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कोविड फंड को एक साल में उपलब्ध हो सकेंगे 72.50 करोड़ रुपये

मंत्रियों समेत सभी विधायकों के वेतन में 30 फीसद कटौती और विधायक निधि से एक साल में एक करोड़ कम होने पर कोविड-19 फंड को हर साल करीब 72.50 करोड़ उपलब्ध हो सकेंगे।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 09 Apr 2020 08:55 AM (IST)Updated: Thu, 09 Apr 2020 08:55 AM (IST)
कोविड फंड को एक साल में उपलब्ध हो सकेंगे 72.50 करोड़ रुपये
कोविड फंड को एक साल में उपलब्ध हो सकेंगे 72.50 करोड़ रुपये

देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में मंत्रियों समेत सभी विधायकों के वेतन में 30 फीसद कटौती और विधायक निधि से एक साल में एक करोड़ कम होने पर कोविड-19 फंड को हर साल करीब 72.50 करोड़ उपलब्ध हो सकेंगे।

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राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को मुख्यमंत्री समेत सभी मंत्रियों, राज्यमंत्रियों और विधायकों के वेतन में 30 फीसद कटौती का निर्णय लिया है। वेतन के साथ भत्‍तों में 30 फीसद कटौती होगी, इसे लेकर स्थिति साफ नहीं है। मंत्रिमंडल ने तय किया है कि केंद्र सरकार के फैसले की तर्ज पर ही राज्य में उक्त कटौती लागू की जाएगी। केंद्रीय मंत्रिमंडल के सदस्यों के वेतन के साथ भत्‍तों की कटौती का निर्णय लिया गया तो उसे राज्य में लागू किया जाएगा। इस पर स्थिति साफ करने के लिए केंद्र सरकार के फैसले की प्रति मंगाई जा रही है।

यदि सिर्फ वेतन में कटौती हुई तो इससे सरकारी खजाने में सालाना करीब डेढ़ करोड़ बचेंगे। मंत्रिमंडल के नौ सदस्यों और एक मनोनीत समेत 71 विधायकों के वेतन में उक्त कटौती से प्रतिमाह सरकारी खजाने को 8,78,400 रुपये की बचत होगी। अलबत्ता, भत्‍तों में भी यही कटौती होने की सूरत में ज्यादा राहत मिलेगी। मुख्यमंत्री अथवा काबीना मंत्री को वेतन-भत्ते समेत 3,42,500 लाख रुपये मिलते हैं। इसमें वेतन की हिस्सेदारी सिर्फ 90 हजार है। 

शेष करीब 2.91 लाख की राशि भत्‍तों की है। मंत्री को 3000 रुपये दैनिक भत्ता मिलता है। वहीं राज्यमंत्री के भत्ते तकरीबन यथावत हैं, उनका वेतन छह हजार रुपये कम यानी 84 हजार रुपये है। इसी तरह विधायक का प्रतिमाह वेतन 30 हजार रुपये है। उक्त सभी को प्रतिमाह निर्वाचन भत्ते के रूप में 1.50 लाख, चालक भत्ता 12 हजार रुपये, सचिवीय भत्ता 12 हजार रुपये, जनसेवा भत्ता 60 हजार रुपये प्रतिमाह और डीजल-पेट्रोल भत्ता 27083 रुपये मिलता है।

इस तरह एक विधायक को वेतन-भत्ते के रूप में प्रतिमाह करीब 2,91083 रुपये मिलते हैं। भत्ते में 30 फीसद कटौती होने की स्थिति में कोविड-19 फंड के लिए ज्यादा धन उपलब्ध हो सकेगा। इसी तरह एक विधायक को एक साल में 3.75 करोड़ रुपये की विधायक निधि मिलती है। इसमें से दो साल तक एक-एक करोड़ कटेंगे। यानी एक साल में अब विधायक के पास उसकी निधि में 2.75 करोड़ शेष रहेंगे। विधायक निधि से कोविड फंड को हर साल 71 करोड़ मिलेंगे। 

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विधायक निधि के मामले में राज्य सरकार ने केंद्र की तर्ज पर फैसला नहीं लिया। केंद्र दो साल तक सभी सांसदों की सांसद निधि के उपयोग पर ही पाबंदी लगा चुका है। राज्य सरकार ने विधायक निधि से आंशिक कटौती कोविड फंड के लिए की है। दरअसल उत्तराखंड मंत्री (वेतन, भत्ता और प्रकीर्ण उपबंध) अधिनियम, 2009 की धारा-12 के तहत यह प्रविधान है कि कोई मंत्री किसी समय ऐसे वेतन या भत्ते या अन्य सुविधाओं का, जिनका वह हकदार है, पूर्णतय या उसके किसी भाग का त्याग कर सकता है।

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