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    शिकायतों के समाधान को नगर निगम ने खोला कंट्रोल रूम Dehradun News

    By BhanuEdited By:
    Updated: Thu, 02 Jan 2020 01:34 PM (IST)

    नववर्ष में नगर निगम ने शहरवासियों को कंट्रोल रूम की सौगात दी है। इसमें फोन कर रोजाना दस घंटे के भीतर समस्त 100 वार्ड की जनता अपनी शिकायत दर्ज करा सक ...और पढ़ें

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    शिकायतों के समाधान को नगर निगम ने खोला कंट्रोल रूम Dehradun News

    देहरादून, जेएनएन। नववर्ष में नगर निगम ने शहरवासियों को कंट्रोल रूम की सौगात दी है। महापौर सुनील उनियाल गामा और नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने कूड़े से संबंधित शिकायत दर्ज कराकर कंट्रोल रूम का उद्घाटन किया। पहले कंट्रोल रूम 24 घंटे संचालित करने की योजना थी, लेकिन अव्यवहारिकता को देखते हुए महापौर गामा ने इसका समय सुबह आठ बजे से शाम के छह बजे तक का निर्धारित किया है। रोजाना इन दस घंटे के भीतर समस्त 100 वार्ड की जनता अपनी शिकायत दर्ज करा सकेगी।

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    शहरवासियों को शहर से जुड़ी किसी भी जनसमस्या के लिए नगर निगम के फेरे नहीं लगाने पड़ेंगे। शहरवासियों को बड़ी सौगात देते हुए नगर निगम का कॉल सेंटर चालू हो गया एवं (0135-2719100) नंबर पर शिकायत दर्ज होगी। कॉल सेंटर में 30 कर्मचारी दो शिफ्ट में तैनात होंगे। 

    इतना ही नहीं शिकायत के निस्तारण का वक्त भी तय कर दिया गया है। सुभाष रोड पर एक निजी कंपनी के जरिए बनाए गए इस कंट्रोल रूम से पहले निगम में शिकायत को लेकर ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी, जहां शिकायत एक जगह दर्ज की जा सकें। ऐसे में निगम ने कंट्रोल रूम बनाकर पहले ट्रॉयल किया। ट्रॉयल सफल होने पर इसे शुरू किया गया। 

    कॉल सेंटर में फोन नंबर पर शिकायत दर्ज करते ही उन्हें नगर निगम में संबंधित अनुभागों को ट्रांसफर कर दिया जाएगा। अनुभागों के अधिकारी सीधे इससे जुड़े रहेंगे। आपको शिकायत के लिए नंबर भी मिलेगा, जिससे आप अपनी शिकायत का फीडबैक ले सकते हैं। 

    ...नेशविला रोड और चकराता रोड पर भरे हुए हैं कूड़ेदान  

    कंट्रोल रूम का उद्घाटन महापौर सुनील उनियाल गामा ने उक्त नंबर पर कॉल कर किया। महापौर ने नेशविला रोड व चकराता रोड पर कूड़ेदान भरे होने की शिकायत की। कॉल सेंटर की ओर से शिकायतकर्ता का नाम पूछा गया। महापौर ने सिर्फ अपना नाम बताया, लेकिन पद की जानकारी नहीं दी। शिकायत के दर्ज होने का नंबर महापौर को कंट्रोल रूम द्वारा अलॉट किया गया। इसके बाद नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने भी कंट्रोल रूम कॉल कर रेसकोर्स में सड़क किनारे कूड़ा बिखरा होने की शिकायत की। महापौर की तर्ज पर आयुक्त ने भी अपना पद नहीं बताया। 

    शिकायतकर्ता नंबर छोटा करने के निर्देश

    महापौर ने कॉल सेंटर का समय ही कम नहीं किया, बल्कि शिकायतकर्ता की सुविधा के अनुसार शिकायतकर्ता नंबर छोटा करने के भी निर्देश दिए। दरअसल, शिकायत दर्ज होने के बाद जो नंबर अलॉट किया जा रहा था, वह बेहद बड़ा था। जिसे आमजन को नोट करने में दिक्कत होती। नगर आयुक्त ने बताया कि कुछ समय बाद शिकायत दर्ज कराने के बाद एसएमएस के जरिए सूचना भेजने की शुरूआत की जाएगी। एसएमएस में शिकायतकर्ता नंबर भी होगा।

