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    Dehradun में चला एमडीडीए का बुलडोजर, 150 बीघा प्लाटिंग तोड़ी; एक दर्जन बहुमंजिला भवन सील

    Updated: Thu, 11 Sep 2025 03:48 PM (IST)

    मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने अवैध निर्माण के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की है। एक महीने में 150 बीघा से ज्यादा अवैध प्लाटिंग तोड़ी गई और दर्जन भर इमारतें सील की गईं। एमडीडीए उपाध्यक्ष ने कहा कि अवैध निर्माण पर जीरो टॉलरेंस की नीति जारी रहेगी। जनता से अपील की गई है कि वे प्रॉपर्टी खरीदने से पहले एमडीडीए से जांच जरूर करें।

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    एमडीडीए ने बीते एक माह में अवैध निर्माण पर की गई कार्रवाई का ब्योरा किया प्रस्तुत.

    जागरण संवाददाता, देहरादून। अवैध निर्माण पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के सख्त निर्देशों के अनुपालन में मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने सघन अभियान छेड़ रखा है। इस दिशा में एक माह में की गई कार्रवाई का ब्योरा भी एमडीडीए उपाध्यक्ष ने सामने रखा। उन्होंने कहा कि 150 बीघा से अधिक की अवैध प्लाटिंग तोड़ी गई है, जबकि एक दर्ज से अधिक बहुमंजिला भवनों पर सील भी लगाई गई।

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    अवैध निर्माण पर इन इलाकों में हुई कार्रवाई

    डोईवाला के झाबरावाला में 18 बीघा, रानीपोखरी के डांडी गांव में 12 बीघा, भानियावाला के बक्सरवाला में 25 बीघा और हरिद्वार रोड स्थित साईं मंदिर के निकट 40 बीघा अवैध प्लाटिंग को ध्वस्त किया गया। इसके अलावा शीशमबाड़ा क्षेत्र में 10 बीघा और रूपनगर बद्रीपुर में पांच बीघा अवैध प्लाटिंग को गिराया गया।

    वहीं, माजरी ग्रांट, हरिद्वार रोड, नेहरू कालोनी, सहस्रधारा रोड और शिमला बाईपास हिंदूवाला क्षेत्र में कई अवैध निर्माणों को सील किया गया। सबसे बड़ी कार्रवाई ऋषिकेश में हुई, जहां निर्मल बाग, वीरभद्र रोड, गली नंबर 10-11 और कोयल ग्रांट सहित कई जगहों पर एक दर्जन से अधिक बहुमंजिला इमारतों को सील कर दिया गया।

    जारी रहेगा अभियान, तेज होगी कार्रवाई

    एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी की मंशा स्पष्ट है कि अवैध प्लाटिंग और नियमविरुद्ध निर्माण किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं होंगे। उन्होंने दोहराया कि यह कार्रवाई आख़िरी कदम नहीं है, बल्कि आगे भी लगातार जारी रहेगी और हर उस जगह पहुंचा जाएगा, जहां मानकों के विरुद्ध ढांचा खड़ा किया गया है।

    जनता को चेतावनी और अपील भी की

    प्राधिकरण ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे भू-माफिया के झांसे में न आएं और किसी भी प्लाट या निर्माण की खरीद से पहले उसकी वैधता की पुष्टि एमडीडीए से अवश्य करें। बिना अनुमति की प्लाटिंग या निर्माण भविष्य में आर्थिक नुकसान और कानूनी संकट खड़ा कर सकते हैं।

    योजनाबद्ध विकास और बुलडोज़र की सख्ती

    उपाध्यक्ष तिवारी ने कहा कि उत्तराखंड की खूबसूरती और योजनाबद्ध विकास को बनाए रखने के लिए कठोर कदम उठाना ज़रूरी है। अवैध निर्माण न केवल पर्यावरण और भूगोल को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि प्रदेश की पहचान और भविष्य के लिए भी खतरा हैं। बुलडोज़र और पुलिस बल की मौजूदगी में की गई इस कार्रवाई ने अवैध प्लाटिंग व निर्माण माफिया को कड़ा संदेश दिया है।