Uttarakhand के युवाओं की उम्मीदों पर ग्रहण लगा रही सिस्टम की सुस्ती, अच्छे नंबर लाने के बावजूद MBBS में नहीं मिलेगा दाखिला
Medical College in Uttarakhand प्रदेश के तीन जिले हरिद्वार ऊधमसिंह नगर और पिथौरागढ़ में मेडिकल कालेज का निर्माण चल रहा है। पर सिस्टम की सुस्ती के कार ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, देहरादून: Medical College in Uttarakhand: नीट में अच्छे नंबर लाने के बावजूद उत्तराखंड के कई छात्र इस बार प्रदेश के राजकीय मेडिकल कालेजों में दाखिले से महरूम रह जाएंगे। नीट की हाई कटआफ ने तो दाखिले की राह मुश्किल की ही है, एमबीबीएस की सीट सीमित होना भी इसका एक कारण है। प्रदेश के तीन जिले हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर और पिथौरागढ़ में मेडिकल कालेज का निर्माण चल रहा है। पर सिस्टम की सुस्ती के कारण एमबीबीएस में दाखिले के ख्वाहिशमंद युवाओं का इंतजार बढ़ता जा रहा है।
रुद्रपुर मेडिकल कालेज: पुराना ढांचा तोड़कर नए सिरे से काम
रुद्रपुर में मेडिकल कालेज का निर्माण कार्य पिछले कई साल से चल रहा है। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने ईपीआइएल कंपनी को निर्माण कार्य सौंपा था। लेकिन, आइआइटी रुड़की की जांच में निर्माण कार्यों की गुणवत्ता घटिया पाई गई। जिस पर 14 भवन के ढांचे को तोड़कर अब नए सिरे से निर्माण किया जा रहा है। निर्माण की जिम्मा अब पेयजल निर्माण निगम को सौंपा गया है, जिसमें अभी लंबा वक्त लगेगा।
पिथौरागढ़ मेडिकल कालेज : 60 प्रतिशत से अधिक निर्माण बाकी
राजकीय मेडिकल कालेज पिथौरागढ़ का निर्माण भी सुस्त गति से चल रहा है। यहां निर्माण कार्य एनपीसीसी कंपनी को दिया गया था। शासन की ओर से कई बार कंपनियों को नोटिस जारी कर निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए निर्देश दिए, इसके बावजूद कंपनी काम में हीलाहवाली करती थी। जिस पर कंपनी को बाहर का रास्ता दिखाकर पेयजल निगम को काम सौंपा गया। पर निर्माण अभी भी गति नहीं पकड़ पाया है। बताया गया कि मेडिकल कालेज का 60 प्रतिशत से अधिक काम अभी भी बाकी है।
हरिद्वार मेडिकल कालेज : इस साल शुरू होने का था दावा
हरिद्वार जिले के जगजीतपुर में निर्मित राजकीय मेडिकल कालेज में इस साल एमबीबीएस कोर्स शुरू होने की संभावना कम दिखाई दे रही है। बीते वर्ष दिसंबर माह में सरकार ने मेडिकल कालेज में फैकल्टी के लिए असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, नर्सिंग, टेक्निकल व अन्य कर्मचारियों के 950 पद सृजित करने की मंजूरी दी थी। लेकिन अभी तक इन पदों पर नियुक्ति नहीं हो पाई है।
चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मेडिकल कालेज की मान्यता के लिए नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) में आवेदन किया है, पर जब तक फैकल्टी व अन्य कर्मचारियों के साथ ही चिकित्सा उपकरण की व्यवस्था नहीं की जाती है तब तक मान्यता मिलना भी मुश्किल है।
हरिद्वार मेडिकल कालेज की मान्यता के लिए एनएमसी में आवेदन किया हुआ है। आचार संहिता के कारण नियुक्तियों में देरी हुई। मान्यता के लिए हर स्तर से प्रयास किया जा रहा है। वहीं, रुद्रपुर व पिथौरागढ़ मेडिकल कालेज के निर्माण में तेजी लाई जा रही है। निर्माण एजेंसी को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं।
- डा. आशुतोष सयाना, निदेशक चिकित्सा शिक्षा

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