    शिकायत निस्तारण का तय समय

    -नाली की सफाई अधिकतम छह घंटे के भीतर। 

    -बड़े नाले की सफाई अधिकतम तीन दिन के भीतर कर दी जाएगी। 

    -स्ट्रीट लाइट खराब या न लगी हो तो 12 से 24 घंटे में निस्तारण। 

    -कूड़ा उठान न होने की शिकायत पर छह घंटे के भीतर आएगी गाड़ी। 

    -आवारा पशु की शिकायत पर चार घंटे में पहुंचेगी निगम की टीम।

    नौ-दस जनवरी को होगी बोर्ड बैठक

    नगर निगम की बहुप्रतिक्षित बोर्ड बैठक के दिन तय कर दिए गए हैं। इस मर्तबा बोर्ड बैठक दो दिन होगी। नौ और दस जनवरी को होने जा रही बोर्ड बैठक के पहले दिन निगम की कार्यकारिणी के दस पदों पर चुनाव होंगे व दस जनवरी को विकास कार्यों से संबंधित मामलों पर बैठक होगी।

    नगर निगम में नगर आयुक्त को 10 लाख रुपये तक के कार्य जबकि महापौर को 12 लाख रुपये तक के कार्य अपनी संस्तुति पर कराने का प्रावधान है। इसके अलावा निगम में महापौर की अध्यक्षता में दस पार्षदों की कार्यकारिणी भी होती है। दिसंबर-2018 में निगम का नया बोर्ड गठित होने के बाद से अब तक कार्यकारिणी का गठन नहीं किया गया था। 

    कार्यकारिणी को 25 लाख तक के कार्य कराने की शक्ति होती है जबकि इससे ऊपर के कार्य कराने के लिए निगम बोर्ड से मंजूरी लेनी होती है। कार्यकारिणी गठित न होने से छोटे-छोटे विकास कार्यों के मामले लंबित पड़े रहते हैं। पहले कार्यकारिणी को म्यूटेशन संबंधित मामले निस्तारित करने की शक्ति भी थी, लेकिन सरकार ने इसे वापस लेकर निगम प्रशासक के सुपुर्द कर दिया। 

    अब महापौर सुनील उनियाल गामा की ओर से कार्यकारिणी के चुनाव कराने को मंजूरी दे दी गई है। इसे लेकर नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बताया कि कार्यकारिणी का चुनाव बोर्ड बैठक के पहले दिन होगा। फिर अगले दिन बोर्ड बैठक में विकास से जुड़े मामलों पर फैसला होगा। 

    शहर में व्यवसायिक भवनों में बेसमेंट पर भी भवन कर हटाने के मामले में भी बोर्ड बैठक में फैसला होगा। होटल संचालकों ने बेसमेंट पर टैक्स लगाने पर नाराजगी जताई हुई है। महापौर सुनील उनियाल गामा से मुलाकात में होटल संचालकों ने बेसमेंट को भवन कर में शामिल न करने और बीते वर्ष की गई 25 फीसद की वृद्धि हटाने की मांग की है। 

    यही नहीं संचालकों ने पिछले साल का भवन कर माफ करने की मांग भी की। महापौर ने बताया कि मामला निगम बोर्ड से संबंधित है और आगामी बोर्ड बैठक में इसे एजेंडे में रखा जाएगा। 

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    75 अन्य संस्थानों को नोटिस की तैयारी

    व्यवसायिक भवन कर को लेकर निगम 75 सरकारी एवं गैर सरकारी संस्थानों को नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है। निगम ने बीते दिनों ही 73 सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों समेत 150 प्रतिष्ठानों को नोटिस भेजकर वर्ष 2015-16 से लेकर अब तक का भवन कर सेल्फ असेसमेंट के अंतर्गत जमा कराने के लिए कहा था। महापौर के अनुसार 75 प्रतिष्ठानों की सूची और बनाई गई है। नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय के निर्देश पर खुद निगम की मुख्य बिल्डिंग पर 25 लाख का टैक्स लगाया गया है।

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