देहरादून : विवादित पार्क पर नगर निगम ने लिया अपना कब्जा, जमकर हुआ हंगामा
देहरादून के सहस्रधारा रोड राजेश्वर नगर में विवादित पार्क को नगर निगम ने अपने कब्जे में ले लिया। निगम के कब्जा लेने के दौरान निगम टीम से गूंज संस्था के ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, देहरादून। सहस्रधारा रोड, राजेश्वर नगर में गूंज संस्था की ओर से बनाए गए पार्क को शुक्रवार को भारी हंगामे के बीच नगर निगम ने कब्जे में ले लिया। पार्क पिछले पांच दिन से विवादों में है।
निगम के कब्जा लेने के दौरान निगम टीम से संस्था के सदस्यों ने धक्का-मुक्की भी की। हंगामा बढ़ने पर पुलिस को स्थिति नियंत्रित करनी पड़ी। पार्क में पीछे की तरफ खोला गया अनाधिकृत गेट भी नगर निगम ने बंद करा दिया।
वहीं, इससे पूर्व पार्क पर निगम का कब्जा लेने व संस्था की अध्यक्ष सोनिया आनंद पर मुकदमा दर्ज कराने की मांग पर भाजपा पार्षदों ने नगर आयुक्त कक्ष में हंगामा कर धरना दिया व निगम प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी की। पार्षदों ने एसएसपी जन्मेजय खंडूरी से मिलकर सोनिया आनंद के विरुद्ध तहरीर दी।

राजेश्वर नगर में गूंज संस्था की तरफ से बनाया गया पार्क रविवार को उद्घाटन होने के बाद से विवादों में है। निगम का दावा है कि पार्क उनकी जमीन पर बना है, लेकिन निगम का गूंज संस्था से पार्क के निर्माण को लेकर कोई करार नहीं हुआ था।
निगम ने जमीन की एनओसी एमडीडीए को दी थी, जिसे एमडीडीए ने निगम को सूचित किए बिना गूंज संस्था को दे दिया। भाजपा पार्षदों ने सोमवार को निगम की बोर्ड बैठक में इस मामले में जमकर हंगामा किया और हंगामे के मद्देनजर निगम ने एमडीडीए को जारी एनओसी निरस्त कर दी।
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इसके विरुद्ध गूंज संस्था की अध्यक्ष सोनिया आनंद और उनके समर्थकों ने बुधवार को प्रेसवार्ता में महापौर पर गंभीर आरोप लगाए और उसके बाद निगम पहुंचकर महापौर कक्ष में जबरन घुसकर उनसे बदसलूकी की।
घटना के बाद से निगम कर्मचारी व पार्षद आक्रोशित हैं और सोनिया पर मुकदमा दर्ज कराने व पार्क पर निगम का कब्जा लेने की मांग कर रहे थे। विरोध में गुरुवार को नगर निगम कर्मचारी हड़ताल पर भी रहे।
बाद में महापौर ने कर्मचारियों से वार्ता कर शुक्रवार को जारी रहने वाली हड़ताल किसी तरह से स्थगित करा दी। शुक्रवार को निगम दफ्तर खुला जरूर, लेकिन हंगामा जारी रहा। इस दौरान कर्मचारी काम पर रहे लेकिन भाजपा पार्षदों ने नगर आयुक्त मनुज गोयल के कक्ष में जमकर हंगामा किया।
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पार्षदों ने आयुक्त से सोनिया आनंद पर कार्रवाई की जानकारी मांगी तो पता चला कि निगम ने अभी तक पुलिस में तहरीर नहीं दी। यही नहीं, पार्क पर भी निगम ने कब्जा नहीं लिया था।
जिससे पार्षदों का पारा चढ़ गया व नारेबाजी करते हुए वह आयुक्त के कक्ष में ही धरना देकर बैठ गए। तब नगर आयुक्त मनुज गोयल ने तत्काल कर अधीक्षक विनय प्रताप सिंह के नेतृत्व में टीम मौके पर भेजी और पार्क पर कब्जा लेने के निर्देश दिए गए।
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संस्था का बोर्ड हटाया, निगम का लगाया
नगर निगम ने पार्क में गूंज संस्था के बोर्ड को हटाकर पार्क में निगम के स्वामित्व का बोर्ड लगा दिया। वहां लगाए शिलापट्ट को भी तोड़ दिया गया। पार्क में पीछे की तरफ जो अनाधिकृत गेट खोला गया था, वहां पर दीवार बनाई जाएगी। फिलहाल, अस्थायी रूप से उसे बंद कर दिया गया है।
महिला सिपाही हुई घायल
नगर निगम की ओर से पार्क कब्जे में लेने के दौरान विरोध कर रही संस्था से संबंधित एक महिला ने पुलिसकर्मियों से मारपीट भी की। इसमें एक महिला सिपाही घायल हुई। घायल सिपाही को नजदीक के निजी अस्पताल ले जाया गया।
संस्था को कुचलने का प्रयास कर रहे महापौर: सोनिया
पार्क पर हुई कार्रवाई के विरोध में सोनिया आनंद ने महापौर के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए उन पर संस्था को कुचलने की कोशिश का आरोप लगाया। सोनिया ने महापौर को पर्यावरण विरोधी बताते हुए कहा कि शहर का प्रथम नागरिक जब पार्क का संरक्षण ही नहीं कर सकता तो शहर का संरक्षण कैसे करेगा। भाजपा पर मामले में राजनीति करने का आरोप लगाते हुए सोनिया ने कहा कि पार्क जनता व बच्चों के लिए बनाया गया था, लेकिन यह सामाजिक कार्य महापौर व निगम को रास नहीं आया। उन्होंने महापौर व निगम के विरुद्ध कानूनी लड़ाई लडऩे की बात कहते हुए सड़क पर आंदोलन की बात भी कही।
फिलहाल टली हड़ताल
घटना के विरोध में शनिवार से होने जा रही नगर निगम एवं सफाई कर्मचारियों की हड़ताल फिलहाल टल गई है। बताया गया कि महापौर एवं नगर आयुक्त ने कर्मचारियों से हड़ताल न करने को कहा है।
अधोईवाला में भी तोड़ा अतिक्रमण
पार्क पर कार्रवाई के बाद नगर निगम की टीम ने अधोईवाला में भी अतिक्रमण ध्वस्त किया। वहां निगम की जमीन पर दो दुकान व एक मकान बना लिया गया था। स्थानीय लोग ने इसकी शिकायत की थी। अतिक्रमण करने वालों ने इस दौरान काफी हंगामा भी किया, लेकिन पुलिस बल ने उन्हें नियंत्रित कर लिया।
जन्मेजय खंडूरी (एसएसपी) ने कहा कि कुछ पार्षदों ने मुझसे मुलाकात कर नगर निगम को अतिक्रमण तोड़ने के लिए पुलिस बल उपलब्ध कराने की मांग की थी। जिस पर निगम को पुलिस बल उपलब्ध कराया गया। उन्होंने महापौर से बदसलूकी की भी शिकायत की। इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं। बदसलूकी के जो वीडियो व फोटो हैं, उनकी भी जांच कराई जाएगी।

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