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    Mining In Swarna River: देहरादून की स्वारना नदी में खनन शुरू, घटेंगे निर्माण सामग्री के दाम

    By Raksha PanthariEdited By:
    Updated: Mon, 07 Dec 2020 01:02 PM (IST)

    दून में निर्माण कार्यों के लिए बालू बजरी और बोल्डर की कमी न सिर्फ दूर होगी बल्कि इनके दाम भी घटेंगे। रविवार से विकासनगर क्षेत्र की स्वारना नदी में खनन (उप खनिज चुगान) शुरू कर दिया गया। अभी यह दून की एकमात्र नदी है जिसमें खनन आरंभ हो सका है।

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    देहरादून की स्वारना नदी में खनन शुरू, घटेंगे निर्माण सामग्री के दाम।

    जागरण संवाददाता, देहरादून। Mining In Dehradun दून में निर्माण कार्यों के लिए बालू, बजरी और बोल्डर की कमी न सिर्फ दूर होगी, बल्कि इनके दाम भी घटेंगे। रविवार से विकासनगर क्षेत्र की स्वारना नदी में खनन (उप खनिज चुगान) शुरू कर दिया गया। अभी यह दून की एकमात्र नदी है, जिसमें खनन आरंभ हो सका है।

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    खनन के इस पट्टे का उद्घाटन वन विकास निगम के अध्यक्ष सुरेश परिहार ने किया। इस अवसर पर निगम के महाप्रबंधक निशांत वर्मा ने बताया कि उप खनिज की निकासी राजावाला गेट से की जाएगी। नदी के 23.74 हेक्टेयर भाग से प्रति वर्ष 2.16 लाख मीट्रिक टन उप खनिज निकाला जा सकेगा। खनन का यह पट्टा निगम को पांच साल के लिए दिया गया है।

    यह अवधि पूर्ण होने पर पर्यावरण प्रभाव आकलन किया जाएगा और फिर पट्टे की अवधि बढ़ाई जा सकती है। महाप्रबंधक के मुताबिक दून में जाखन और सौंग नदी में खनन बीते मार्च से बंद है। ऐसे में निर्माण सामग्री के लिए हरिद्वार व पांवटा साहिब (हिमाचल प्रदेश) पर निर्भरता बढ़ गई थी। भारी-भरकम ढुलान देने के चलते सामग्री ज्यादा दाम पर मिल रही थी।

    पर्यावरण संबंधी औपचारिकताओं के चलते खनन पट्टा बंद

    जाखन और सौंग नदी क्षेत्र के खनन पट्टे पर्यावरण प्रभाव आकलन की रिपोर्ट के चलते बंद हैं। इसको लेकर वन विकास निगम ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को रिपोर्ट भी भेजी थी। कुछ आपत्तियों के साथ रिपोर्ट लौटा दी गई। निगम के महाप्रबंधक निशांत वर्मा का कहना है कि केंद्र सरकार से निरंतर बात चल रही है। आपत्तियों का निराकरण किया जा रहा है। उम्मीद है कि बाकी खनन पट्टों को भी अनुमति प्राप्त हो जाएगी। इन दोनों नदियों से प्रतिवर्ष करीब सात लाख टन उप खनिज प्राप्त होता है। 

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