रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट बोले, किसी भी आर्डिनेंस फैक्ट्री का नहीं होगा निजीकरण
देहरादून में मंगलवार को आइएचएम में पत्रकारों से बातचीत में क्षा एवं पर्यटन राज्य मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश पूरी तरह सुरक्षित है। मोदी सरकार ने सेना को निर्णय लेने की छूट दी हुई है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। संसद में पारित आर्डिनेंस बिल को लेकर रक्षा संस्थानों से जुड़े कर्मचारियों की आशंकाओं को रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री अजय भट्ट ने निर्मूल करार दिया है। उन्होंने कहा कि रक्षा उपकरण बनाने वाली किसी भी आर्डिनेंस फैक्ट्री के निजीकरण की सरकार की कहीं से कोई मंशा नहीं है। उन्होंने कहा कि देश में रक्षा क्षेत्र की 41 फैक्ट्रियां हैं, जिनके कामकाज के बेहतर प्रबंधन को सात डिफेंस पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग (डीपीएसयू) बनाए जा रहे हैं। ये सभी सरकारी हैं। इससे कर्मचारी हितों पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
केंद्रीय राज्यमंत्री भट्ट मंगलवार को यहां उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के परिसर स्थित आइएचएम सभागार में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कुछ लोग डीपीएसयू को लेकर बेवजह तूल दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि सुरक्षा समेत अन्य कारणों के मद्देनजर रक्षा संस्थानों में सालभर के लिए हड़ताल पर प्रतिबंध लगाया गया है। इससे संबंधित आदेश में 'सनसेट क्लाज' भी लगाया गया है। यानी, इस अवधि में कोई हड़ताल नहीं होती है तो यह सालभर बाद स्वत: ही समाप्त हो जाएगा।
मोदी के नेतृत्व में सुरक्षित है देश
भट्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहा है। रक्षा क्षेत्र में भी हम पहली बार आत्मनिर्भर हो रहे हैं। पहले हमें एक कील तक विदेश से मंगानी पड़ती थी, आज भारत ने 11 हजार करोड़ रुपये का सैनिक साजोसामान निर्यात किया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सेना को अधिकार दिया है कि वह परिस्थितियों के अनुरूप जैसा चाहे निर्णय ले सकती है। सीमा पर जिसने भी कोई दुस्साहस किया, उसे हमारे सैनिकों ने माकूल जवाब दिया है। साथ ही भारत ने दुनिया को दिखा दिया है कि वह पहले वाला भारत नहीं है।
उन्होंने कहा कि जो लोग कहते हैं कि चीन सीमा पर घुसपैठ हुई, उन्हें जानकारी नहीं है। आपसी बातचीत के आधार पर ससम्मान दोनों पक्ष पीछे हटे हैं। गलवन क्षेत्र में पैंगोंग झील का निरीक्षण करने के बाद विपक्ष ने भी माना है कि इसे लेकर कुछ गलतफहमी थी। उन्होंने कहा कि सीमा पर आवश्यक सुविधाएं जुटाई जा रही हैं। पूर्वी लद्दाख में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी उमलिंगला (19300 फीट) तक सड़क पहुंची है। अटल टनल से रोजाना सात करोड़ रुपये की बचत हो रही है। उन्होंने कहा कि अगले माह वह मानसरोवर का दौरा करेंगे। मानसरोवर के लिए तवाघाट तक सड़क का काम तेजी से चल रहा है।
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