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    देहरादून में मॉडल रोड का सपना अतिक्रमण से चकनाचूर, जेसीबी गरजी; काम अब भी अधूरा

    Updated: Sat, 11 Oct 2025 05:26 PM (IST)

    देहरादून में आईएसबीटी से घंटाघर तक मॉडल रोड बनाने का सपना आठ साल बाद भी अधूरा है। आठ करोड़ रुपये खर्च होने के बाद भी फुटपाथ पर अतिक्रमण है और नाली का काम अधूरा है। 500 से ज्यादा अतिक्रमणों के कारण पैदल चलने वालों को परेशानी हो रही है। गांधी रोड पर दुकानों के कब्जे से जाम की स्थिति बनी रहती है। बिजली के पोल और ट्रांसफार्मर भी अवरोधक बने हुए हैं।

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    आइएसबीटी से घंटाघर तक साढ़े छह किमी की सड़क व फुटपाथ पर 500 से ज्यादा अतिक्रमण. File Photo

    अंकुर अग्रवाल, जागरण देहरादून। आइएसबीटी से घंटाघर तक करीब साढ़े छह किमी लंबी माडल रोड। यानी, ऐसी सड़क जो आदर्श हो। जिस पर फुटपाथ भी बने हों और पैदल चलने वाले आराम से आवागमन कर सकें। वाहनों को भी संचालन में कोई परेशानी न हो। ...लेकिन, माडल रोड का सपना आठ साल बाद भी अधूरा है। साल-2017 में भाजपा की त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में शहरी विकास मंत्री रहे मदन कौशिक ने यह सपना शहरवासियों को दिखाया जरूर था, लेकिन न तो वह अपने सपने को धरातल पर उतार पाए, न ही सरकारी मुलाजिम। माडल रोड तो यह कभी बन नहीं सकी, लेकिन जो प्रयास किए गए, वह भी असफल रहे।

    करीब आठ करोड़ रुपये खर्च कर यहां बनाए गए फुटपाथ पर अतिक्रमण पसरा हुआ है, जबकि नाली का काम अब भी आधा-अधूरा हुआ। यही नहीं, आठ साल पूर्व जहां से अतिक्रमण हटाया गया था, वहां फिर अवैध कब्जे हो चुके हैं। आइएसबीटी से घंटाघर तक माडल रोड पर जहां भी फुटपाथ हैं, वहां अतिक्रमण जिला प्रशासन को मुंह चिढ़ा रहा है। साढ़े छह किमी क्षेत्र में छोटे बड़े 500 से अधिक अतिक्रमण हो गए हैं। माडल रोड के फुटपाथ और नाली से बाहर सड़क तक अतिक्रमण किया हुआ है। शिमला बाईपास से लालपुल, पटेलनगर से सहारनपुर चौक, गांधी रोड से घंटाघर तक यही स्थिति है। आढ़त बाजार के बाटलनेक पर तो परियोजना का काम चल रहा है, लेकिन स्थिति यहां भी बुरी है।

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    जेसीबी गरजी, काम अब भी अधूरा

    पूर्व शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने घंटाघर-आइएसबीटी रोड को अतिक्रमण से मुक्त कर माडल रोड को बनाने का बीड़ा उठाया था। यह उनका ड्रीम प्रोजेक्ट था व कौशिक ने खुद पैदल और ई-रिक्शा में सवार होकर सड़क के वास्तविक हालात देखे थे। उनके आदेश के बाद जून-2017 में इस मार्ग पर जेसीबी गरजी। दर्शनलाल चौक, इनामुल्ला बिल्डिंग, माजरा, निरंजनपुर आदि इलाके में बड़े अतिक्रमण ध्वस्त भी किए गए, लेकिन बाकी जगह सरकारी मशीनरी के कदम रुक गए। जहां अतिक्रमण ध्वस्त हुआ था, वहां नाली, फुटपाथ और रेलिंग के कार्य आधे-अधूरे किए गए।

