वीकेंड पर मसूरी टूरिस्ट से पैक... व्यवस्था चरमराई, ट्रैफिक जाम और गंदगी से पर्यटक हुए परेशान
मसूरी में जून के अंत में ट्रैफिक जाम से हालात बेकाबू हो गए। किंक्रेग से गांधी चौक तक दो किलोमीटर का रास्ता तय करने में दो घंटे लग रहे थे। सभी पर्यटन स्थल पर्यटकों से भरे रहे और होटल लगभग पूरी तरह से बुक हो गए। सर्कुलर रोड पर पार्किंग और सफाई की कमी ने समस्या को और बढ़ा दिया।

जागरण कार्यालय, मसूरी। जून माह के अंतिम सप्ताहांत तक पहुंचते−पहुंचते मसूरी की ट्रैफिक व्यवस्था ही नहीं वरन सारी व्यमवस्थाएं हांफती नजर आई। अंतिम शनिवार को सुबह आठ बजे से ही ट्रैफिक जाम लगना शुरू हो गया जो देर मध्य रात्रि तक वाहन रेंगते हुए चलते रहे। किंक्रेग से लाइब्रेरी बाजार के गांधी चौक तक दो किमी की दूरी तय करने में डेढ़ से दो घंटे का समय लग रहा था।
फिर गांधी चौक से जीरो प्वाइंट कैम्पटी रोड़ की दो किमी की दूरी भी कम से कम एक घंटे में यह हो रही थी। मालरोड़ पर गांधी चौक से अंबेडकर चौक तक पूरे दिन भर जाम लगा रहा। मसूरी देहरादून मार्ग पर कोल्हूखेत ईको बैरियर पर भी पूरे दिन भर रूक रूक कर जाम लगता रहा।
लाल टिब्बा चार दुकान जाने के लिए भी वाहन रेंगते हुए चलते रहे। मसूरी कैम्पटी मार्ग तथा मसूरी धनोल्टी मार्ग पर भी पूरे दिन भर यातायात का भारी दबाव बना रहा। शहर के सभी पर्यटन स्थलों जैसे भट्टा फॉल, कैम्पटी फॉल, गनहिल, चार दुकान, लाल टिब्बा, कंपनी गार्डन तथा जॉर्ज एवरेस्ट पूरे दिन भर पर्यटकों से गुलजार रहे। मसूरी होटल एसोसिएशन अध्यक्ष संजय अग्रवाल के अनुसार शाम ढलने तक मसूरी के होटल गेस्ट हाउसों में 95 से 100 प्रतिशत आक्युपेंशी हो चुकी थी।
खाने के लिए इंतजार
लाइब्रेरी बाजार के प्रमुख रेस्तरां में पर्यटकों को रात्रि भोजन के लिए अपनी बारी का इतजार करना पड़ा। यातायात व्यवस्था बनाने में पुलिस का मुख्य ध्यान किंक्रेग-गांधी चौक- जीरो प्वाइंट केम्पटी रोड़ पर यातायात नियंत्रित करना रहा लेकिन जाम में कोई फर्क नहीं पड़ा। मालरोड़, कुलड़ी बाजार तथा लाइब्रेरी बाजार में मध्य रात्रि तक पर्यटकों की चहल पहल बनी रही।
नगर पालिका द्वारा सरकुलर रोड़ पर भी पार्किंग की अनुमति दिए जाने से लोगों को जाम से जूझना पड़ रहा है, क्योंकि सरकुलर रोड़ पहले से ही कम चौड़ी है। शाम ढलते ही इस पर पर्यटकों के वाहन खड़े हो रहे हैं जिससे रात दोनों ओर से ट्रैफिक पास होने में जाम लग रहा है और डेढ किमी की दूरी तय करने में एक घंटे का समय लग रहा है।
गंदगी की भरमार
लाइब्रेरी किंक्रेग मार्ग पर तो लगता है कई दिनों से झाड़ू भी नहीं लगाई गई है। इस मार्ग पर चने बेचने वाले सबसे ज्यादा रहते हैं, जिस कारण से दिन भर मार्ग में प्लास्टिक, पानी की बोतलें, केले के छिलके बिखरे रहते हैं। सड़कों पर बहता सीवर सबसे ज्यादा परेशानी पैदा कर रहा है जिसका लोगों केे स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है। यहां वहां लगभग सब जगह मच्छर मक्खियां मंडराती दिखाई देते हैं।
मॉल रोड़ पर स्ट्रीट फूड के स्टाल भी गंदगी फैलाने में पीछे नहीं हैं विशेषकर लाइब्रेरी बाजार में तो शाम ढलते ही चाउमिन, भुट्टे अंडे बेचने वालों के इर्दगिर्द गंदगी की ढेर लग जाते हैं। गांधी चौक और मोती लाल नेहरू मार्ग पर स्थित ढाबों के कारण गंदगी के ढेर लग रहे है।
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