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छह नवंबर से मिशन 'रिस्पना से ऋषिपर्णा' की शुरुआत

राज्य स्थापना दिवस समारोह के अंतर्गत छह नवंबर से देहरादून में रिस्पना और अल्मोड़ा में कोसी नदी को पुनर्जीवन देने की शुरुआत की जाएगी।

By Sunil NegiEdited By: Published: Fri, 03 Nov 2017 03:01 PM (IST)Updated: Fri, 03 Nov 2017 11:04 PM (IST)
छह नवंबर से मिशन 'रिस्पना से ऋषिपर्णा' की शुरुआत
छह नवंबर से मिशन 'रिस्पना से ऋषिपर्णा' की शुरुआत

देहरादून, [राज्य ब्यूरो]: देहरादून में रिस्पना और अल्मोड़ा में कोसी नदी को पुनर्जीवन देने की शुरुआत राज्य स्थापना दिवस समारोह के अंतर्गत छह नवंबर से की जाएगी। देहरादून में रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण अभियान के शुभारंभ के अवसर पर मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित प्रसिद्ध पर्यावरणविद डॉ. राजेंद्र सिंह, जो जलपुरुष के नाम से भी जाने जाते हैं, भी उपस्थित रहेंगे। सच्चिदानंद भारती को भी इस कार्यक्रम में आंमत्रित किया जाएगा। कोसी नदी का पुनर्जीवीकरण कार्यक्रम अल्मोड़ा में प्रभारी मंत्री एवं स्थानीय विशेषज्ञों की उपस्थिति में शुरू किया जाएगा।

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मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में इको टास्क फोर्स के अधिकारियों के साथ रिस्पना नदी के पुनर्जीवीकरण के लिए कार्ययोजना की रूपरेखा पर चर्चा की। बताया गया कि छह नवंबर को रिस्पना नदी से कूड़ा-कचरा, मलबा हटाने व डिसिल्टिंग का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। 

मुख्यमंत्री ने कहा कि आगामी छह नवंबर को रिस्पना नदी के जल को हाथ में लेकर इसके पुनर्जीवीकरण का संकल्प लेना होगा। उत्तराखंड सरकार का सिंचाई विभाग इसके लिए नोडल विभाग होगा। उन्होंने निर्देश दिए कि आइआइटी रुड़की के विशेषज्ञों, प्रशासन और गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से रिस्पना पुनर्जीवीकरण के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रिस्पना के स्रोत स्थल मसूरी के लंढौर से यह कार्य प्रारंभ किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए की सर्वे कराया जाए कि नदी के कैचमेट एरिया में कितनी संख्या में और कौन-कौन सी प्रजाति के पेड़ लगने हैं। आयोजन पूरी तरह से इको फ्रेंडली होगा। आस-पास के अधिक से अधिक गांवों को इससे जोड़ा जाएगा। 

पूरी रिस्पना नदी के मार्ग में आठ ऐसे स्थान चिह्नित किए गए हैं, जहां आस-पास के गांव वालों तथा स्थानीय लोगों, विद्यार्थियों, स्वैच्छिक श्रमदान करने वालों, गैर सरकारी संगठनों व जूनियर टास्क फोर्स द्वारा श्रमदान कर कूड़ा-कचरा, मलबा हटाने व डिसिल्टिंग का कार्य किया जाएगा।  

उन्होंने कहा कि वृक्षारोपण की तैयारी व जल साफ करने के लिए विशेष एंजाइम युक्त छिड़काव का कार्य आरंभ कर दिया जाएगा। जगह-जगह ट्रेंचों का निर्माण वैज्ञानिक तरीके से किया जाएगा। आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने भी रिस्पना के पुनर्जीवीकरण के लिए हर प्रकार के सहयोग व सहायता का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि हमें पॉलीथीन के प्रयोग को हतोत्साहित करने के लिए जन जागरूकता पर विशेष ध्यान देना होगा। 

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों का आह्वान किया कि 'रिस्पना से ऋषिपर्णा' मिशन के अंर्तगत राज्य सरकार रिस्पना नदी को साफ करने तथा इसके पुराने स्वरूप को लौटाने के लिए प्रयास कर रही हैं लेकिन इसमें राज्यवासियों की सक्रिय भागीदारी जरूरी है। 

मुख्यमंत्री ने हाल ही में उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में वृक्षारोपण के दौरान इको टास्क फोर्स के दो जवानों की मृत्यु हो जाने पर उन जवानों के परिवारों को सहायता राशि देने के निर्देश भी दिए हैं। इन जवानों के आश्रितों को मुख्यमंत्री द्वारा सम्मानित भी किया जाएगा। इस अवसर पर इको टास्क फोर्स के सीओ कर्नल एचआरएस राणा तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

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