    फुटपाथ पर लगाए होर्डिंग, सड़क पर पार्किंग

    माडल रोड पर नगर निगम ने दस बड़े होर्डिंग फुटपाथ पर लगा रखे हैं। इन होर्डिंग के चलते फुटपाथ पर कोई भी आवाजाही नहीं कर सकता। अंधेरे में यदि आवाजाही की गई तो होर्डिंग सिर से भी टकरा सकता है। यही नहीं, माजरा में सड़क के दोनों तरफ आठ से ज्यादा प्राइवेट क्रेन फुटपाथ के पास पार्क की गई है। इन क्रेन को हटाने की हिम्मत पुलिस भी नहीं जुटा पाती है। कई बार यह क्रेन दुर्घटना का कारण भी बन गई हैं।

    फुटपाथ पर सजा है कार बाजार

    माजरा से भूसा स्टोर तक तीन किमी में फुटपाथ पर जगह-जगह कार बाजार सजा हुआ है। होटल सुंदर पैलेस के सामने और ब्रिडकुल पास, माजरा, पटेलनगर से लेकर मातावाला बाग तक कार बाजार सजा हुआ है। इन जगह खुलेआम कारें फुटपाथ से लेकर सड़क तक पार्क की जा रहीं। यहां पैदल तो दूर वाहनों की आवाजाही भी मुश्किल होती है। यहां जाम लगने पर पैदल चलने वालों को खासी मुश्किलें उठानी पड़ती है।

    फुटपाथ पर 28 गैराज व 84 वर्कशाप

    साढ़े छह किमी क्षेत्र में 112 गैराज और वर्कशाप फुटपाथ पर सजे हुए है। वर्कशाप में बाइक और कारें रिपेयर करने का काम भी फुटपाथ और सड़क पर होता है। इससे पैदल चलने वालों को राजमार्ग पर जिंदगी खतरे में डालकर आवाजाही करनी पड़ रही है। माजरा, गांधी रोड समेत इनामुल्ला बिल्डिंग के यही हाल हैं।

    गांधी रोड पर कब्जों की भरमार

    प्रिंस चौक से दर्शनलाल चौक के बीच गांधी रोड पर दिन और रात कब्जा हो रखा है। यहां कई दुकानें सड़क तक सजी रहती हैं। दिनभर यहां जाम लगा रहता है। हद यह है कि रात 12 बजे तक होटल व दुकानें फुटपाथ तक सजी रहती हैं। सर्वाधिक खराब हालात फायर स्टेशन के सामने मीट रेस्तरां के बाहर हैं। यह मार्ग संकरा होने के कारण आधी सड़क पर रेस्तरां के ग्राहकों के वाहन खड़े रहते हैं जबकि वहां से गुजर रहे बाकी वाहन चालक जाम में फंसे रहते हैं।

    ट्रांसफार्मर, हैंडपंप और बिजली के पोल भी अवरोधक

    माडल रोड पर अवरोधक बने बिजली के ट्रांसफार्मर, बिजली के पोल, पेड़, हैंडपंप हटाने के निर्देश दिए गए थे, लेकिन साढ़े छह किमी लंबे मार्ग पर 30 से ज्यादा बिजली के पोल, छह ट्रांसफार्मर व तीन हैंडपंप फुटपाथ के बीचोंबीच खड़े हैं। नाली व फुटपाथ निर्माण के समय इन्हें शिफ्ट तक नहीं किया गया।

    पानी में गए आठ करोड़ रुपये

    प्रशासन माडल रोड की कसरत पर आठ करोड़ रुपये खर्च करने का दावा कर रहा है लेकिन मौजूदा हालात में यह बजट पानी में बहाने जैसा लग रहा। कहीं क्षतिग्रस्त नाली दुर्घटना को न्योता दे रही तो कहीं रेलिंग एक इंच भी नहीं लगी हुई है। टाइल्स और स्लैब डालने का काम भी अधूरा है। लालपुल से प्रिंस चौक तक नाली और फुटपाथ बनने से पहले ही टूट गए। यहां नाली 22 स्थानों पर खुली पड़ी है। प्रिंस चौक से गांधी रोड और घंटाघर तक फुटपाथ तो बने, लेकिन रेलिंग का काम पूरा नहीं हुआ। वर्तमान में सड़क पर फुटपाथ न चलने के काम आ रहे और न ही जल निकासी हो पा रही है।

    • माडल रोड पर एक नजर

      विभाग, दूरी, बजट
      लोनिवि प्रांतीय खंड, 01 किमी, दो करोड़
      लोनिवि निर्माण खंड, 3.5 किमी, चार करोड़
      एनएच देहरादून, 02 किमी, तीन करोड़