय लोगों व पुलिस से वार्ता की गयी व उसके बाद प्रोजेक्ट को बोर्ड में रखा जिसने इसे स्वीकृत किया।

    उन्होंने कहाकि दिल्ली से देहरादून एक्सप्रेस वे बनने व पुरूकुल से मसूरी रोपवे की योजना से मसूरी में भीड़ बढे़गी। इसे देखते हुए यह प्रोजेट बनाया जा रहा है। इसमें सबसे छोटा रोपवे किंक्रेग से चिकचाकलेट है जिससे पर्यटकों को लाभ मिलेगा, इस क्षेत्र में एकसौ पचास से अधिक होटलों को लाभ मिलेगा। बैठक में जो सुझाव आये है उस पर कार्रवाई की जायेगी व इन सुझावों को शामिल कर लगातार बैठकें की जायेगी और सभी कार्य नियम कानूनों के अंतर्गत किए जायेगें।

    बैठक में होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय अग्रवाल, सचिव अजय भार्गव, भाजपा मंडल अध्यक्ष व व्यापार संघ अध्यक्ष रजत अग्रवाल, सीओ मनोज असवाल, मोहन पेटवाल, अरविंद सेमवाल, सतीश ढौडियाल, सभासद गौरी थपलियाल, रणवीर कंडारी, शिवानी भारती, सहित विद्युत विभाग, जल संस्थान, आदि विभगों के अधिकारी तथा आईटीबीपी अकादमी के जनसंपर्क अधिकारी धर्मेंद्र भण्डारी मौजूद रहे।