Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्तराखंड के मंत्री देंगे समय सीमा में संपत्ति का ब्योरा

    By BhanuEdited By:
    Updated: Fri, 26 May 2017 04:04 AM (IST)

    मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने आचरण सेवा नियमावली के प्रावधानों के मुताबिक मंत्रियों को अपनी और अपने परिवार की संपत्ति का ब्योरा तय समय सीमा में देने के निर्देश दिए।

    उत्तराखंड के मंत्री देंगे समय सीमा में संपत्ति का ब्योरा

    देहरादून, [विकास धूलिया]: सुशासन, पारदर्शिता के साथ ही भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति पर चलने का दावा कर रही उत्तराखंड सरकार के किसी भी मंत्री ने अब तक आचरण सेवा नियमावली के प्रावधानों के मुताबिक अपनी और अपने परिवार की संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया है। नियमावली को जारी हुए ठीक दो महीने का वक्त हो चुका है मगर निर्धारित अवधि में कोई भी मंत्री इस पर खरा नहीं उतरा। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इसे गंभीरता से लेते हुए अब तय समय सीमा में मंत्रियों को इस दिशा में पहल करने के निर्देश दिए हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    गत 18 मार्च को उत्तराखंड में सत्ता संभालने के बाद ही मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस का ऐलान किया। गोपन विभाग ने 23 मार्च को मंत्रियों के लिए आचरण सेवा नियमावली जारी कर सभी मंत्रियों के कार्यालयों में इसकी प्रति भेज दी। 

    नियमावली में प्रावधान है कि मंत्रियों को दो महीने के भीतर अपनी और अपने परिवार की संपत्ति का पूर्ण ब्योरा देना होगा। साथ ही, हर साल 31 अगस्त तक संपत्ति का ब्योरा देने की बाध्यता है। इसके अलावा किसी भी सरकारी पट्टे, लाइसेंस व लाभ के पद का लाभ भी मंत्री नहीं ले सकते। 

    नियमावली में इसका भी जिक्र है कि मंत्री कीमती उपहार स्वीकार नहीं करेंगे और सरकारी दौरों के दौरान सरकारी अतिथि गृहों में ही ठहरेंगे।

    महत्वपूर्ण बात यह नियमावली के प्रावधान के अनुसार दो महीने में किसी भी मंत्री ने गोपन विभाग को अपनी संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया। 

    मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के संज्ञान में यह बात आने पर उन्होंने इसे गंभीरता से लिया है। उन्होंने कहा कि जल्द सभी मंत्री अपनी संपत्ति का ब्योरा दे देंगे। उन्होंने कहा के पारदर्शी शासन और शुचिता भाजपा की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस पर मुख्यमंत्री स्तर से ही कार्य होगा। मंत्रियों द्वारा संपत्ति का विवरण अब तक न देने पर उन्होंने कहा कि संभवतया संवादहीनता से ऐसा हुआ, लेकिन अब सभी मंत्रियों को निर्धारित अवधि में संपूर्ण ब्योरा देने के लिए निर्देशित किया जा रहा है।

    महत्वपूर्ण प्रावधान

    -संपत्ति खरीद-फरोख्त की जानकारी देना अनिवार्य।

    -व्यवसाय, लाइसेंस, पट्टे, परमिट आदि का ब्योरा देने की बाध्यता।

    -किसी नए व्यवसाय को शुरू करने पर इसकी जानकारी देना।

    -ऐसा ऋण न लेना, जिससे सरकारी कार्यों के निर्वहन में बाधा उत्पन्न हो।

    -राजनैतिक उद्देश्यों के लिए धन जमा न करना।

    यह भी पढ़ें: एनएच-74 घोटालाः गड़करी के पत्र से बैकफुट पर सरकार

    यह भी पढ़ें: उत्तराखंड के सीएम अब कसने लगे मंत्रियों की लगाम

    यह भी पढ़ें: बहुरेंगे कण्वाश्रम के दिन, बनेगा राष्ट्रीय धरोहर