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    मुख्यमंत्री बालश्रय योजना: आपदा व महामारी से अनाथ बच्चों की 12वीं तक की स्कूली शिक्षा की व्यवस्था करेगी सरकार

    By Nirmala BohraEdited By:
    Updated: Tue, 06 Sep 2022 08:40 AM (IST)

    Mukhyamantri Balashray Yojana प्रदेश में मुख्यमंत्री बालाश्रय योजना शुरू की जाएगी। जिसके तहत आपदा महामारी और दुर्घटना के कारण अनाथ हुए बच्चों को कक्षा ...और पढ़ें

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    Mukhyamantri Balashray Yojana: अनाथ बच्चों की 12वीं तक की स्कूली शिक्षा की व्यवस्था करेगी सरकार। जागरण

    राज्य ब्यूरो, देहरादून : Mukhyamantri Balashray Yojana: प्रदेश में किसी भी प्रकार की आपदा, महामारी और दुर्घटना के कारण अनाथ हुए बच्चों को कक्षा एक से 12 वीं तक की स्कूली शिक्षा की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जाएगी। इसके लिए प्रदेश में मुख्यमंत्री बालाश्रय योजना शुरू की जाएगी।

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    इस योजना के अंतर्गत इन बच्चों को पुस्तकें, वर्दी, बैग, जूते, मौजे व लेखन सामग्री निश्शुल्क दी जाएगी। सरकार ने बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए राजीव गांधी नवोदय विद्यालय की तरह प्रथम चरण में बालिका आवासीय विद्यालय खोलने का भी निर्णय लिया है, जिसका नामकरण उत्तराखंड की ही महिला के नाम पर होगा। सरकार प्रदेश के दुर्गम व दूरस्थ क्षेत्रों में स्थित अधिक छात्र संख्या वाले विद्यालयों में शिक्षकों के लिए शिक्षक आवास भी बनाएगी।

    सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ये घोषणाएं कीं। कार्यक्रम में उन्होंने वर्ष 2022 की परिषदीय परीक्षा में प्रथम तीन स्थान प्राप्त करने वाले हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के आठ छात्र-छात्राओं को पंडित दीन दयाल उपाध्याय शैक्षिक उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया। परिषदीय परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्य के हाईस्कूल व इंटर के तीन-तीन विद्यालयों को भी मुख्यमंत्री ट्राफी व पुरस्कार राशि देकर सम्मानित किया गया।

    कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए राष्ट्रीय नीति से इतर क्या किया जा सकता है, इस पर शिक्षक चिंतन करें। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के सहयोग से राज्य स्तरीय विज्ञान महोत्सव का आयोजित किया जाएगा। कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत, सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेंद्र यादव, महानिदेशक बंशीधर तिवारी समेत शिक्षा विभाग के अधिकारी व शिक्षक उपस्थित थे।

    मुख्यमंत्री की घोषणाएं

    • प्रदेश में राजकीय विद्यालयों में भूमि की उपलब्धता के आधार पर खेल मैदानों का होगा निर्माण।
    • हाईस्कूल में 100 विद्यालयों में एकीकृत प्रयोगशाला और इंटरमीडिएट स्तर पर 100 विद्यालयों में भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, जीव विभाग व भूगोल आदि की प्रयोगशालाओं की स्थापना।
    • पीएम पोषण अभियान से आच्छादित विद्यालयों में एक दिन के स्थान पर सप्ताह में दो दिन दिया जाएगा दूध।
    • राजीव गांधी नवोदय विद्यालय, कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका छात्रावास एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस आवासीय छात्रावास में भोजन के लिए 100 रुपये प्रतिछात्र, प्रतिदिन की दर से दी जाएगी धनराशि।
    • केंद्रीय विद्यालयों के अनुरूप राज्य के माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक के लंबे अवकाश पर रहने की स्थिति में स्थानीय स्तर पर विषयगत शिक्षकों की होगी व्यवस्था। इसके लिए प्रधानाचार्य के निवर्तन पर रहेंगे 50 हजार रुपये।

    शिक्षा मंत्री ने की शिक्षकों के लिए 22 हजार टैबलेट की घोषणा

    कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री डा धन सिंह रावत ने भी शिक्षकों के लिए कई घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि प्राथमिक शिक्षा को डिजिटल माध्यम से जोडऩे के लिए 22 हजार प्राथमिक शिक्षकों को टैबलेट वितरित किए जाएंगे। सूबे के एक हजार विज्ञान शिक्षकों को राष्ट्रीय विज्ञान संस्थान बैंगलुरू में शैक्षणिक प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि विज्ञान के क्षेत्र में छात्र और छात्राओं को बेहतर ढंग से शिक्षा दी जा सके।

    उन्होंने कहा कि चुनाव कार्यों में लगे शिक्षकों को हटाकर आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बीएलओ का कार्य दिया जाएगा। पारदर्शी व गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए छह माह के भीतर विद्या समीक्षा केंद्र तैयार किया जाएगा। इंटर कालेजों में प्रधानाचार्यों की कमी को देखते हुए 50 प्रतिशत पद प्रवक्ताओं की विभागीय परीक्षा के माध्यम से भरे जाएंगे।

    उन्होंने शिक्षकों से आह्वान किया कि वे अपने विद्यालयों एवं आसपास के गावों में नशामुक्त एवं तंबाकूमुक्त अभियान चलाएं। छात्र-छात्राओं को शिक्षा के साथ-साथ संस्कारवान बनाएं, अपने विद्यालयों को ग्रीन कैंपस में तब्दील करने की दिशा में कदम बढ़ाएं और आसपास के गांवों में साक्षरता अभियान चलाएं।