ऋषिकेश क्षेत्र एचआरडीए से मुक्त, एमडीडीए का नियंत्रण लागू Dehradun News
हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण से ऋषिकेश का नियंत्रण समाप्त हो जाने के बाद अब मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण ने पूरे क्षेत्र को अपने नियंत्रण में ले लिया है।
देहरादून, जेएनएन। हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण (एचआरडीए) से ऋषिकेश का नियंत्रण समाप्त हो जाने के बाद अब मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने पूरे क्षेत्र को अपने नियंत्रण में ले लिया है। इसके साथ ही उपाध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने ऋषिकेश क्षेत्र के लिए अधिकारियों व कर्मचारियों की तैनाती भी कर दी है। यह निर्णय त्वरित रूप से इसलिए भी लिया गया है कि ऋषिकेश क्षेत्र में एचआरडीए का नियंत्रण समाप्त हो जाने के बाद अवैध निर्माण की आशंका बढ़ने लगी थी।
एमडीडीए उपाध्यक्ष के आदेश के मुताबिक अब तक विकासनगर (पूर्व में साडा क्षेत्र) की जिम्मेदारी देख रहे सचिव एसएल सेमवाल को ऋषिकेश क्षेत्र का भी जिम्मा दिया गया है। इसके अलावा मसूरी क्षेत्र के अधिशासी अभियंता श्याम मोहन शर्मा को यहां का भी अतिरिक्त कार्यभार दिया गया है। सहायक अभियंता के रूप में मनोज कुमार जोशी व अवर अभियंता की जिम्मेदारी संजीव अग्रवाल को दी गई है।
उपाध्यक्ष डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि ऋषिकेश क्षेत्र के लिए वाद लिपिक की तैनाती भी कर दी जाएगी। वहीं, उप सचिव रश्मि राणा को ऋषिकेश क्षेत्र के दस्तावेजों को सूचीबद्ध करने के लिए कहा गया है। तैयारी है कि सोमवार से संबंधित क्षेत्र से भवन निर्माण के नक्शे स्वीकार कर लिए जाएंगे व अन्य प्रकरणों पर भी नियमानुसार कार्रवाई शुरू कर दी जाएगी।
सीपीडब्ल्यूडी को सड़कों की हरियाली का जिम्मा
मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने शहर की प्रमुख सड़कों के डिवाइडर के बीच की हरियाली की देखरेख की जिम्मेदारी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) को दी है। प्रयोग के तौर पर इसकी शुरुआत तीन सड़कों से की गई है। सीपीडब्ल्यूडी दिल्ली की प्रमुख सड़कों पर यही जिम्मेदारी संभालती है, लिहाजा इसी आधार पर केंद्रीय निर्माण एजेंसी का चयन किया गया।
एमडीडीए उपाध्यक्ष डॉ. आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि सीपीडब्ल्यूडी राजपुर रोड के पूरे हिस्से, हरिद्वार रोड पर मोहकमपुर से रिस्पना पुल तक व घंटाघर से लेकर दर्शनलाल चौक के बीच के हिस्से पर प्रयोग के तौर पर काम करेगी। इसके तहत केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी डिवाइडर के बीच की हरियाली की देखरेख करेगी और उसे व्यवस्थित बनाने का काम करेगी।
यह भी पढ़ें: अब एमडीडीए में नहीं दबेगी अवैध निर्माण की फाइल Dehradun News
यह निर्णय इसलिए भी लिया गया है, क्योंकि एमडीडीए के पास एकमात्र उद्यान अधिकारी एआर जोशी हैं और उनके साथ स्टाफ की भी कमी है। हालांकि, वह प्रयोग के रूप में किए जा रहे सीपीडब्ल्यूडी के काम की निगरानी करेंगे। इसके बाद वह रिपोर्ट देंगे। फिर तय किया जाएगा कि सीपीडब्ल्यूडी को अन्य सड़कों का जिम्मा दिया जाना चाहिए या नहीं।
यह भी पढ़ें: एमडीडीए ने वेबसाइट पर डाली अवैध प्लॉटिंग की सूची, पढ़िए पूरी खबर