उत्तराखंड में सजा विदेशी पंछियों का संसार, सात प्रजातियों के प्रवासी पक्षी पहुंचे आसन वेटलैंड
उत्तराखंड के आसन वेटलैंड में गैडवाल, यूरेशियन विजन समेत सात प्रजातियों के प्रवासी पक्षी पहुंचे हैं, जिससे यहां पक्षियों की संख्या 1200 तक पहुंच गई है। आसन वेटलैंड, जो राज्य की पहली रामसर साइट है, इन विदेशी मेहमानों के लिए एक महत्वपूर्ण ठिकाना बन गया है। पक्षियों की बढ़ती संख्या से पक्षी प्रेमियों में उत्साह है और वन विभाग इनकी सुरक्षा में जुटा है।

पक्षियों की बढ़ती संख्या ने पक्षी प्रेमियों को भी किया है आकर्षित। जागरण
जागरण संवाददाता, विकासनगर । उत्तराखंड की पहली रामसर साइट और देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व आसन वेटलैंड में विभिन्न सात प्रजातियों के प्रवासी पक्षियों ने दस्तक दी है। इनमें गैडवाल, यूरेशियन विजन, टफ्ड डक, रेड नेप्ड आइबीज, ग्रे लेग गूज, नार्दन शावलर और फेरीजिनस पोचार्ड शामिल हैं। इन पक्षियों के आगमन से आसन वेटलैंड में पक्षियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
वर्तमान में आसन वेटलैंड में रुडी शेलडक, कामन कूट, गैडवाल, यूरेशियन विजन, टफ्ड डक, रेड नेप्ड आइबीज, ग्रे लेग गूज, नार्दन शावलर, फेरीजिनस पोचार्ड और नाब बिल्ड डक जैसी प्रजातियों के परिंदे प्रवास के लिए आ चुके हैं। इस कारण प्रवासी पक्षियों की कुल संख्या 1200 तक पहुंच गई है। पक्षियों की बढ़ती संख्या ने पक्षी प्रेमियों को भी बर्ड वाचिंग के लिए आकर्षित किया है।
आसन नमभूमि में सबसे पहले सुर्खाब का आगमन हुआ था। इस पक्षी की संख्या अब लगभग 500 हो चुकी है। चकराता वन प्रभाग की टीम प्रतिदिन प्रवासी पक्षियों की गणना कर रही है। वन दारोगा प्रदीप सक्सेना के अनुसार डीएफओ वैभव सिंह के निर्देश पर पक्षियों की सुरक्षा के लिए निरंतर गश्त की जा रही है। अक्टूबर के अंत तक अधिकांश प्रवासी प्रजातियों के पक्षियों के यहां पहुंचने की संभावना है।
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